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मंडी कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, वेतन भत्ते की मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे भूख हड़ताल

वेतन भत्ते की मांग को लेकर जिले भर के मंडी कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और मांग पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी है.

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Published : Oct 1, 2020, 4:00 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 6:28 PM IST

warning of movement by handing out memorandum
ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की दी चेतावनी

धार। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के बैनर तले जिले भर के मंडी कर्मचारियों ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित होकर वेतन भत्ते की मांग की. साथ ही मध्यप्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा मंडियों को लेकर लाए नए कानून के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर केके मालवी को ज्ञापन सौंपा.

मंडी कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

ज्ञापन के माध्यम से जिले भर के मंडी बोर्ड कर्मचारियों ने बताया कि वह वेतन भत्ते की मांग को लेकर लंबे समय से शासन से मांग कर रहे हैं. प्रदेश शासन ने वेतन भत्ते को लेकर आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब तक प्रदेश शासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

कर्मचारियों का कहना है यदि आगामी दिनों में भी प्रशासन द्वारा हमारी मांग पर यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो, इसके विरोध में क्रमिक अनशन के साथ में भूख हड़ताल पर भी जाएंगे. इस दौरान यदि किसी भी मंडी कर्मचारियों को कोई नुकसान पहुंचता है, तो उसकी पूर्ण जवाबदारी प्रदेश शासन की रहेगी.

धार। संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के बैनर तले जिले भर के मंडी कर्मचारियों ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित होकर वेतन भत्ते की मांग की. साथ ही मध्यप्रदेश एवं केंद्र सरकार द्वारा मंडियों को लेकर लाए नए कानून के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर केके मालवी को ज्ञापन सौंपा.

मंडी कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

ज्ञापन के माध्यम से जिले भर के मंडी बोर्ड कर्मचारियों ने बताया कि वह वेतन भत्ते की मांग को लेकर लंबे समय से शासन से मांग कर रहे हैं. प्रदेश शासन ने वेतन भत्ते को लेकर आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब तक प्रदेश शासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

कर्मचारियों का कहना है यदि आगामी दिनों में भी प्रशासन द्वारा हमारी मांग पर यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो, इसके विरोध में क्रमिक अनशन के साथ में भूख हड़ताल पर भी जाएंगे. इस दौरान यदि किसी भी मंडी कर्मचारियों को कोई नुकसान पहुंचता है, तो उसकी पूर्ण जवाबदारी प्रदेश शासन की रहेगी.

Last Updated : Oct 1, 2020, 6:28 PM IST
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