धार। "परहित सरिस धर्म नहिं भाई" इस पंक्ति को सही साबित किया है रोटी बैंक नामक एक संस्था ने. जो लोगों की मदद से रोटी इकट्टा कर गरीबों का पेट भर रहा है. वहीं सर्दी के समय में गरीबों की मदद के लिए रोटी बैंक के सदस्यों ने कंबल बांटा, जिससे गरीबों को ठंड से बचाया जा सके.
रोटी बैंक एक ऐसी संस्था है, जो रोजाना बेसहारा गरीब और जरूरतमन्द लोगों के साथ-साथ मनावर के शासकीय अस्पताल में मरीजों के परिजनों का पेट भरते हैं. ये रोटी बैंक करीब 8 महीने से लगातार घर-घर से रोटी इकठ्ठा कर गरीबो में बांटता है. अभी ठंड का मौसम देखते हुए संस्था ने नई शुरुआत की है. जिसके चलते फुटपाथ पर सोने वाले गरीबों को कंबल बाट रही है.
रोटी बैंक के सदस्य विपुल गंगवाल का मानना है कि मंदिरों में जाकर अगले जन्म को संवारा जाता है. लेकिन गरीबों की मदद से इस जन्म को संवारा जा सकता है. रोटी बैंक एक ऐसा माध्यम है. जिससे हम गरीबों की मदद कर पुण्य कमा पाते हैं.