डिंडोरी। कांग्रेस नेता और वकील इरफान मलिक पर एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज होने के बाद डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ उनके समर्थन में खड़ा हो गया है. अधिवक्ता संघ का कहना है कि अधिवक्ता इरफान मलिक पर एक पक्षीय और राजनीतिक प्रभाव के दबाव में एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. इरफान मलिक मामले में अधिवक्ता संघ ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग है और जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं.
इरफान मलिक ने कहा कि उनके उपर लगाएं गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि उनके उपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं. राजनीतिक करियर को खराब करने के लिए यह कार्रवाई दबाव में की गई है. मलिक ने कहा कि वे 30 वर्षो से सामाजिक क्षेत्र में जुड़े है और कई लोगों के साथ काम कर चुके हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उनका कद बढ़ सकता है, इसी के चलते कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है. इरफान मलिक का कहना है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष से उन्हें आश्वासन मिला है और पार्टी उनके साथ है.
अधिवक्ता संघ का कहना है कि डिंडोरी जिला अधिवक्ता संघ ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का स्थानीय विधायक और मंत्री ओमकार मरकाम द्वारा विरोध किया गया था. जिस पर उनके अधिवक्ता संघ ने मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था. जबकि कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसी के चलते इरफान मलिक पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है.
इरफान मलिक पर शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी अजीत धुर्वे ने आरोप लगाया है कि, उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाए जाने के नाम पर तीन लाख अस्सी हजार रुपए लिए थे. लेकिन जब उसने पैसा वापस मांगा तो इरफान मलिक ने जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए उसके साथ गाली गलौज की थी. मामले में पुलिस ने एक्ट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया था.