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डिंडौरी: खुलकर सामने आई कांग्रेस की गुटबाजी, कमलनाथ के मंत्री के खिलाफ आए पार्टी के दूसरे नेता

डिंडोरी जिले में कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है. कांग्रेस नेता और वकील इरफान मलिक पर एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज होने के बाद जिला अधिवक्ता संघ ने उनके समर्थन में खड़ा हो गया है. मामले में मंत्री ओमकार सिंह मरकार पर भी निशाना साधा गया है.

कांग्रेस नेता इरफान मलिक
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Published : Jul 31, 2019, 8:30 PM IST

डिंडोरी। कांग्रेस नेता और वकील इरफान मलिक पर एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज होने के बाद डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ उनके समर्थन में खड़ा हो गया है. अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ता इरफान मलिक पर एक पक्षीय और राजनीतिक प्रभाव के दबाव में एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. इरफान मलिक मामले में अधिवक्ता संघ ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग है और जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं.

डिंडौरी: खुलकर सामने आई कांग्रेस की गुटबाजी

इरफान मलिक ने कहा कि उनके उपर लगाएं गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि उनके उपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. राजनीतिक करियर को खराब करने के लिए यह कार्रवाई दबाव में की गई है. मलिक ने कहा कि वे 30 वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में जुड़े है और कई लोगों के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उनका कद बढ़ सकता है, इसी के चलते कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है. इरफान मलिक का कहना है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष से उन्हें आश्वासन मिला है और पार्टी उनके साथ है.

अधिवक्ता संघ का कहना है कि डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का स्थानीय विधायक और मंत्री ओमकार मरकाम द्वारा विरोध किया गया था. जिस पर उनके अधिवक्ता संघ ने मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था. जबकि कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसी के चलते इरफान मलिक पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है.

इरफान मलिक पर शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी अजीत धुर्वे ने आरोप लगाया है कि, उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाए जाने के नाम पर तीन लाख अस्सी हजार रुपए लिए थे. लेकिन जब उसने पैसा वापस मांगा तो इरफान मलिक ने जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए उसके साथ गाली गलौज की थी. मामले में पुलिस ने एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया था.

डिंडोरी। कांग्रेस नेता और वकील इरफान मलिक पर एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज होने के बाद डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ उनके समर्थन में खड़ा हो गया है. अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ता इरफान मलिक पर एक पक्षीय और राजनीतिक प्रभाव के दबाव में एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. इरफान मलिक मामले में अधिवक्ता संघ ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग है और जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं.

डिंडौरी: खुलकर सामने आई कांग्रेस की गुटबाजी

इरफान मलिक ने कहा कि उनके उपर लगाएं गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि उनके उपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. राजनीतिक करियर को खराब करने के लिए यह कार्रवाई दबाव में की गई है. मलिक ने कहा कि वे 30 वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में जुड़े है और कई लोगों के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उनका कद बढ़ सकता है, इसी के चलते कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है. इरफान मलिक का कहना है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष से उन्हें आश्वासन मिला है और पार्टी उनके साथ है.

अधिवक्ता संघ का कहना है कि डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का स्थानीय विधायक और मंत्री ओमकार मरकाम द्वारा विरोध किया गया था. जिस पर उनके अधिवक्ता संघ ने मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था. जबकि कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसी के चलते इरफान मलिक पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है.

इरफान मलिक पर शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी अजीत धुर्वे ने आरोप लगाया है कि, उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाए जाने के नाम पर तीन लाख अस्सी हजार रुपए लिए थे. लेकिन जब उसने पैसा वापस मांगा तो इरफान मलिक ने जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए उसके साथ गाली गलौज की थी. मामले में पुलिस ने एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया था.

Intro:एंकर _ डिंडौरी कोतवाली के द्वारा कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता इरफान मलिक पर अजीत धुर्वे की शिकायत पर 420 सहित एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने पर जिला अधिवक्ता संघ उनके समर्थन में उतर आया है । जिला अधिवक्ता संघ के द्वारा जिला न्यायालय परिसर के हाल में एक पत्रकार वार्ता आयोजित किया गया। पत्रकार वार्ता में जिला अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष ने अधिवक्ता इरफान मलिक का बचाव करते हुए कहा कि यह एक पक्षीय और राजनैतिक प्रभाव वश अपराध दर्ज किया गया है।जिला अधिवक्ता संघ का कहना है कि आरोपो का बिना परीक्षण किए सीधे अपराध दर्ज करना घोर आपत्तिजनक है। इरफान मलिक मामले में अधिवक्ता संघ पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग है और जांच नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं।


Body:वि ओ 01 अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता इरफान मलिक ने मीडिया के सामने मुखातिब होते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे है। इरफान मलिक का कहना है कि उनके राजनैतिक करियर को खराब करने के लिए यह कार्यवाही राजनैतिक दबाव में की गई है।इरफान मलिक का कहना है कि वे 30 वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में जुड़े है और कई लोगो के साथ काम कर चुके है।चुकी 15 सालो के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है तो उनके कार्य का मूल्यांकन करते हुए उनके कद को बढ़ाया जा सकता है इस बात से दुर्भावना रखते हुए कुछ लोगो ने षड्यंत्र रचा है।वही इरफान मलिक का कहना है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष से उन्हें आश्वासन मिला है और पार्टी उनके साथ है।

अधिवक्ताओं का समर्थन _ इरफान मलिक के समर्थन में उतरे डिंडौरी जिला अधिवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष रेवा पांडेय ने पूरे मामले पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही को एक पक्षीय एवं राजनैतिक दुर्भावना वश कार्यवाही बताया है। वही डिंडौरी एसपी को सौपे गए ज्ञापन में अधिवक्ता संघ ने कोतवाली प्रभारी की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि मामले की बिना किसी जांच और सत्यता जाने सीधे एक अधिवक्ता पर अपराध दर्ज किया जाना घोर निंदनीय एवं अप्पतिजनक है।इस पूरे मामले में जिला अधिवक्ता संघ ने मांग की है कि इस मामले को कोई अन्य जिम्मेदार पुलिस अधिकारी से जांच कराई जाए जो किसी भी राजनैतिक प्रभाव में न आकर निष्पक्ष जांच करें साथ ही कोतवाली प्रभारी को अविलंब हटाने की मांग की है।

केबिनेट मंत्री का हाथ बताया _ ज्ञापन के माध्यम से डिंडौरी जिला अधिवक्ता संघ ने उल्लेख किया है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का स्थानीय मंत्री ओमकार मरकाम द्वारा विरोध किया गया था जिस पर उनके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव भी अधिवक्ता संघ द्वारा पारित किया गया था साथ ही कलेक्टर को ज्ञापन सौपने के दौरान मंत्री के विरुद्ध नारे लगाए थे इसी के चलते रुचि लेते हुए मंत्री ओमकार मरकाम ने अधिवक्ता इरफान मलिक के विरुद्ध उक्त प्रकरण दर्ज करवाया है वही और भी अधिवक्ताओं को फ़साने की साजिश रची जा रही है।

शिकायत पत्र में यह थे आरोप _ शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी अजीत धुर्वे का आरोप है कि कांग्रेस नेता इरफान मलिक ने शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस पार्टी से टिकट दिलाए जाने के नाम पर अजीत धुर्वे नाम के युवक से ₹3,80000 ऐंठ लिए है। वही पैसा वापस मांगने पर इरफान मलिक द्वारा जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करते हुए गाली गलौच करने का आरोप था।जिस पर कार्यवाही करते हुए कोतवाली पुलिस ने 420 सहित एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला पंजीबद्ध करते हुए मामले की जांच कर रही है।


Conclusion:बाइट 01 इरफान मलिक_ आरोपित नेता एवं अधिवक्ता
बाइट 02 रेवा पांडे _ अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ
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