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डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा आदिवासियों का जिला, समय पर सही इलाज न मिलने परेशान मरीज

धार जिले में प्रथम और द्वितीय श्रेणी के डॉक्टरों के 243 पद हैं, जिनमें केवल 113 पद पर डॉक्टर पदस्थ हैं. आदिवासी बहुल इलाके में इस स्तर पर डॉक्टरों की कमी चिंता का विषय है.

जिला अस्पताल
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Published : Jul 13, 2019, 6:27 AM IST

धार। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले धार के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है. मरीजों को परेशान होना पड़ता है. धार जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी डॉक्टरों के 35 पद हैं, जिन पर केवल 5 डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

बड़ी संख्या में जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी जिसके चलते मरीज होते हैं परेशान
जिले में जरूरत के मुताबिक डॉक्टरों के पद तो हैं लेकिन वे खाली हैं. धार जिले में द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों की बात करें तो जिला अस्पताल में 30 पद हैं, जिन पर 21 डॉक्टर अपनी सेवा दे रहे हैं. अस्पताल में प्रथम श्रेणी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं ही नहीं जिसके चलते महिलाओं को द्वितीय श्रेणी की महिला डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाएं लेनी पड़ती हैं. जिले में प्रथम और द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों की संख्या मिलाकर 243 पद हैं जिन में केवल 113 पद पर डॉक्टर पदस्थ हैं. इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी होने के चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को किस तरीके की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं.जिला अस्पताल के साथ जिले में जिस तरीके से डॉक्टरों के खाली पद हैं उनसे यह साफ जाहिर होता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा के नाम पर जनता को जो दलीलें सरकार देती है वह खोखली होती हैं, उनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं होती यदि समय रहते हैं डॉक्टरों के रिक्त पदों पर पदस्थापना नहीं की गई तो स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और बिगड़ सकती है.

धार। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले धार के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते यहां आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है. मरीजों को परेशान होना पड़ता है. धार जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी डॉक्टरों के 35 पद हैं, जिन पर केवल 5 डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

बड़ी संख्या में जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी जिसके चलते मरीज होते हैं परेशान
जिले में जरूरत के मुताबिक डॉक्टरों के पद तो हैं लेकिन वे खाली हैं. धार जिले में द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों की बात करें तो जिला अस्पताल में 30 पद हैं, जिन पर 21 डॉक्टर अपनी सेवा दे रहे हैं. अस्पताल में प्रथम श्रेणी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं ही नहीं जिसके चलते महिलाओं को द्वितीय श्रेणी की महिला डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाएं लेनी पड़ती हैं. जिले में प्रथम और द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों की संख्या मिलाकर 243 पद हैं जिन में केवल 113 पद पर डॉक्टर पदस्थ हैं. इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी होने के चलते अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को किस तरीके की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं.जिला अस्पताल के साथ जिले में जिस तरीके से डॉक्टरों के खाली पद हैं उनसे यह साफ जाहिर होता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा के नाम पर जनता को जो दलीलें सरकार देती है वह खोखली होती हैं, उनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं होती यदि समय रहते हैं डॉक्टरों के रिक्त पदों पर पदस्थापना नहीं की गई तो स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और बिगड़ सकती है.
Intro:बड़ी संख्या में जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी ,जिसके चलते मरीज होते हैं परेशान


Body:मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले धार के जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी है जिसके चलते यहां आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही है उन्हें परेशान होना पड़ता है, धार जिला अस्पताल में प्रथम श्रेणी डॉक्टरों के 35 पद हैं जिन पर केवल 5 डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों के जिला अस्पताल में 30 पद है,जीन पर 21 डॉक्टर अपनी सेवा जिला अस्पताल में दे रहे है,अस्पताल में प्रथम श्रेणी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हे ही नही, जिला अस्पताल में आने वाली महिलाओं को द्वितीय श्रेणी महिला डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाएं लेनी पड़ती है यदि जिले की बात की जाए तो जिले में प्रथम और द्वितीय श्रेणी डॉक्टरों की संख्या मिलाकर 243 पद है जिन पर केवल 113 पद पर डॉक्टर अपनी सेवा जिले के सरकारी अस्पतालों में दे रहे हैं इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों की कमी होने के चलते यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को किस तरीके की स्वास्थ्य सेवाएं मिलती होगी


Conclusion:जिला अस्पताल के साथ जिले में जिस तरीके से डॉक्टरों के रिक्त पद है उनसे यह साफ जाहिर होता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा के नाम पर जनता को जो दलीलें देती है वह खोखली होती है उनमें किसी भी तरह की कोई सच्चाई नहीं होती यदि समय रहते हैं डॉक्टरों के रिक्त पदों पर पदस्थापना नहीं की गई तो स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और बिगड़ सकती है।

बाइट-01-अशोक-मरीज
बाइट-02-डॉ.एस के सरल- जिला स्वास्थ्य अधिकारी धार
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