धार। जिले में इस बार किसानों की मिर्च की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी. जिस मिर्च से किसानों को हर साल सबसे ज्यादा मुनाफा मिलता था. इस बार उसी मिर्च ने किसानों को बर्बाद कर दिया. इस साल किसानों की मिर्ची की फसल में रोग का प्रकोप देखा जा रहा है. एक ओर लॉकडाउन से किसान जहां परेशान थे, वहीं दूसरी ओर अच्छी फसल नहीं होने से आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. ऐसे में बर्बादी होती फसल को देख किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
धेगदा गांव के किसानों ने बड़े मुनाफे के लिए मई महीने में मिर्च के पौधे अपने खेतों में लगाए थे और चार महीने तक खेतों में कड़ी मेहनत कर फसल को तैयार किया, जिस समय मिर्च के पौधों पर मिर्च की बंपर पैदावार होनी थी, उसी समय वातावरण में लगातार परिवर्तन होने से फसलों में वायरस का अटैक हो गया है. जिसके चलते चार महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार फसल मुरझाने लगी है.
फसल बचाने किया प्रयास, लेकिन सब नाकाम
हर साल जिस मिर्च के पौधे पर बंपर पैदावार होती थी उसमें इस साल छोटी और खराब मिर्च लगी है. जिसे बचाने के लिए किसानों ने कीटनाशक का भी भरपूर छिड़काव किया है. वहीं कृषि वैज्ञानिकों और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की राय भी ली, लेकिन वायरस अटैक के बढ़ने के कारण किसानों की सारी मेहनत खराब हो गयी. जिसके बाद किसान बर्बाद हुई मिर्च की फसल को अपने खेत से उखाड़कर फेंकने में मजबूर हो गए है.
फसल बनी किसानों की बदहाली का कारण
जिस मिर्च की फसल से किसानों को बड़े मुनाफे की उम्मीद थी, वहीं फसल वायरस अटैक और मौसम परिवर्तन से किसानों की बदहाली का कारण बन गई है. जिसके बाद अब किसान चाहते है कि खराब हुई फसलों को देखते हुए सरकार उनकी मदद के लिए जल्द से जल्द कोई राहत भरे कदम उठाए.
मिर्च की फसल बर्बाद
धेगदा गांव के किसान अजय पाटीदार ने बताया कि उनकी मिर्च की फसल को यलो मोजेक नामक रोग लग गया है. जिस खेत में मिर्च की बंपर पैदावार होनी थी, उस खेत में वायरस अटैक की वजह से फसलें खराब हो गई है. लॉकडाउन के कारण पहले ही उनकी करेले, टमाटर और अन्य सब्जियां नहीं बिक पाई. जिससे वे पहले ही बड़ा आर्थिक नुकसान उठा चुके है. अब मिर्च की फसल वायरल अटैक और मौसम परिवर्तन के कारण बर्बाद हो गई है. अब उन्हें दोबारा बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि वायरस अटैक के कारण जो मिर्च की फसल बर्बाद हुई है, उनके सर्वे का काम जल्द से जल्द पूरा हो, ताकि किसानों को मुआवजा समय रहते मिल जाए.
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भविष्य में बढ़ेंगे मिर्च के दाम
किसानों ने बताया कि धेगदा के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में अधिकतर किसान मिर्च की खेती के साथ अन्य उद्यानिकी फसलें अपने खेतों में लगाते हैं, वायरस अटैक के कारण ज्यादातर किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है, जिसके चलते मंडियों में निमाड़ क्षेत्र से जाने वाली मिर्च नहीं पहुंच पाई. इससे हो सकता है कि आने वाले समय में मिर्च के दामों में बढ़ोतरी हो.
सर्वे का काम जल्द पूरा कर सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट
धार के उद्यानिकी विभाग के अधिकारी कालू सिंह मंडलोई ने बताया कि निश्चित ही जिले में वायरस अटैक के कारण किसानों की मिर्च की फसलें इस बार पहले से ज्यादा प्रभावित हुई है. कुछ किसानों की तो फसलें पूरी तरीके से ही खराब हुई है, जिनके सर्वे का काम शासन की ओर से मिले निर्देशों के अनुसार टीम बनाकर किया जा रहा है. जल्द ही सर्वे का काम पूरा होने के बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.
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कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को दी ये राय
मिर्च की फसल के साथ अन्य उद्यानिकी की फसल पर वायरस अटैक और वातावरण परिवर्तन के प्रभाव से कैसे बचा जा सके, इस विषय को लेकर ईटीवी भारत ने धार के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक केएस किराड़ से चर्चा की. तो उन्होंने बताया कि वह पूरी तरीके से फसल चक्र का पालन करें. वहीं मिर्च के साथ अन्य उद्यानिकी फसल जैसे टमाटर, करेला, भिंडी, खीरा, तरबूज, कद्दू, फूल और पत्ता गोभी को खेत में जब भी लगाए उसमें मेड बांधने का भी प्रबंध करें. इसके साथ ही ऐसे किस्मत के मिर्च के पौधे ना लगाए जिसमें वायरस अटैक का ज्यादा डर रहता है. वही समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों और उद्यानिकी अधिकारियों से राय मशवरा लेते रहे.
फिलहाल जिले मिर्च की फसल वायरस अटैक और वातावरण परिवर्तन के कारण बर्बाद हो गई है. जिसके चलते किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. ऐसे में अब सभी किसान सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं, ताकि उनको कम सें कम फसल तैयार करने वाली लागत तो मिले जाए.