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नैसर्गिक सुंदरता ही नहीं, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी मशहूर है मांडू

विंध्याचल पर्वत पर बसा मांडू एक ओर जहां अपनी नैसर्गिक सुंदरता से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. वहीं दूसरी ओर यहां का रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और वॉटर कंजर्वेशन सिस्टम भी आज के साथ कल को संरक्षित कर रहा है.

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Published : Sep 28, 2019, 3:29 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 10:28 AM IST

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी मशहूर है मांडू

धार। प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का संगम कराने वाला और नैसर्गिक सुंदरता से सबका मन मोहने वाला मांडू वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए भी मशहूर है. मांडू की हर एक इमारत में पानी की कमी को पूरा करने के लिए बारिश के पानी को संजोना शुरू किया गया है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी मशहूर है 'मांडू'


समुद्र तल से 21 फीट की ऊंचाई पर स्थित मांडू में पानी संजोना बड़ी चुनौती थी. जिसके लिए सालों पहले ही मांडू की इमारतों में वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया गया था. इस सिस्टम के लिए बाकायदा मांडू की इमारतों में ऐसा प्रबंध किया गया कि हर एक इमारत में पानी की कमी को पूरा किया जा सके.

cannals in mandu
नहरों से बावड़ी और तालाबों में किया जाता है पानी संग्रहित


नहरों से बावड़ी और तालाबों में किया पानी संग्रहित
बारिश के पानी को संजोने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया गया. जिसके लिए बाकायदा सभी इमारतों में छोटी-छोटी नहरों से बारिश के पानी को छोटी-छोटी बावड़ियों और तालाबों में संग्रहित किया गया. इस संग्रहित पानी का उपयोग साल भर मांडू के राजा-महाराजा और जनता करती थी. ये वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आज भी मांडू में मौजूद है. जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में भी पानी की कमी नहीं होती.

jahaj mahal, mandu
जहाज महल है जीता-जागता उदाहरण


जहाज महल है जीता-जागता उदाहरण
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का जीता-जागता उदाहरण है यहां का कपूर और मुंज तालाब के मध्य स्थित जहाज महल. जहाज महल परिसर में स्थित चंपा बावड़ी और नाहर झरोखे के साथ मांडू में स्थित हर एक इमारत में ये सिस्टम देखने को मिलता है. इस सिस्टम के लिए हर एक इमारत में छोटी-छोटी नहरों का निर्माण किया गया है. जिनका कनेक्शन इस तरह किया गया है कि बारिश का पानी इमारतों की छोटी-बड़ी बावड़ियों और तालाबों में जुटाया जा सके. इस तरह मांडू की हर इमारत में बारिश के पानी को संग्रहित कर उसे उपयोग में लाया जाता था. इसलिए मांडू अपने वैभवशाली इतिहास, सुंदर इमारतों और नैसर्गिक सुंदरता के साथ वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी प्रसिद्ध है.

धार। प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का संगम कराने वाला और नैसर्गिक सुंदरता से सबका मन मोहने वाला मांडू वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए भी मशहूर है. मांडू की हर एक इमारत में पानी की कमी को पूरा करने के लिए बारिश के पानी को संजोना शुरू किया गया है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी मशहूर है 'मांडू'


समुद्र तल से 21 फीट की ऊंचाई पर स्थित मांडू में पानी संजोना बड़ी चुनौती थी. जिसके लिए सालों पहले ही मांडू की इमारतों में वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया गया था. इस सिस्टम के लिए बाकायदा मांडू की इमारतों में ऐसा प्रबंध किया गया कि हर एक इमारत में पानी की कमी को पूरा किया जा सके.

cannals in mandu
नहरों से बावड़ी और तालाबों में किया जाता है पानी संग्रहित


नहरों से बावड़ी और तालाबों में किया पानी संग्रहित
बारिश के पानी को संजोने के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया गया. जिसके लिए बाकायदा सभी इमारतों में छोटी-छोटी नहरों से बारिश के पानी को छोटी-छोटी बावड़ियों और तालाबों में संग्रहित किया गया. इस संग्रहित पानी का उपयोग साल भर मांडू के राजा-महाराजा और जनता करती थी. ये वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आज भी मांडू में मौजूद है. जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में भी पानी की कमी नहीं होती.

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जहाज महल है जीता-जागता उदाहरण


जहाज महल है जीता-जागता उदाहरण
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का जीता-जागता उदाहरण है यहां का कपूर और मुंज तालाब के मध्य स्थित जहाज महल. जहाज महल परिसर में स्थित चंपा बावड़ी और नाहर झरोखे के साथ मांडू में स्थित हर एक इमारत में ये सिस्टम देखने को मिलता है. इस सिस्टम के लिए हर एक इमारत में छोटी-छोटी नहरों का निर्माण किया गया है. जिनका कनेक्शन इस तरह किया गया है कि बारिश का पानी इमारतों की छोटी-बड़ी बावड़ियों और तालाबों में जुटाया जा सके. इस तरह मांडू की हर इमारत में बारिश के पानी को संग्रहित कर उसे उपयोग में लाया जाता था. इसलिए मांडू अपने वैभवशाली इतिहास, सुंदर इमारतों और नैसर्गिक सुंदरता के साथ वॉटर कंजर्वेशन और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी प्रसिद्ध है.

Intro:मांडू अपने वैभवशाली इतिहास और सुंदर इमारतों के साथ वाटर कंजर्वेशन और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी प्रसिद्ध


Body:विंध्याचल के पहाड़ी पर समुद्र तल से 21सौ फीट की ऊंचाई पर स्थित मांडव जिसे मांडू के नाम से जाना जाता है वह अपने वैभवशाली इतिहास के साथ सुंदर इमारतों और उन इमारतों में स्थित वाटर कंजर्वेशन एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी प्रसिद्ध है, वाटर कंजर्वेशन एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को देखने के लिए भी बड़ी संख्या में दूरदराज से पर्यटक मांडू आते हैं क्या है वाटर कंजर्वेशन एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम समुद्र तल से 21 फीट की ऊंचाई पर स्थित मांडू में पानी को संझौ कर रखना एक बड़ी चुनौती थी इसी को लेकर मांडू में कई वर्ष पूर्व ही मांडव में स्थित इमारतों में वाटर कंजर्वेशन एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को डेवलप किया गया इसके लिए बकायदा मांडव की इमारतों की ऊंचाईयो के बीच ऐसा प्रबंध किया गया कि मांडव की हर एक इमारत में पानी की कमी को पूरा किया जा सके इसके साथ ही साथ मांडव में बारिश के पानी को संजोकर रखने के लिए भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप किया गया जिसके लिए बकायदा मांडू की हर एक इमारत में छोटी-छोटी नहरों से बारिश के पानी को मांडू में स्थित इमारतों मैं छोटी-छोटी बावडीयो और तालाबों में संग्रहित किया गया और उसी संग्रहित पानी का उपयोग साल भर मांडू की जनता और राजा महाराज किया करते थे, यह वाटर कंजर्वेशन एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आज भी मांडू में मौजूद थे जिस वजह से मांडू में गर्मी के दिनों में पानी की कमी नहीं होती। मांडू की हर एक इमारत में स्थित है रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम मांडू में देखने के लिए कई सुंदर इमारतें हैं और उन इमारतों में बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए छोटी-छोटी बावडीया और तालाब भी स्थित है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का जीता जागता उदाहरण मांडू में स्थित कपूर और मुंज तालाब के बीचों-बीच स्थित जहाज महल है वही जहाज महल के परिसर में स्थित चंपा बावड़ी और नाहर झरोखे के साथ मांडू में स्थित हर एक इमारतों में देखने को मिल सकता है, इसके लिए बकायदा मांडू में स्थित हर एक इमारत में छोटी-छोटी नहरों का निर्माण किया गया जिनका कनेक्शन इस तरह से किया गया कि बारिश का पानी उन इमारतों में स्थित छोटी-बड़ी बावड़ीयो और तालाबों में हो और इन्हीं छोटी-छोटी नहरों के द्वारा बारिश का पानी बावड़ियों और तालाबों मैं जाकर संग्रहित होता था इस तरह मांडव में स्थित हर एक इमारत में बारिश के पानी को संग्रहित कर उसे उपयोग में लाया जाता था, इसलिए मांडू अपने वैभवशाली इतिहास के साथ सुंदर इमारतों और इमारतों में स्थित वाटर कंजर्वेशन एवं वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए भी प्रसिद्ध है


Conclusion:बाइट-01-भोजपाल-गाइड मांडू
Last Updated : Sep 30, 2019, 10:28 AM IST
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