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डूब प्रभावितों से मिलने पहुंचा 4 सदस्यीय दल, सरकार को भेजेगा रिपोर्ट - नेत्री मेधा पाटकर

डूब प्रभावितों की समस्याओं को जानने के लिए महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले 4 सदस्यों का दल धार पहुंचा. यहां डूब प्रभावितों की समस्याओं को हाल जाना. इसी के आधार पर ये दल रिपोर्ट बनाकर तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पेश करेगा.

team of 4 members arrived to meet the sinking affected people of Sardar Sarovar Dam
डूब प्रभावितों से मिलने पहुंची चार सदस्यों की टीम
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Published : Jan 5, 2020, 9:50 AM IST

धार। सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को जानने के लिए महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले 4 सदस्यों का दल धार पहुंचा. यहां डूब प्रभावितों की समस्याओं को हाल जाना. इसी के आधार पर ये दल रिपोर्ट बनाकर तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पेश करेगा. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के लोगों की समस्याएं दूर हो सकती है. सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित धार जिले के खलघाट, निसरपुर में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व जस्टिस और अन्य लोगों के दल ने डूबप्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को जाना.
तीन राज्यों को पेशी होगी रिपोर्ट


इन्हीं परेशान लोगों की समस्याओं को जानने के लिए नर्मदा बचाव आंदोलन के बुलावे पर महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.एम बोर्डे, महाराष्ट्र जल नियोजन समिति के प सदस्य प्रदीप पुरंदरे, महाराष्ट्र मराठवाड़ा विकास मंडल के पूर्व अध्यक्ष विजय दीवान, उच्च न्यायालय औरंगाबाद के अधिवक्ता उदय बोपशेट्टी, का दल धार जिले के खलघाट और निसरपुर में डूब प्रभावितों की समस्याओं को जानने के लिए पहुंचे. जहां डूब प्रभावितों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन कि नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में अपनी समस्याओं से अवगत कराया. दल ने भी लोगों की समस्याओं को जानकर मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र कि सरकार को रिपोर्ट बनाकर पेश करने के लिए रिपोर्ट तैयार की.


वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की जल्द बैठक होने वाली है. उस बैठक के पहले यह दल अपनी रिपोर्ट बनाकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात की सरकार को पेश करेंगा.


आदर्श पुनर्वास नीति का नहीं मिला फायदा
नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के 192 गांव के और एक कस्बा धरमपुरी,महाराष्ट्र के 33 गांव और गुजरात के 19 गांव प्रभावित है. वहीं पहले शिवराज सिंह सरकार ने भी दावा किया था कि उन्होंने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत स्थापित कर दिया है.लेकिन आज भी डूब प्रभावित लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ नहीं मिला हैं. आज भी ये लोग अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

धार। सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को जानने के लिए महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले 4 सदस्यों का दल धार पहुंचा. यहां डूब प्रभावितों की समस्याओं को हाल जाना. इसी के आधार पर ये दल रिपोर्ट बनाकर तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पेश करेगा. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के लोगों की समस्याएं दूर हो सकती है. सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित धार जिले के खलघाट, निसरपुर में जनसुनवाई का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व जस्टिस और अन्य लोगों के दल ने डूबप्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को जाना.
तीन राज्यों को पेशी होगी रिपोर्ट


इन्हीं परेशान लोगों की समस्याओं को जानने के लिए नर्मदा बचाव आंदोलन के बुलावे पर महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.एम बोर्डे, महाराष्ट्र जल नियोजन समिति के प सदस्य प्रदीप पुरंदरे, महाराष्ट्र मराठवाड़ा विकास मंडल के पूर्व अध्यक्ष विजय दीवान, उच्च न्यायालय औरंगाबाद के अधिवक्ता उदय बोपशेट्टी, का दल धार जिले के खलघाट और निसरपुर में डूब प्रभावितों की समस्याओं को जानने के लिए पहुंचे. जहां डूब प्रभावितों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन कि नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में अपनी समस्याओं से अवगत कराया. दल ने भी लोगों की समस्याओं को जानकर मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र कि सरकार को रिपोर्ट बनाकर पेश करने के लिए रिपोर्ट तैयार की.


वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की जल्द बैठक होने वाली है. उस बैठक के पहले यह दल अपनी रिपोर्ट बनाकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात की सरकार को पेश करेंगा.


आदर्श पुनर्वास नीति का नहीं मिला फायदा
नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के 192 गांव के और एक कस्बा धरमपुरी,महाराष्ट्र के 33 गांव और गुजरात के 19 गांव प्रभावित है. वहीं पहले शिवराज सिंह सरकार ने भी दावा किया था कि उन्होंने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत स्थापित कर दिया है.लेकिन आज भी डूब प्रभावित लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत लाभ नहीं मिला हैं. आज भी ये लोग अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.

Intro:सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित छेत्र के लोगों की समस्याओं को जानने के लिए महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले 4 सदस्यो का दल पहुंचा धार ,डूब प्रभावितो की समस्याओं को जाना, दल रिपोर्ट बनाकर सरकार को करेगा पेश


Body: नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण मध्यप्रदेश के 192 गांव के और एक कस्बा धरमपुरी,महाराष्ट्र के 33 गांव और गुजरात के 19 गांव प्रभावित है, वही मध्यप्रदेश कि पूर्व शिवराज सिंह कि सरकारों का दावा है कि उन्होंने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत स्थापित कर दिया है, परंतु आज भी सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ नहीं मिले हैं आज भी लोग डूब में गई अपनी कृषि भूमि ,जमीन, घर और भूखंड के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं इन्हीं परेशान लोगों की समस्याओं को जानने के लिए नर्मदा बचाव आंदोलन के बुलावे पर महाराष्ट्र उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर.एम बोर्डे, महाराष्ट्र जल नियोजन समिति के प सदस्य प्रदीप पुरंदरे, महाराष्ट्र मराठवाड़ा विकास मंडल के पूर्व अध्यक्ष विजय दीवान , उच्च न्यायालय औरंगाबाद के अधिवक्ता उदय बोपशेट्टी, का दल धार जिले के खलघाट और निसरपुर में डूब प्रभावितों की समस्याओं को जानने के लिए पहुंचा जहां डूब प्रभावितों ने नर्मदा बचाओ आंदोलन कि नेत्री मेधा पाटकर के नेतृत्व में अपनी समस्याओं से अवगत कराया, दल ने भी लोगों की समस्याओ को जानकर मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र कि सरकार को रिपोर्ट बनाकर पेश करने के लिए रिपोर्ट तैयार करि, वही नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की जल्द बैठक होने वाली है उस बैठक के पहले यह दल अपनी रिपोर्ट बनाकर महाराष्ट्,मध्यप्रदेश,गुजरात की सरकार को पेश करेंगा तो इस रिपोर्ट के आधार पर सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के लोगों की समस्याएं दूर हो सकती है, इसी के लिए आज सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित धार जिले के खलघाट, निसरपुर में जनसुनवाई का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व जस्टिस और अन्य लोगों के दल ने डूबप्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को जाना। 138 मीटर तक पानी भर जाने के बाद डूब प्रभावित क्षेत्र के लोग हुए परेशान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2017 में 31 दिसंबर तक आदर्श पुनर्वास नीति के तहत सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को विस्थापित करने की डेट लाइन मध्यप्रदेश सरकार को दी गई थी, उसी डेट लाइन का पालन करते हुए मध्यप्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह की सरकार ने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित छेत्र के लोगों को मूल गांव से विस्थापित कर पुनर्वास स्थलों पर शिफ्ट किया, और सरदार सरोवर बांध को 138 मीटर तक भरा गया, सरदार सरोवर बांध को जब 138 मीटर तक भरा गया तो उसके कारण धार जिले के 191 गाँव डूब गये, इन गांव में आज भी कई लोग सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मिलने वाली आदर्श पुनर्वास नीति का इंतजार हैं आज भी लोगों को पुनर्वास नीति का लाभ नहीं मिला है और मध्यप्रदेश कि शिवराज सिंह सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह दावा पेश कर चुकी है कि उन्होंने आदर्श पुनर्वास नीति के तहत सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों का विस्थापन कर दिया है परंतु इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती हैं आज भी सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदर्श पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभों का इंतजार है, उन्ही परेशान लोगों की समस्याओं को जानने के लिए और उन समस्याओं के आधार पर रिपोर्ट बनाकर मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र ओर गुजरात सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले चार सदस्यों का दल धार पहुँचा,उन्होंने लोगों की समस्याओं को जानकर रिपोर्ट बनाई और वह रिपोर्ट जल्द ही मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र, गुजरात सरकार को पेश करेंगे। ताकि सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्याएं हल हो सके।


Conclusion:बाइट- मेधा पाटकर-नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख नेत्री
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