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अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

डिंडौरी में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के द्वारा संविधान संदेश अधिकार यात्रा 24 सितंबर से भोपाल से निकली जो आज डिंडौरी पहुंची. इस यात्रा को जयस संगठन का साथ मिला है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार ने केंद्र सरकार पर निजीकरण का आरोप लगाते हुए संविधान विरोधी सरकार बताया है.

Giving memorandum to tehsildar
तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए
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Published : Oct 4, 2020, 2:20 PM IST

डिंडौरी। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के द्वारा संविधान संदेश अधिकार यात्रा 24 सितंबर से भोपाल से निकली जो आज डिंडौरी पहुंची. इस यात्रा में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार और उनके पदाधिकारी पूरा नेतृत्व कर रहे हैं. यात्रा का मुख्य उद्देश्य 14 बिंदुओं को लेकर है, जिसका समापन 26 नवंबर को भोपाल में होगा.

डिंडौरी पहुंची इस यात्रा को जयस संगठन का साथ मिला. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार ने केंद्र सरकार पर निजीकरण का आरोप लगाते हुए संविधान विरोधी सरकार बताया है. इस दौरान 14 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम नायाब तहसीलदार डिंडौरी को ज्ञापन सौंपा गया.

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ओबीसी एससी एसटी संयुक्त मोर्चा द्वारा संविधान संदेश अधिकार यात्रा निकाली गई है. जो आज डिंडौरी के सामुदायिक भवन पहुंची इस दौरान एक संगोष्टी का आयोजन कर यात्रा के बारे में आमजन को बताया गया.राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार ने बताया कि भारत के सभी जातियों की जनगणना होती है परंतु 1931 के बाद से आज तक ओबीसी समाज की जातिगत जनगणना नहीं की गई. आगामी 2021 में होने वाली जनगणना में भी ओबीसी की गिनती नहीं की जा रही है अतः ओबीसी की जातिगत जनगणना कराई जाए.

केंद्र सरकार द्वारा बेतहाशा गति से किया जा रहा निजी करण लोकतंत्र और संविधान विरोधी है ऐसी तत्काल बंद किया जाए.ओबीसी समाज को विधानसभा और लोकसभा में जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित की जाए. किसानों की फसल खराब होने की स्थिति में उपज के उत्पादन मूल्य के बराबर मुआवजा दिया जाए. उपज का मूल्य निर्धारण करने का अधिकार किसानों को मिले. स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसा को लागू किया जाए किसानों को 24 घंटे लाइट की सुविधा मिले कृषि को उद्योग दिया जाए.

ओबीसी क्रीमीलेयर निर्धारण में बीपी शर्मा कमेटी की अनुशंसा को खारिज किया जाए. असंवैधानिक समाप्त किया जाए ओबीसी संसदीय कमेटी की सिफारिश को लागू किया जाए. शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण बंद हो सबके लिए फ्री और समान शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जाए. जैसे विधायकों और सांसदों को 5 वर्ष के कार्यकाल के बाद जीवन भर पेंशन दी जाती है वैसे ही कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाए 2005 के बुध की पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.

ओबीसी समाज को सरकारी नौकरियों में संख्या अनुपात 65 फीसदी आरक्षण दिया जाए. ओबीसी एससी एसटी समाज को न्यायपालिका निजी क्षेत्र विधान परिषद और राज्यसभा में संख्या के अनुपात प्रतिनिधित्व दिया जाए सहित अन्य मांगे शामिल है.

डिंडौरी। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के द्वारा संविधान संदेश अधिकार यात्रा 24 सितंबर से भोपाल से निकली जो आज डिंडौरी पहुंची. इस यात्रा में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार और उनके पदाधिकारी पूरा नेतृत्व कर रहे हैं. यात्रा का मुख्य उद्देश्य 14 बिंदुओं को लेकर है, जिसका समापन 26 नवंबर को भोपाल में होगा.

डिंडौरी पहुंची इस यात्रा को जयस संगठन का साथ मिला. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार ने केंद्र सरकार पर निजीकरण का आरोप लगाते हुए संविधान विरोधी सरकार बताया है. इस दौरान 14 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम नायाब तहसीलदार डिंडौरी को ज्ञापन सौंपा गया.

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ओबीसी एससी एसटी संयुक्त मोर्चा द्वारा संविधान संदेश अधिकार यात्रा निकाली गई है. जो आज डिंडौरी के सामुदायिक भवन पहुंची इस दौरान एक संगोष्टी का आयोजन कर यात्रा के बारे में आमजन को बताया गया.राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित कुमार ने बताया कि भारत के सभी जातियों की जनगणना होती है परंतु 1931 के बाद से आज तक ओबीसी समाज की जातिगत जनगणना नहीं की गई. आगामी 2021 में होने वाली जनगणना में भी ओबीसी की गिनती नहीं की जा रही है अतः ओबीसी की जातिगत जनगणना कराई जाए.

केंद्र सरकार द्वारा बेतहाशा गति से किया जा रहा निजी करण लोकतंत्र और संविधान विरोधी है ऐसी तत्काल बंद किया जाए.ओबीसी समाज को विधानसभा और लोकसभा में जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित की जाए. किसानों की फसल खराब होने की स्थिति में उपज के उत्पादन मूल्य के बराबर मुआवजा दिया जाए. उपज का मूल्य निर्धारण करने का अधिकार किसानों को मिले. स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसा को लागू किया जाए किसानों को 24 घंटे लाइट की सुविधा मिले कृषि को उद्योग दिया जाए.

ओबीसी क्रीमीलेयर निर्धारण में बीपी शर्मा कमेटी की अनुशंसा को खारिज किया जाए. असंवैधानिक समाप्त किया जाए ओबीसी संसदीय कमेटी की सिफारिश को लागू किया जाए. शिक्षा और स्वास्थ्य का निजीकरण बंद हो सबके लिए फ्री और समान शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जाए. जैसे विधायकों और सांसदों को 5 वर्ष के कार्यकाल के बाद जीवन भर पेंशन दी जाती है वैसे ही कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाए 2005 के बुध की पेंशन व्यवस्था लागू की जाए.

ओबीसी समाज को सरकारी नौकरियों में संख्या अनुपात 65 फीसदी आरक्षण दिया जाए. ओबीसी एससी एसटी समाज को न्यायपालिका निजी क्षेत्र विधान परिषद और राज्यसभा में संख्या के अनुपात प्रतिनिधित्व दिया जाए सहित अन्य मांगे शामिल है.

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