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बच्चों के मन से पुलिस का डर मिटाने की अनोखी पहल, थाने में बनाया गया बालमित्र कक्ष - Dindori Police unique initiative

डिंडौरी जिले के सभी थाना और पुलिस चौकियों में बालमित्र कक्ष का तैयार किया जा रहा है. बाल मित्र कक्ष विशेष तौर पर उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिनके मन में पुलिस का डर बैठा है. पढ़िए पूरी खबर...

baalamitr kaksh
बालमित्र कक्ष
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Published : Sep 5, 2020, 3:43 PM IST

डिंडौरी। पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह के निर्देश पर जिले के सभी थाना और पुलिस चौकियों में बालमित्र कक्ष तैयार किया गया है. बाल मित्र कक्ष विशेष तौर पर उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिनके मन में पुलिस का डर बैठा है. इसका उद्देश है कि बच्चों के मन से पुलिस का भय समाप्त हो, जिससे कई तरह के आपराधिक मामलों में कमी आए और कई बार जांच में भी पुलिस को सहायता मिल सके.

डिंडौरी पुलिस की अनोखी पहल

बालमित्र कक्ष की शुरूआत शहपुरा थाना से की गई है. थाना परिसर के एक कक्ष को पूरी तरह से बच्चों के लिए तैयार किया गया है. इस कक्ष के बाहर और भीतर बच्चों को आकर्षित करने वाले सभी तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं. जिनमें कोरोना वायरस से सुरक्षा भी विषय है. थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया ने बताया कि एसपी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर पहल शुरू की गई है, जिसका नाम बाल मित्र कक्ष रखा गया है.

इस कक्ष को तैयार कर थाना क्ष्रेत्र के बच्चों को भ्रमण कराया जाएगा, ताकि बच्चों के संबंध पुलिस से मित्रवत बनें. साथ ही उनके मन से पुलिस का भय दूर हो. आदिवासी जिला होने के कारण अधिकांश जगहों पर देखने मे आया है कि जब पुलिस अपराध के मामले में कोई गांव पूछताछ के लिए जाती है तो बच्चे पुलिस से दूर भागते हैं. कई जगह व्यक्ति की पहचान में भी दिक्कत आती है, ऐसे मामलों में बच्चें पुलिस की मदद कर अपराध रोकने में पुलिस के साथ सेतु के काम करेंगे.

डिंडौरी। पुलिस अधीक्षक संजय कुमार सिंह के निर्देश पर जिले के सभी थाना और पुलिस चौकियों में बालमित्र कक्ष तैयार किया गया है. बाल मित्र कक्ष विशेष तौर पर उन बच्चों के लिए तैयार किया गया है, जिनके मन में पुलिस का डर बैठा है. इसका उद्देश है कि बच्चों के मन से पुलिस का भय समाप्त हो, जिससे कई तरह के आपराधिक मामलों में कमी आए और कई बार जांच में भी पुलिस को सहायता मिल सके.

डिंडौरी पुलिस की अनोखी पहल

बालमित्र कक्ष की शुरूआत शहपुरा थाना से की गई है. थाना परिसर के एक कक्ष को पूरी तरह से बच्चों के लिए तैयार किया गया है. इस कक्ष के बाहर और भीतर बच्चों को आकर्षित करने वाले सभी तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं. जिनमें कोरोना वायरस से सुरक्षा भी विषय है. थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया ने बताया कि एसपी संजय कुमार सिंह के निर्देश पर पहल शुरू की गई है, जिसका नाम बाल मित्र कक्ष रखा गया है.

इस कक्ष को तैयार कर थाना क्ष्रेत्र के बच्चों को भ्रमण कराया जाएगा, ताकि बच्चों के संबंध पुलिस से मित्रवत बनें. साथ ही उनके मन से पुलिस का भय दूर हो. आदिवासी जिला होने के कारण अधिकांश जगहों पर देखने मे आया है कि जब पुलिस अपराध के मामले में कोई गांव पूछताछ के लिए जाती है तो बच्चे पुलिस से दूर भागते हैं. कई जगह व्यक्ति की पहचान में भी दिक्कत आती है, ऐसे मामलों में बच्चें पुलिस की मदद कर अपराध रोकने में पुलिस के साथ सेतु के काम करेंगे.

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