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Substandard Moong: बच्चों की सेहत सुधारने की जगह बिगाड़ रही है सरकार, धार में बच्चों को खराब क्वालिटी का मूंग वितरित - धार घटिया किस्म का मूंग बच्चों को बांटा गया

धार में खराब क्वालिटी का मूंग शासकीय स्कूलों के प्राथमिक और माध्यमिक बच्चों को नि:शुल्क वितरण किया जा रहा था. गोदाम में मौजूद लोगों ने जब मूंग के खराब क्वालिटी को देखा तो विपणन संघ को इसकी सूचना दी और इस घटिया मूंग का वितरण नहीं किया गया.(Substandard Moong For Child in Dhar)

Dhar Poor quality moong distributed free to children
धार घटिया किस्म का मूंग बच्चों को बांटा गया
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Published : May 29, 2022, 10:30 AM IST

धार। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत धार के शासकीय स्कूलों के प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के बच्चों को नि:शुल्क मूंग का वितरण किया गया. प्रदेश शासन ने स्कूली बच्चों की सेहत सुधारने के लिए मूंग बांटने की योजना बनाई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बकायदा मंच से स्कूली बच्चों को मूंग बांटकर इस योजना की शुरुआत की, लेकिन सरकार की वाह-वाही होती उससे पहले ही मूंग की घटिया क्वालिटी ने इस पूरे सरकारी अभियान और सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं.(Substandard Moong For Child in Dhar)

धार में बच्चों के लिए घटिया मूंग

बच्चों की सेहत सुधारने के लिए सरकार का तौहफा: एमपी के कई स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन करके बच्चों को मूंग वितरित की गई. मूंग को अन्न उत्सव की तरह समारोह पूर्वक वितरित किया गया. मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत शासकीय स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए मूंग दाल का वितरण किया गया, लेकिन आदिवासी बाहुल्य धार में 480 बैग ऐसे भेजे गए जो गुणवत्ताहीन है. मूंग के इन बोरों में मिट्टी और बुरादा है, जो खाने के लायक नहीं है. इसमें कंकड़ भी है. बांटा जा रहा नि:शुल्क मूंग धार में घटिया क्वालिटी का भेज दिया गया था. जैसे ही खराब मूंग बंटने की जानकारी मिली, वैसे ही प्रशासन ने इस मूंग की जांच के लिए एक दल गठित कर दिया है. इस मामले में अब कार्रवाई करने की बात की जा रही है.

सरकार के मूंग का नहीं हुआ वितरण: गोदाम में मौजूद लोगों ने जब मूंग के खराब क्वालिटी को देखा तो विपणन संघ को इसकी सूचना दी, और इस घटिया मूंग का वितरण नहीं किया गया. अगर इसका वितरण कर दिया जाता तो ये मासूम बच्चों को नुकसान भी पहुंचा सकता था. धार में 2.29 लाख बच्चों को मूंग बांटने की योजना है. जिले में कई जगह नेताओं के हाथों मूंग का वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, लेकिन ये कोई बताने को तैयार नहीं कि घटिया स्तर का मूंग यहां कैसे आ गया. 771 राशन दुकानों से 2 लाख 29 हजार छात्रों के हिसाब से 2,100 मेट्रिक टन का आवंटन आया था.

ज्ञात हुआ है कि जिले में खराब मूंग का वितरण हुआ है. इसके लिए अधिकारियों का एक दल गठित किया जा रहा है, जो मूंग के अलावा जो भी अतिरिक्त खाद्यान्न आता है, सभी की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा. जो शिकायत प्राप्त हुई है, इसके लिए दल बनाकर कार्रवाई की जाएगी.

- डॉ.पंकज जैन, कलेक्टर

किसानों को निराश नहीं करेगी सरकार! मूंग खरीदी के लिए 6000 करोड़ रुपये का कैबिनेट को मंत्री ने भेजा प्रस्ताव

खराब क्वालिटी मूंग के बदले भी नहीं मिला सही मूंग: धार में मूंग हरदा और देवास जिले से परिवहन होकर आ रहा है. गोदाम से खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा राशन की दुकान के माध्यम से इसे बंटवाया जा रहा है. विपणन विभाग ने 480 बोरी की क्वालिटी खराब होने की जानकारी मिलने पर भी इस के बदले 480 बोरी मूंग यहां नहीं भेजे. इस मूंग में मिट्टी, कंकड़ और धूल मिली है. कुछ जगह ये बांटा भी जा चुका है. शिकायत मिलने पर 480 बोरी गोदाम पर एक तरफ रखवा दिया गया. जिससे शहर व ग्रामीण क्षेत्रों की कई दुकानों से शुक्रवार को मूंग वितरण नहीं हो पाया. इधर प्रशासन ने ताबड़तोड़ इस मामले में जांच कमेटी बनाई, जो मामले की जांच कर के अपनी रिपोर्ट देगी.

धार। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत धार के शासकीय स्कूलों के प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के बच्चों को नि:शुल्क मूंग का वितरण किया गया. प्रदेश शासन ने स्कूली बच्चों की सेहत सुधारने के लिए मूंग बांटने की योजना बनाई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बकायदा मंच से स्कूली बच्चों को मूंग बांटकर इस योजना की शुरुआत की, लेकिन सरकार की वाह-वाही होती उससे पहले ही मूंग की घटिया क्वालिटी ने इस पूरे सरकारी अभियान और सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं.(Substandard Moong For Child in Dhar)

धार में बच्चों के लिए घटिया मूंग

बच्चों की सेहत सुधारने के लिए सरकार का तौहफा: एमपी के कई स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन करके बच्चों को मूंग वितरित की गई. मूंग को अन्न उत्सव की तरह समारोह पूर्वक वितरित किया गया. मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत शासकीय स्कूलों के बच्चों की सेहत सुधारने के लिए मूंग दाल का वितरण किया गया, लेकिन आदिवासी बाहुल्य धार में 480 बैग ऐसे भेजे गए जो गुणवत्ताहीन है. मूंग के इन बोरों में मिट्टी और बुरादा है, जो खाने के लायक नहीं है. इसमें कंकड़ भी है. बांटा जा रहा नि:शुल्क मूंग धार में घटिया क्वालिटी का भेज दिया गया था. जैसे ही खराब मूंग बंटने की जानकारी मिली, वैसे ही प्रशासन ने इस मूंग की जांच के लिए एक दल गठित कर दिया है. इस मामले में अब कार्रवाई करने की बात की जा रही है.

सरकार के मूंग का नहीं हुआ वितरण: गोदाम में मौजूद लोगों ने जब मूंग के खराब क्वालिटी को देखा तो विपणन संघ को इसकी सूचना दी, और इस घटिया मूंग का वितरण नहीं किया गया. अगर इसका वितरण कर दिया जाता तो ये मासूम बच्चों को नुकसान भी पहुंचा सकता था. धार में 2.29 लाख बच्चों को मूंग बांटने की योजना है. जिले में कई जगह नेताओं के हाथों मूंग का वितरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, लेकिन ये कोई बताने को तैयार नहीं कि घटिया स्तर का मूंग यहां कैसे आ गया. 771 राशन दुकानों से 2 लाख 29 हजार छात्रों के हिसाब से 2,100 मेट्रिक टन का आवंटन आया था.

ज्ञात हुआ है कि जिले में खराब मूंग का वितरण हुआ है. इसके लिए अधिकारियों का एक दल गठित किया जा रहा है, जो मूंग के अलावा जो भी अतिरिक्त खाद्यान्न आता है, सभी की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा. जो शिकायत प्राप्त हुई है, इसके लिए दल बनाकर कार्रवाई की जाएगी.

- डॉ.पंकज जैन, कलेक्टर

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खराब क्वालिटी मूंग के बदले भी नहीं मिला सही मूंग: धार में मूंग हरदा और देवास जिले से परिवहन होकर आ रहा है. गोदाम से खाद्य और आपूर्ति विभाग द्वारा राशन की दुकान के माध्यम से इसे बंटवाया जा रहा है. विपणन विभाग ने 480 बोरी की क्वालिटी खराब होने की जानकारी मिलने पर भी इस के बदले 480 बोरी मूंग यहां नहीं भेजे. इस मूंग में मिट्टी, कंकड़ और धूल मिली है. कुछ जगह ये बांटा भी जा चुका है. शिकायत मिलने पर 480 बोरी गोदाम पर एक तरफ रखवा दिया गया. जिससे शहर व ग्रामीण क्षेत्रों की कई दुकानों से शुक्रवार को मूंग वितरण नहीं हो पाया. इधर प्रशासन ने ताबड़तोड़ इस मामले में जांच कमेटी बनाई, जो मामले की जांच कर के अपनी रिपोर्ट देगी.

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