धार। देशभर में फैली महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है. इसी लॉकडाउन के कारण लाखों मजदूर अपने घर से दूर दूसरे-दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान कोई वाहन और सरकार से मदद नहीं मिलने के कारण बहुत से मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं. इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई हैं, जो इन मजदूरों की हालत बयां करने के लिए काफी हैं. मुंबई से उत्तर प्रदेश अपने गांव जा रहे मजबूर बृजलाल प्रजापति की नेशनल हाईवे-3 पर खंडवा गांव के पास मौत हो गई है.
लगातार धूप में पैदल चलने के कारण थी तबीयत खराब
जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के चलते मजदूर बृजलाल प्रजापति अपने परिवार के सदस्यों के साथ में मुंबई से उत्तर प्रदेश जिला सिद्धार्थ नगर जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गया. पूरा परिवार अपने घर पैदल ही जा रहा था. कड़ी धूप में लगातार पिछले तीन दिनों से चलने की वजह से बृजलाल को तेज बुखार आ रहा था. साथ ही वह बहुत थक भी चुका था. बहुत थकने के कारण वह नेशनल हाईवे -3 ग्राम खंडवा में ही रोड किनारे पेड़ की छाव में आराम करने के लिए थोड़ी देर लेट गया. कुछ समय बाद जब बृजलाल को उसके परिजनों ने घर चलने के उठाया तो बृजलाल प्रजापति नहीं उठा.
पुलिस ने एंबुलेस के जरिए किया गृह गांव रवाना
इसके बाद बृजलाल की सूचना ग्रामीणों द्वारा पिथमपुर पुलिस को दी गई. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पिथमपुर पुलिस ने बृजलाल प्रजापति के शव को पोस्टमार्टम के लिए पीथमपुर से शासकीय अस्पताल भेजा. पीथमपुर थाना एसआई प्रतीक शर्मा ने बताया कि बृजलाल का पोस्टमार्टम करने के बाद उसके शव को उसके गृह ग्राम एम्बुलेंस से भेज दिया गया है.