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मांदल की ताल पर थिरके विधायक हीरालाल, भगोरिया पर्व की धूम - आदिवासी समाज

आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया का आयोजन किया,मौके पर मनावर विधायक हीरालाल अलावा ने मांदल बजाकर उसकी ताल पर जमकर झूमे

भगोरिया पर्व की धूम
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Published : Mar 15, 2019, 11:11 PM IST

धार। जिले के मनावर में आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया उत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर मनावर विधायक हीरालाल अलावा ने मांदल बजाकर उसकी ताल पर जमकर झूमे.

Adivasi Parva Bhagoria
भगोरिया पर्व की धूम

विधायक हीरालाल अलावा ने बताया कि भगोरिया आदिवासी परंपरा का काफी पुराना पर्व है. होली के पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जहां भी बाजार पड़ता है उस दिन वहां पर आदिवासी समाज के लोग होली के लिए पूजन सामग्री खरीदते हैं, गुलाल खरीदते हैं और बड़ी-बड़ी मांदल बजाकर झूमते हैं.

भगोरिया पर्व की धूम

आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया का आयोजन किया जाता है. जिन में आदिवासी समाज के लोग मांदल की ताल पर झूमते हैं और भगोरिया का आनंद लेते, बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हो कर भगोरिया का आयोजन करते हैं.

धार। जिले के मनावर में आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया उत्सव का आयोजन किया गया. इस मौके पर मनावर विधायक हीरालाल अलावा ने मांदल बजाकर उसकी ताल पर जमकर झूमे.

Adivasi Parva Bhagoria
भगोरिया पर्व की धूम

विधायक हीरालाल अलावा ने बताया कि भगोरिया आदिवासी परंपरा का काफी पुराना पर्व है. होली के पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जहां भी बाजार पड़ता है उस दिन वहां पर आदिवासी समाज के लोग होली के लिए पूजन सामग्री खरीदते हैं, गुलाल खरीदते हैं और बड़ी-बड़ी मांदल बजाकर झूमते हैं.

भगोरिया पर्व की धूम

आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया का आयोजन किया जाता है. जिन में आदिवासी समाज के लोग मांदल की ताल पर झूमते हैं और भगोरिया का आनंद लेते, बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हो कर भगोरिया का आयोजन करते हैं.

Intro:रंगो के त्यौहार होली के पहले आदिवासी समाज के लोग अपने सबसे बड़े पर्व भगोरिया का आयोजन करते हैं भगोरिया के दौरान आदिवासी समाज के लोग होली के लिए पूजन सामग्री की खरीदी करते हैं और बड़ी-बड़ी मांदल बजा कर उस की मधुर ताल पर जमकर झूमते हैं, दरअसल आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी संस्कृति के सबसे बड़े पर्व भगोरिया का आयोजन किया जाता है जिन में आदिवासी समाज के लोग बड़ी-बड़ी मांदल की ताल पर झूमते हैं और भगोरिया का आनंद लेते, जिले में जहां जहां भी बाजार हाट पड़ेगा उस दिन वहां पर भगोरिया का आयोजन होगा, और वहां पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हो कर भगोरिया का आयोजन करेंगे, आज धार जिले के मनावर में भगोरिया का आयोजन थाना परिसर में किया गया जिसमें मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने मांदल बजाई कर उस की ताल पर जमकर झूमे, अपने विधायक को झूमते देख भगोरिया में मौजूद सभी लोग उनके साथ झूमने लगे कुछ युवाओं ने अपने विधायक अलावा को पान खिलाकर उसका स्वागत किया, वहीं विधायक अलावा ने बताया कि भगोरिया आदिवासी परंपरा का काफी पुराना पर्व है होली के पहले आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जहां जहां भी हाट बजार पड़ता है उस दिन वहां पर आदिवासी समाज के लोग होली के लिए पूजन सामग्री खरीदते हैं गुलाल खरीदते हैं और बड़ी-बड़ी मांदल बजा कर उस पर झूमते हैं और भगोरिया के पर्व को मनाते हैं।

बाइट-01-डॉ. हिरालाल अलावा-जयस के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मनावर विधायक


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