डिंडौरी। प्रदेश सहित पूरे डिंडौरी जिले में दीवाली पर्व के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. इस दिन ग्रामीण अंचलों में गायों को सुंदर और आकर्षक तरीके से सजाया जाता है, उनकी विधि विधान से पूजा पाठ की जाती है, लेकिन आपको एक आज ऐसे गांव की परंपरा से रूबरू करा रहे हैं, जहां ग्रामीण आज के दिन पहले तो उपवास रखते हैं. फिर तैयार होकर छोटे बछड़े के नीचे से उन्हें गुजरना पड़ता है.
इस परंपरा के अनुसार रीना- शैला गीत गाकर महिला पुरुष नाचते गाते हैं. मान्यता है कि बछड़े के दोनों पैर के बीच से गुजरने से सुख शांति और समृद्धता आती है. इसी तरह कुछ हट कर होता है कला पड़रिया गांव में, जहां एक अनोखी परंपरा के अनुसार गांव का ग्वाल धारदार हथियार की धार के ऊपर नृत्य करता है.
इस परंपरा को देखने गांव सहित आस- पास के हजारों लोग पहुंचते हैं. गांव के बुजुर्ग की मानें तो इस गांव में सैकड़ों सालों से यह परंपरा चली आ रही है. गांव के ग्वाल पटेल का कहना है कि दीपावली की रात को विधि विधान से धारदार हथियार (फरसे) की पूजा की जाती है. इसके बाद उसे दूसरे दिन इस उत्सव मनाने में के दौरान उपयोग में लाया जाता है. गांव की महिला भी इस दौरान कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं.