धार। जिले के बदनावर में स्थित चिंतामण गणेश मंदिर में दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर ईशान कोण में स्थित है और स्वयंसिद्ध है. माना जाता है कि यहां विराजित गणेश जी की प्रतिमा स्वयंभू है. लोग यहां बारहों महीने दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु मांगलिक कार्यों की निमंत्रण पत्रिका चढ़ाकर श्रीगणेश को आमंत्रित करते हैं.
लोगों की चिंताएं हर लेते हैं गणपति, चिंतामण गणेश मंदिर में दर्शन करने दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
बदनावर में चिंतामण गणेश मंदिर में विराजित विशालकाय गणेश जी की प्रतिमा स्थित है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं.
चिंतामण गणेश मंदिर में विराजित विशालकाय गणेश जी की प्रतिमा
धार। जिले के बदनावर में स्थित चिंतामण गणेश मंदिर में दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. यह मंदिर ईशान कोण में स्थित है और स्वयंसिद्ध है. माना जाता है कि यहां विराजित गणेश जी की प्रतिमा स्वयंभू है. लोग यहां बारहों महीने दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु मांगलिक कार्यों की निमंत्रण पत्रिका चढ़ाकर श्रीगणेश को आमंत्रित करते हैं.
Intro:श्रदालुओ की आस्था का केंद्र है बदनावर का चिंतामन गणेश मंदिर। दूर दूर से भक्त दर्शन के लिए आते है यहाँ। Body:चिंतामन गणेश मंदिर--
बदनावर की स्वयं भू गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते है हर रोज
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बदनावर (धार)। किला दरवाजा स्थित चिंतामण गणेश मंदिर ईशान कोण में होने से स्वयंसिद्ध स्थान है। यहां विराजित गणेश प्रतिमा विशालकाय होकर स्वयं भू है। प्रतिमा अष्ठ गणपति पूणे एवं मोरगांव में विराजित गणेश प्रतिमा की हूबहू है। प्रतिमा परमार कालीन बताई जाती है। मंदिर के पुजारी दिनदयाल सिद्ध ने बताया लगभग 100 साल पहले उनके दादा बंशीधर के स्वप्न के आधार पर की गई खुदाई के दौरान प्रतिमा निकली थी।
#प्रतिमा मनोकामनापूर्ण होने से बारहों मास दर्शनार्थियों का जमावड़ा रहता है। लोग मांगलिक कार्यों की निमंत्रण पत्रिका भी पहले यहां चढ़ाकर श्रीगणेश को आमंत्रित करते है। सन 2012 में खजराना गणपति इंदौर के पुजारी भालचंद्र भट्ट ने स्थान की कीर्ति सुनकर मोतियों से यहां प्रतिमा का अभिषेक किया था। सन 2011 में मंदिर में रिद्धि-सिद्धि की स्थापना भी समारोह पूर्वक हुई थी। मंदिर शहर के नजदीक होने एवं प्राकृतिक छटा फैली होने से दर्शन के लिए आने वाले लोगों को काफी सुकून मिलता है।
भक्तों की चिंता दूर करते है भगवान गणेश, मन्नत होती है पूरी--
ऐसा भी कहा जाता है कि इन दिनों में गणपति के समक्ष कोई भी चिंता व्यक्त की जाए उसका समाधान अवश्य ही होता है। पहले यहां सुनसान एरिया था। समय के साथ हुए विकास के बाद अब सुंदर मंदिर देखने को मिलता है। जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वे भी यहां बप्पा के समक्ष आते हैं। गणेशोत्सव के दिनों में यहाँ मेला जैसा माहौल रहता है।
बाईट-
01-श्रदालु।
02-मंदिर पुजारी।Conclusion:सच्चे मन से मुराद मांगने पर बप्पा हर मनोकामनाएं पूरी करते है। मंदिर में स्थित भगवान गणेश सभी भक्तों की चिंता करते है।
बदनावर की स्वयं भू गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते है हर रोज
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बदनावर (धार)। किला दरवाजा स्थित चिंतामण गणेश मंदिर ईशान कोण में होने से स्वयंसिद्ध स्थान है। यहां विराजित गणेश प्रतिमा विशालकाय होकर स्वयं भू है। प्रतिमा अष्ठ गणपति पूणे एवं मोरगांव में विराजित गणेश प्रतिमा की हूबहू है। प्रतिमा परमार कालीन बताई जाती है। मंदिर के पुजारी दिनदयाल सिद्ध ने बताया लगभग 100 साल पहले उनके दादा बंशीधर के स्वप्न के आधार पर की गई खुदाई के दौरान प्रतिमा निकली थी।
#प्रतिमा मनोकामनापूर्ण होने से बारहों मास दर्शनार्थियों का जमावड़ा रहता है। लोग मांगलिक कार्यों की निमंत्रण पत्रिका भी पहले यहां चढ़ाकर श्रीगणेश को आमंत्रित करते है। सन 2012 में खजराना गणपति इंदौर के पुजारी भालचंद्र भट्ट ने स्थान की कीर्ति सुनकर मोतियों से यहां प्रतिमा का अभिषेक किया था। सन 2011 में मंदिर में रिद्धि-सिद्धि की स्थापना भी समारोह पूर्वक हुई थी। मंदिर शहर के नजदीक होने एवं प्राकृतिक छटा फैली होने से दर्शन के लिए आने वाले लोगों को काफी सुकून मिलता है।
भक्तों की चिंता दूर करते है भगवान गणेश, मन्नत होती है पूरी--
ऐसा भी कहा जाता है कि इन दिनों में गणपति के समक्ष कोई भी चिंता व्यक्त की जाए उसका समाधान अवश्य ही होता है। पहले यहां सुनसान एरिया था। समय के साथ हुए विकास के बाद अब सुंदर मंदिर देखने को मिलता है। जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वे भी यहां बप्पा के समक्ष आते हैं। गणेशोत्सव के दिनों में यहाँ मेला जैसा माहौल रहता है।
बाईट-
01-श्रदालु।
02-मंदिर पुजारी।Conclusion:सच्चे मन से मुराद मांगने पर बप्पा हर मनोकामनाएं पूरी करते है। मंदिर में स्थित भगवान गणेश सभी भक्तों की चिंता करते है।