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डिंडौरी: मनरेगा में हो रहा भ्रष्टाचार, बिना काम कराए निकाली जा रही राशि - मनरेगा में भ्रष्टाचार

डिंडौरी में मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से रोजगार सहायक की शिकायत की है.

villagers Protest
विरोध करते ग्रामीण
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Published : May 22, 2020, 11:21 AM IST

डिंडौरी। जिले की देवरी ग्राम पंचायत की जनता मनरेगा कार्य स्थल पर 'रोजगार सहायक हटाओ गांव बचाओ' के नारे लगाए, ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोना महामारी में भी ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है. जो शख्स 20 से 25 साल से बाहर रह रहा है, उसके नाम से फर्जी हाजिरी जॉब कार्ड में डालकर पैसे निकाल लिया जाता है. इसी तरह 40-50 लोगों के नाम पर पैसा निकाला जा रहा है.

मनरेगा में हो रहा भ्रष्टाचार

ग्रामीण जनता मनरेगा के तहत काम करके लॉकडाउन में अपनी गृहस्थी चला रही है, जबकि ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक गंभीर पडवार तीन गांवों में काम कराए बिना ही मजदूरों के नाम से राशि निकाल रहा है, जबकि काम होने का बावजूद मजदूरों से काम नहीं कराया जा रहा है.

भीषण गर्मी में पीने के पानी और बाहरी निस्तार के पानी के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं, जिसे पंचायत द्वारा अनसुना किया जा रहा है. मनरेगा के तहत पानी की समस्या को दूर करने के लिए डैम, तालाब, झील, कुआं आदि सफाई के कार्य कराने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. गांव में टैंकर से भी पानी की सुविधा नहीं दी जा रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार सहायक अपनी ही जमीन पर काम करवा रहा है. मनरेगा में मिलने वाली राशि 190 रुपये है, लेकिन 178 रुपये की राशि पंचायत द्वारा दी जा रही है. जिससे देवरी की जनता में आक्रोश है. रोजगार सहायक को हटाने के लिए ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत पत्र दिया है.

डिंडौरी। जिले की देवरी ग्राम पंचायत की जनता मनरेगा कार्य स्थल पर 'रोजगार सहायक हटाओ गांव बचाओ' के नारे लगाए, ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोना महामारी में भी ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा है. जो शख्स 20 से 25 साल से बाहर रह रहा है, उसके नाम से फर्जी हाजिरी जॉब कार्ड में डालकर पैसे निकाल लिया जाता है. इसी तरह 40-50 लोगों के नाम पर पैसा निकाला जा रहा है.

मनरेगा में हो रहा भ्रष्टाचार

ग्रामीण जनता मनरेगा के तहत काम करके लॉकडाउन में अपनी गृहस्थी चला रही है, जबकि ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक गंभीर पडवार तीन गांवों में काम कराए बिना ही मजदूरों के नाम से राशि निकाल रहा है, जबकि काम होने का बावजूद मजदूरों से काम नहीं कराया जा रहा है.

भीषण गर्मी में पीने के पानी और बाहरी निस्तार के पानी के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं, जिसे पंचायत द्वारा अनसुना किया जा रहा है. मनरेगा के तहत पानी की समस्या को दूर करने के लिए डैम, तालाब, झील, कुआं आदि सफाई के कार्य कराने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. गांव में टैंकर से भी पानी की सुविधा नहीं दी जा रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार सहायक अपनी ही जमीन पर काम करवा रहा है. मनरेगा में मिलने वाली राशि 190 रुपये है, लेकिन 178 रुपये की राशि पंचायत द्वारा दी जा रही है. जिससे देवरी की जनता में आक्रोश है. रोजगार सहायक को हटाने के लिए ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत पत्र दिया है.

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