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MP Seat Scan Manawar: मनावर सीट पर कांग्रेस-बीजेपी में टक्कर, जयस बिगाड़ सकता है समीकरण, इस बार किसका होगा वर्चस्व - मनावर विधानसभा क्षेत्र

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे धार जिले की मनावर विधानसभा सीट के बारे में. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां सबसे ज्यादा आदिवासी वोटर हैं. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. आगे देखना होगा इस सीट पर किसकी जीत होगी.

MP Seat Scan Manawar
एमपी सीट स्कैन मनावर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Nov 15, 2023, 8:42 AM IST

धार। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता प्रचार में जुट गए हैं. राजधानी भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रैली कर प्रचार अभियान में जुट गए है. दोनों ही दल जीत के लिए सभाएं कर रहे हैं. धार जिले की मनावर सीट पर आदिवासी बाहुल्य है, इस सीट पर सबसे ज्यादा आदिवासी है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. करीब 2 लाख वोटर की सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस काबिज है. रंजना बघेल को हीरालाल अलावा ने हराया था.

MP Seat Scan Manawar
मनावर सीट के मतदाता

7 प्रत्याशी मैदान में: धार जिले के मनावर से अलग-अलग पार्टियों के 7 प्रत्याशी मैदान में हैं. कांग्रेस ने जहां हीरालाल अलावा को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने कन्नौज परमेश्वर को टिकट दिया है.

मनावर सीट का सियासी गणित: मनावर सीट के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो 1990 में बीजेपी को जीत मिली. 1993 में कांग्रेस के पास चली गई. 1998 में भी ये सीट कांग्रेस के कब्जे में थी. वहीं 2003 में बीजेपी ने लंबे समय बाद ये सीट जीती. रंजना बघेल यहां से विधायक रहीं. वहीं 2008 और 2013 में बीजेपी को जीत मिली.

जयस दोनों पार्टियों के लिए चुनौती: डॉक्टर हीरालाल अलावा कांग्रेस से विधायक चुने गए, लेकिन अब अलावा आदिवासी संगठन जयस के साथ जुड़ गए हैं. उन्होंने एलान किया है कि अब वे जयस के प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे. हालांकि हीरालाल का जयस में शामिल होने से कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान होगा. वहीं बीजेपी को भी जयस से नुकसान हो सकता है. ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां पर बड़ी संख्या में आदिवासी हैं.

MP Seat Scan Manawar
साल 2018 का रिजल्ट

फ्लोराइड युक्त पानी: यहां पर फ्लोराइड पानी बड़ी समस्या है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी है. कई स्थानों तक जाने के लिए सड़क कच्ची है. बीजेपी के विधायक ने यहां पर हैट्रिक बनाई, लेकिन विकास को अभी भी ये क्षेत्र तरस रहा है.

बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने वाली रंजना बघेल के लिए रास्ता आसान नहीं होने वाला है. यहां पर अब बीजेपी और कांग्रेस को जयस से डर है, हालांकि बीजेपी की पूर्व मंत्री रंजना बघेल कहती हैं कि नगरीय निकाय में और पंचायत चुनाव में बीजेपी ने हीरालाल अलावा को झटका दिया है. बीजेपी ने यहां पर निकाय चुनावों में जीत हासिल की है.

MP Seat Scan Manawar
मनावर सीट का रिपोर्ट कार्ड

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

क्षेत्र से पलायन बड़ी समस्या: तमाम योजनाओं के बाद क्षेत्र को मूलभूत समस्याओं से अभी भी जूझना पड़ रहा है. सीमेंट फैक्टरी सहित अन्य छोटे-मोटे उद्योग यहां होने के बाद भी पलायन बड़ी समस्या है. हर साल हजारों आदिवासी रोजगार की तलाश में गुजरात-महाराष्ट्र में पलायन करते हैं. सरकार के तमाम दावों के बाद भी सिकलसेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी अभी भी दूर नहीं हुई है. बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र होने के बाद भी यहां कपास से जुड़े उद्योगों को लाने की पहल नहीं हुई. यहां कृषि विज्ञान केंद्र तो खुला, लेकिन संसाधन का अभाव होने से किसानों के लिए यह उपयोगी साबित नहीं हुआ.

धार। एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता प्रचार में जुट गए हैं. राजधानी भोपाल में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रैली कर प्रचार अभियान में जुट गए है. दोनों ही दल जीत के लिए सभाएं कर रहे हैं. धार जिले की मनावर सीट पर आदिवासी बाहुल्य है, इस सीट पर सबसे ज्यादा आदिवासी है. अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. करीब 2 लाख वोटर की सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस काबिज है. रंजना बघेल को हीरालाल अलावा ने हराया था.

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मनावर सीट के मतदाता

7 प्रत्याशी मैदान में: धार जिले के मनावर से अलग-अलग पार्टियों के 7 प्रत्याशी मैदान में हैं. कांग्रेस ने जहां हीरालाल अलावा को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने कन्नौज परमेश्वर को टिकट दिया है.

मनावर सीट का सियासी गणित: मनावर सीट के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो 1990 में बीजेपी को जीत मिली. 1993 में कांग्रेस के पास चली गई. 1998 में भी ये सीट कांग्रेस के कब्जे में थी. वहीं 2003 में बीजेपी ने लंबे समय बाद ये सीट जीती. रंजना बघेल यहां से विधायक रहीं. वहीं 2008 और 2013 में बीजेपी को जीत मिली.

जयस दोनों पार्टियों के लिए चुनौती: डॉक्टर हीरालाल अलावा कांग्रेस से विधायक चुने गए, लेकिन अब अलावा आदिवासी संगठन जयस के साथ जुड़ गए हैं. उन्होंने एलान किया है कि अब वे जयस के प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे. हालांकि हीरालाल का जयस में शामिल होने से कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान होगा. वहीं बीजेपी को भी जयस से नुकसान हो सकता है. ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां पर बड़ी संख्या में आदिवासी हैं.

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साल 2018 का रिजल्ट

फ्लोराइड युक्त पानी: यहां पर फ्लोराइड पानी बड़ी समस्या है. इसकी वजह से लोगों को परेशानी है. कई स्थानों तक जाने के लिए सड़क कच्ची है. बीजेपी के विधायक ने यहां पर हैट्रिक बनाई, लेकिन विकास को अभी भी ये क्षेत्र तरस रहा है.

बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने वाली रंजना बघेल के लिए रास्ता आसान नहीं होने वाला है. यहां पर अब बीजेपी और कांग्रेस को जयस से डर है, हालांकि बीजेपी की पूर्व मंत्री रंजना बघेल कहती हैं कि नगरीय निकाय में और पंचायत चुनाव में बीजेपी ने हीरालाल अलावा को झटका दिया है. बीजेपी ने यहां पर निकाय चुनावों में जीत हासिल की है.

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मनावर सीट का रिपोर्ट कार्ड

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

क्षेत्र से पलायन बड़ी समस्या: तमाम योजनाओं के बाद क्षेत्र को मूलभूत समस्याओं से अभी भी जूझना पड़ रहा है. सीमेंट फैक्टरी सहित अन्य छोटे-मोटे उद्योग यहां होने के बाद भी पलायन बड़ी समस्या है. हर साल हजारों आदिवासी रोजगार की तलाश में गुजरात-महाराष्ट्र में पलायन करते हैं. सरकार के तमाम दावों के बाद भी सिकलसेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी अभी भी दूर नहीं हुई है. बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र होने के बाद भी यहां कपास से जुड़े उद्योगों को लाने की पहल नहीं हुई. यहां कृषि विज्ञान केंद्र तो खुला, लेकिन संसाधन का अभाव होने से किसानों के लिए यह उपयोगी साबित नहीं हुआ.

Last Updated : Nov 15, 2023, 8:42 AM IST
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