डिंडौरी। मुख्यालय में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण बीते 8 सालों से कछुए की चाल से हो रहा है. 2011 में शासन ने निर्माण के लिए स्वीकृति देकर 6 करोड़ 39 लाख की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन जिस फर्म को काम दिया गया था, उसने राशि से ज्यादा खर्च कर काम बंद कर दिया था. अब भी न्यायालय भवन का काम अधूरा है. वहीं जिम्मेदार मामले में जांच की मांग कर रहे हैं.
जिला मुख्यालय में बन रहे नवीन न्यायालय भवन की निर्माण एजेंसी पीडब्लूडी विभाग है. जिसे निर्माण की स्वीकृति 02 सितंबर 2011 को मिली थी. इसके बाद जबलपुर की एक फर्म ने स्वीकृत राशि 6 करोड़ 39 लाख से ज्यादा 7 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च कर दिए और ज्यादा राशि नहीं मिलने पर काम बंद कर दिया. जिसके बाद काम फिर से शुरू करने के लिए विभाग को तीन साल और इंतजार करना पड़ा.
4 जनवरी 2017 में फिर से 3 करोड़ 72 लाख स्वीकृत किए गए और शहडोल की कंपनी को काम मिला, लेकिन आज जून 2019 तक स्थिति जस की तस है और न्यायालय भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. अब इसमें कुछ महीने और लग सकते हैं.
पीडब्लूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर आवंटित राशि का 6 प्रतिशत काटकर भुगतान करने की बात कह रहे हैं, जबकि 8 वर्ष बीत जाने के बाद नवीन न्यायालय भवन का निर्माण खर्च बढ़कर अब 11 करोड़ 25 लाख रुपये हो गया है.