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8 साल बीतने के बाद भी न्यायालय भवन का निर्माण अधूरा, जिम्मेदार कह रहे कार्रवाई की बात - mp news

PWD विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल 8 साल बीत जाने के बाद भी न्यायालय भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है.

न्यायीक भवन
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Published : Jun 29, 2019, 10:09 AM IST

डिंडौरी। मुख्यालय में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण बीते 8 सालों से कछुए की चाल से हो रहा है. 2011 में शासन ने निर्माण के लिए स्वीकृति देकर 6 करोड़ 39 लाख की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन जिस फर्म को काम दिया गया था, उसने राशि से ज्यादा खर्च कर काम बंद कर दिया था. अब भी न्यायालय भवन का काम अधूरा है. वहीं जिम्मेदार मामले में जांच की मांग कर रहे हैं.

अधूरा पड़ा निर्माण कार्य

जिला मुख्यालय में बन रहे नवीन न्यायालय भवन की निर्माण एजेंसी पीडब्लूडी विभाग है. जिसे निर्माण की स्वीकृति 02 सितंबर 2011 को मिली थी. इसके बाद जबलपुर की एक फर्म ने स्वीकृत राशि 6 करोड़ 39 लाख से ज्यादा 7 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च कर दिए और ज्यादा राशि नहीं मिलने पर काम बंद कर दिया. जिसके बाद काम फिर से शुरू करने के लिए विभाग को तीन साल और इंतजार करना पड़ा.

4 जनवरी 2017 में फिर से 3 करोड़ 72 लाख स्वीकृत किए गए और शहडोल की कंपनी को काम मिला, लेकिन आज जून 2019 तक स्थिति जस की तस है और न्यायालय भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. अब इसमें कुछ महीने और लग सकते हैं.

पीडब्लूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर आवंटित राशि का 6 प्रतिशत काटकर भुगतान करने की बात कह रहे हैं, जबकि 8 वर्ष बीत जाने के बाद नवीन न्यायालय भवन का निर्माण खर्च बढ़कर अब 11 करोड़ 25 लाख रुपये हो गया है.

डिंडौरी। मुख्यालय में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण बीते 8 सालों से कछुए की चाल से हो रहा है. 2011 में शासन ने निर्माण के लिए स्वीकृति देकर 6 करोड़ 39 लाख की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन जिस फर्म को काम दिया गया था, उसने राशि से ज्यादा खर्च कर काम बंद कर दिया था. अब भी न्यायालय भवन का काम अधूरा है. वहीं जिम्मेदार मामले में जांच की मांग कर रहे हैं.

अधूरा पड़ा निर्माण कार्य

जिला मुख्यालय में बन रहे नवीन न्यायालय भवन की निर्माण एजेंसी पीडब्लूडी विभाग है. जिसे निर्माण की स्वीकृति 02 सितंबर 2011 को मिली थी. इसके बाद जबलपुर की एक फर्म ने स्वीकृत राशि 6 करोड़ 39 लाख से ज्यादा 7 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च कर दिए और ज्यादा राशि नहीं मिलने पर काम बंद कर दिया. जिसके बाद काम फिर से शुरू करने के लिए विभाग को तीन साल और इंतजार करना पड़ा.

4 जनवरी 2017 में फिर से 3 करोड़ 72 लाख स्वीकृत किए गए और शहडोल की कंपनी को काम मिला, लेकिन आज जून 2019 तक स्थिति जस की तस है और न्यायालय भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. अब इसमें कुछ महीने और लग सकते हैं.

पीडब्लूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर आवंटित राशि का 6 प्रतिशत काटकर भुगतान करने की बात कह रहे हैं, जबकि 8 वर्ष बीत जाने के बाद नवीन न्यायालय भवन का निर्माण खर्च बढ़कर अब 11 करोड़ 25 लाख रुपये हो गया है.

Intro:एंकर _ डिंडौरी मुख्यालय में नवीन न्यायालय भवन का निर्माण बीते 8 वर्षो से कछुए की चाल से हो रहा हैं।इस भवन के निर्माण की स्वीकृति शासन ने वर्ष 2011 में दी थी जिसके लिए राशि 6 करोड़ 39 लाख रुपये आवंटित की गई थी लेकिन हैरत की बात है कि जिस जबलपुर की फर्म को इसका काम दिया गया था उसने लागत राशि से ज्यादा खर्च कर काम बंद कर इसे अधूरा छोड़ दिया था।वही पीडब्लूडी विभाग द्वारा शासन से पुनः अधिक राशि की डिमांड की गई जिसे मिलने के बाद भी दूसरे ठेकेदार द्वारा आज दिन तक पूरा नही किया जा सका है वही विभाग के जिम्मेदार मामला मीडिया में आने के बाद कार्यवाही की बात कह रहे है।


Body:वि ओ 01 _ दरअसल जिला मुख्यालय में बन रहे नवीन न्यायालय भवन की निर्माण एजेंसी पीडब्लूडी विभाग है जिसे निर्माण की स्वीकृति 02 सितंबर 2011 को मिली थी इस भवन के निर्माण के लिए विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया 11 जून 2012 अपनाया गया जिसका काम जबलपुर की फर्म राजेन्द्र पटेरिया को मिला।लेकिन विभाग के अधिकारी के बताए अनुसार उस ठेकेदार के द्वारा भवन की लागत राशि 6 करोड़ 39 लाख से अधिक खर्च 7 करोड़ 50 लाख रुपये निर्माण में किया गया और राशि न मिलने पर काम बंद कर दिया गया। शासन से भवन निर्माण की दोबारा राशि के लिए भवन का फिर से प्राकलन तैयार कर मध्यप्रदेश शासन को भेजा गया इसके लिए विभाग को पूरे 3 वर्ष 4 माह इंतजार करना पड़ा।

वही नवीन न्यायालय भवन निर्माण के लिए 04 जनवरी 2017 को शासन से 3 करोड़ 72 लाख राशि स्वीकृत हुई जिसके लिए दोबारा टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई जिसमे काम कुमार शानू एन्ड कंपनी शहडोल को मिला।लेकिन जून 2019 बीत जाने के बावजूद अब तक ठेकेदार द्वारा नवीन न्यायालय का कार्य अपूर्ण है जिसमे कुछ महीने ओर लग सकते है।वही मीडिया द्वारा सवाल करने पर पीडब्लूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एम एस धुर्वे संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्यवाही कर आवंटित राशि का 6 प्रतिशत काट कर भुगतान करने की बात कह रहे है।जबकि 8 वर्ष बीत जाने के बाद नवीन न्यायालय भवन का निर्माण खर्च बढ़कर अब 11 करोड़ 25 लाख रुपये हो गया है।


Conclusion:बाइट 01 एम एस धुर्वे,एग्जिक्यूटिव इंजीनियर पीडब्लूडी विभाग ,डिंडौरी
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