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अटल टिंकरिंग लैब का सरस्वती शिशु मंदिर में शुभारंभ, पैराडाइम शिफ्ट को मिलेगा बढ़ावा

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Published : Dec 21, 2019, 10:34 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 12:26 PM IST

डिंडौरी के शहपुरा सरस्वती शिशु मंदिर में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना हुई, बताया जा रहा है कि बच्चों को वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए इसकी स्थापना हो रही है.

Establishment of Atal Trinkering Lab
अटल टिकरिंग लैब की स्थापना

डिंडौरी। भारत सरकार के नीति आयोग और अटल एनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से देशभर के कुछ चिन्हित स्कूलों में अटल टिकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है. इसी तरह डिंडौरी जिले के शहपुरा में सरस्वती स्कूल में अटल टिकरिंग लैब की 12 लाख रुपये की लागत से स्थापना की गई है.

अटल टिकरिंग लैब की स्थापना


अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार ने देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी, स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है. बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देश भर में प्रयोग शुरू किया था. जिसके तहत डिंडौरी में भी इसकी स्थापना की गई है.

डिंडौरी। भारत सरकार के नीति आयोग और अटल एनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से देशभर के कुछ चिन्हित स्कूलों में अटल टिकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है. इसी तरह डिंडौरी जिले के शहपुरा में सरस्वती स्कूल में अटल टिकरिंग लैब की 12 लाख रुपये की लागत से स्थापना की गई है.

अटल टिकरिंग लैब की स्थापना


अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार ने देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी, स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है. बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देश भर में प्रयोग शुरू किया था. जिसके तहत डिंडौरी में भी इसकी स्थापना की गई है.

Intro:भारत सरकार के नीति आयोग और अटल एनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से देशभर के कुछ चिन्हित स्कूलों में अटल ट्रिंकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है ।
इसी तारतम्य में डिंडौरी जिले की पहली अटल ट्रिंकरिंग लैब की 12 लाख रुपये की लागत से सरस्वती शिशु मंदिर शहपुरा में स्थापना की गई है । इससे शहपुरा के आसपास के बच्चों को वैज्ञानिक गुर सीखने को मिलेगा। जिसका उद्घाटन कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा परिषद मध्यप्रदेश के संगठन मंत्री डाॅ आनंद राव पारधी, जनपद पंचायत शहपुरा के उपाध्यक्ष और स्थायी शिक्षा समिति के सभापति टेकेश्वर साहू, प्राचार्य रामदास साहू, वरिष्ठ आचार्य रविशंकर साहू सहित शहपुरा नगर के समाजसेवी आरएस गुरुदेव, राजेन्द्र पाठक, ॠषि पाठक, किशोर गुलवानी, डाॅ गोलदार, नाथूराम साहू, शिवकुमार तिवारी, राजेश सोनी, पूर्व छात्र पत्रकार भीमशंकर साहू, पंकज साहू , अश्विनी कुमार साहू सहित विद्यालय के सभी आचार्य-दीदी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।Body:भारत सरकार के नीति आयोग और अटल एनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से देशभर के कुछ चिन्हित स्कूलों में अटल ट्रिंकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है ।
इसी तारतम्य में डिंडौरी जिले की पहली अटल ट्रिंकरिंग लैब की 12 लाख रुपये की लागत से सरस्वती शिशु मंदिर शहपुरा में स्थापना की गई है । इससे शहपुरा के आसपास के बच्चों को वैज्ञानिक गुर सीखने को मिलेगा। जिसका उद्घाटन कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा परिषद मध्यप्रदेश के संगठन मंत्री डाॅ आनंद राव पारधी, जनपद पंचायत शहपुरा के उपाध्यक्ष और स्थायी शिक्षा समिति के सभापति टेकेश्वर साहू, प्राचार्य रामदास साहू, वरिष्ठ आचार्य रविशंकर साहू सहित शहपुरा नगर के समाजसेवी आरएस गुरुदेव, राजेन्द्र पाठक, ॠषि पाठक, किशोर गुलवानी, डाॅ गोलदार, नाथूराम साहू, शिवकुमार तिवारी, राजेश सोनी, पूर्व छात्र पत्रकार भीमशंकर साहू, पंकज साहू , अश्विनी कुमार साहू सहित विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।

क्या है 'अटल टिंकरिंग लैब', जानिए इसके फायदे?

अटल टिंकरिंग लैब (ATL) भारत सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी। स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है।

बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देश भर में प्रयोग शुरू किया था।
इस योजना के प्रारंभिक चरण में एनडीएमसी के तहत आने वाले दिल्ली के 15 स्कूलों का चयन किया गया था जिसके बाद पूरे देश भर में 3000 स्कूलों का अटल टिंकरिंग लैब के लिए चयन किया गया। सरकार की मंशा अगले वर्ष तक देश भर में 10 हजार ऐसे लैब स्थापित करने की है।

क्या है 'अटल टिंकरिंग लैब' -
अटल टिंकरिंग लैब (ATL) भारत सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से लांच की गई थी. स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है।
एडोबी, अमेज़न, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम जैसी दिग्गज अंतर्राष्ट्रीय टेक कंपनियां मोदी सरकार की अटल इनोवेशन मिशन के तहत साझेदार हैं और इसी योजना के तहत अटल टिंकरिंग लैब की शुरूआत की गई है।
यह लैब 3D प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर देता है।
अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं शताब्दी के जरूरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा। शिक्षा व्यवस्था के पहले पायदान से ही उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को साधने का उपयुक्त मौका देता है।केंद्र की मोदी सरकार इसे न्यू इंडिया के सपनों को पूरा करने के लिए सबसे बड़ा कदम मानती है।
नौजवानों को तकनीक के आधुनिकतम प्रारूप से जुड़ने का मौका मिलेगा।अटल टिंकरिंग लैब को स्थापित करने का सुझाव नीति आयोग ने केंद्र सरकार को दिया था। इस लैब के तहत यंग माइंडस को STEM(साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) के जरिये प्रोफेशनल और स्किल्ड बनाया जाएगा।
 
क्यों जरूरी है 'अटल टिंकरिंग लैब' 
बीते वर्ष आये एस्पायरिंग माइंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 94 प्रतिशत इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स हायरिंग के लायक नहीं हैं। आईटी सेक्टर में आये नए तकनीकों की जानकारी इन्हें ना के बराबर है।
मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते नए तकनीकों से युवा पीढ़ी को स्कूलों में ही परिचित करवाना होगा ताकि इंडस्ट्री के स्किल्ड डिमांड को पूरा किया जा सके। अटल टिंकरिंग लैब इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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बाइट - रामदास साहू, प्राचार्य, सरस्वती शिशु मंदिर शहपुराConclusion:भारत सरकार के नीति आयोग और अटल एनोवेशन मिशन के तहत स्कूली बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से देशभर के कुछ चिन्हित स्कूलों में अटल ट्रिंकरिंग लैब की स्थापना की जा रही है ।
इसी तारतम्य में डिंडौरी जिले की पहली अटल ट्रिंकरिंग लैब की 12 लाख रुपये की लागत से सरस्वती शिशु मंदिर शहपुरा में स्थापना की गई है । इससे शहपुरा के आसपास के बच्चों को वैज्ञानिक गुर सीखने को मिलेगा। जिसका उद्घाटन कार्यक्रम बुधवार को सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर सरस्वती शिक्षा परिषद मध्यप्रदेश के संगठन मंत्री डाॅ आनंद राव पारधी, जनपद पंचायत शहपुरा के उपाध्यक्ष और स्थायी शिक्षा समिति के सभापति टेकेश्वर साहू, प्राचार्य रामदास साहू, वरिष्ठ आचार्य रविशंकर साहू सहित शहपुरा नगर के समाजसेवी आरएस गुरुदेव, राजेन्द्र पाठक, ॠषि पाठक, किशोर गुलवानी, डाॅ गोलदार, नाथूराम साहू, शिवकुमार तिवारी, राजेश सोनी, पूर्व छात्र पत्रकार भीमशंकर साहू, पंकज साहू , अश्विनी कुमार साहू सहित विद्यालय के सभी आचार्य-दीदी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।
Last Updated : Dec 21, 2019, 12:26 PM IST
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