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मंत्री मरकाम के जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था, भवन जर्जर होने से परेशान नौनिहाल

आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के ठाकुर टोला गांव में स्कूल भवन जर्जर होने से गांव के बच्चों को दूसरे गांव के स्कूल में पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. बावजूद इसके यहां की स्कूल शिक्षा व्यवस्था में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है.

Matiyari Village School
मटियारी गांव स्कूल
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Published : Dec 14, 2019, 1:32 PM IST

डिंडौरी। डिंडौरी जिले के ग्रामीण अंचलों में स्कूल शिक्षा व्यवस्था की हालत में सुधार नहीं दिख रहा है. जिले के मेंहदवानी विकासखंड के नौनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. ठाकुर टोला गांव की प्राथमिक शाला सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग के दस्तावेजों में चल रही है. क्योंकि यहां स्कूल के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. जिससे गांव के बच्चे दो किलोमीटर दूर तक पैदल चलकर मटियारी गांव के स्कूल जाने को मजबूर हैं.

डिंडौरी जिले में बदहाल स्कूल शिक्षा व्यवस्था

डिंडौरी जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. जबकि स्थानीय विधायक भी सत्ता पक्ष से आते हैं. बावजूद यहां की समस्याओं में सुधार नहीं हो रहा है. स्कूल के जर्जर होने की जानकारी जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी है. लेकिन इसके बाद भी स्कूल की हालत नहीं सुधारी जा रही है.

ठाकुर टोला के छोटे-छोटे बच्चे कड़ाके की ठंड में दो किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव पहुंचते हैं. मामले में जब स्थानीय विधायक भूपेन्द्र मरावी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे आपके माध्यम से ही मिल रही है. मैं वहां जाकर जल्द से जल्द समस्या का हल करने की कोशिश करूंगा. विधायक भले ही समस्या का समाधान करने की बात कर रहे हो लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये समस्या केवल आज की नहीं बल्कि लंबे समय से चली आ रही है. जिस पर न तो शासन ध्यान देता है और न प्रशासन.

डिंडौरी। डिंडौरी जिले के ग्रामीण अंचलों में स्कूल शिक्षा व्यवस्था की हालत में सुधार नहीं दिख रहा है. जिले के मेंहदवानी विकासखंड के नौनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. ठाकुर टोला गांव की प्राथमिक शाला सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग के दस्तावेजों में चल रही है. क्योंकि यहां स्कूल के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. जिससे गांव के बच्चे दो किलोमीटर दूर तक पैदल चलकर मटियारी गांव के स्कूल जाने को मजबूर हैं.

डिंडौरी जिले में बदहाल स्कूल शिक्षा व्यवस्था

डिंडौरी जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का गृह जिला है. जबकि स्थानीय विधायक भी सत्ता पक्ष से आते हैं. बावजूद यहां की समस्याओं में सुधार नहीं हो रहा है. स्कूल के जर्जर होने की जानकारी जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी है. लेकिन इसके बाद भी स्कूल की हालत नहीं सुधारी जा रही है.

ठाकुर टोला के छोटे-छोटे बच्चे कड़ाके की ठंड में दो किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव पहुंचते हैं. मामले में जब स्थानीय विधायक भूपेन्द्र मरावी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे आपके माध्यम से ही मिल रही है. मैं वहां जाकर जल्द से जल्द समस्या का हल करने की कोशिश करूंगा. विधायक भले ही समस्या का समाधान करने की बात कर रहे हो लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये समस्या केवल आज की नहीं बल्कि लंबे समय से चली आ रही है. जिस पर न तो शासन ध्यान देता है और न प्रशासन.

Intro:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले और विधायक भूपेन्द्र मरावी के विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों की स्थिति दयनीय है ।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार का अधिनियम पारित किया गया है शिक्षा के अधिनियम के तहत 6 साल से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देनी होगी इसके बावजूद मेंहदवानी विकासखंड के नौनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं ।प्राथमिक शाला ठाकुर टोला जनजातीय कार्य विभाग के महज दस्तावेजों में चल रही है लेकिन ठाकुर टोला के नौनिहाल बच्चे 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर मटियारी माध्यमिक शाला में जाकर पढ़ने को मजबूर हैं ।Body:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले और विधायक भूपेन्द्र मरावी के विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों की स्थिति दयनीय है ।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार का अधिनियम पारित किया गया है शिक्षा के अधिनियम के तहत 6 साल से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देनी होगी इसके बावजूद मेंहदवानी विकासखंड के नौनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं ।प्राथमिक शाला ठाकुर टोला जनजातीय कार्य विभाग के दस्तावेजों में चल रही है लेकिन ठाकुर टोला के नौनिहाल बच्चे 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर मटियारी माध्यमिक शाला में जाकर पढ़ने को मजबूर हैं ।

आपको बता दें कि मेंहदवानी के विकास खंड शिक्षा अधिकारी सहित विभाग के आला अधिकारियों को जानकारी है कि प्राथमिक शाला ठाकुर टोला का जर्जर भवन हो चुका है इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं । ठाकुर टोला के छोटे-छोटे नन्हें मुन्ने कड़ाके की ठंड में 2 किलोमीटर पैदल चलकर माध्यमिक शाला मटियारी स्कूल में शिक्षा लेने को मजबूर है ठाकुर टोला से मटियारी की दूरी लगभग 2 किलोमीटर होने के कारण अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं जा रहे है और प्राथमिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं जनजातीय कार्य विभाग के जवाबदार कोई ठोस कारगर कदम नहीं उठा रहे हैं जिसका खामियाजा नौनिहाल उठा रहे हैं।
वहीं विधायक भूपेन्द्र मरावी ने कहा कि इस मामले की जानकारी मुझे आपके माध्यम से ही मिल रही है । मैं वहां जाकर जल्द से जल्द समस्या का हल करने की कोशिश करूंगा ।
बाइट1- नितिन वरकड़े छात्र
बाइट2 - भूपेन्द्र मरावी, विधायक Conclusion:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले डिंडौरी और विधायक भूपेन्द्र मरावी के विधानसभा क्षेत्र शहपुरा में स्कूलों की स्थिति दयनीय है ।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार का अधिनियम पारित किया गया है शिक्षा के अधिनियम के तहत 6 साल से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा देनी होगी इसके बावजूद मेंहदवानी विकासखंड के नौनिहाल बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं ।प्राथमिक शाला ठाकुर टोला जनजातीय कार्य विभाग के महज दस्तावेजों में चल रही है लेकिन ठाकुर टोला के नौनिहाल बच्चे 2 किलोमीटर दूर पैदल चलकर मटियारी माध्यमिक शाला में जाकर पढ़ने को मजबूर हैं ।
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