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विदेशी पर्यटकों ने जानी आदिवासियों की संस्कृति, महिलाओं के साथ बनाई मक्के की रोटी

चेक गणराज्य और जर्मनी से कुछ विदेशी महिलाओं का एक पर्यटक दल आदिवासी संस्कृति को जानने के लिए मांडू पहुंचा. यहां उन्होंने नजदीक से आदिवासी संस्कृति की खासियतों को जानने की कोशिश की.

tourists visit mandu
पर्यटकों ने जानी आदिवासियों की संस्कृति
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Published : Feb 5, 2020, 8:45 AM IST

Updated : Feb 5, 2020, 12:21 PM IST

धार। आदिवासियों की संस्कृति को जानने के लिए विदेशी पर्यटकों का दल मांडू पहुंचा, जहां आदिवासी समाज के लोगों ने उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया.

चेक गणराज्य और जर्मनी से विदेशी महिलाओं का एक पर्यटक दल मांडू के मालीपुरा गांव पहुंचा, जहां आदिवासी समाज के लोगों ने विदेशी पर्यटकों का स्वागत लोकनृत्य भगोरिया से किया. विदेशी पर्यटक के दल ने आदिवासी समाज की संस्कृति और उनकी दिनचर्या को जानने के लिए पूरा एक दिन उनके साथ बिताया. विदेशी महिला पर्यटकों ने आदिवासी समाज के बच्चों की चोटी बनाई, साथ ही मक्के की रोटी बनाना भी सीखा.

पर्यटकों ने जानी आदिवासियों की संस्कृति
बता दें कि मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी मांडू अपने गौरवशाली इतिहास और पौराणिक धरोहर के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हमेशा से रही है. अब विदेशी सैलानी यहां आकर आदिवासियों की संस्कृति को जानने में भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं.

धार। आदिवासियों की संस्कृति को जानने के लिए विदेशी पर्यटकों का दल मांडू पहुंचा, जहां आदिवासी समाज के लोगों ने उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया.

चेक गणराज्य और जर्मनी से विदेशी महिलाओं का एक पर्यटक दल मांडू के मालीपुरा गांव पहुंचा, जहां आदिवासी समाज के लोगों ने विदेशी पर्यटकों का स्वागत लोकनृत्य भगोरिया से किया. विदेशी पर्यटक के दल ने आदिवासी समाज की संस्कृति और उनकी दिनचर्या को जानने के लिए पूरा एक दिन उनके साथ बिताया. विदेशी महिला पर्यटकों ने आदिवासी समाज के बच्चों की चोटी बनाई, साथ ही मक्के की रोटी बनाना भी सीखा.

पर्यटकों ने जानी आदिवासियों की संस्कृति
बता दें कि मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी मांडू अपने गौरवशाली इतिहास और पौराणिक धरोहर के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हमेशा से रही है. अब विदेशी सैलानी यहां आकर आदिवासियों की संस्कृति को जानने में भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं.
Intro:आदिवासियों की संस्कृति जानने के लिए विदेशी पर्यटकों का दल पहुंचा मांडू, आदिवासी समाज के लोगों के बीच में 1 दिन रह कर विदेशी पर्यटकों ने आदिवासी समाज की संस्कृति को जानाBody:मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी मांडू अपने गौरवशाली इतिहास और पौराणिक धरोहर के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रही है, वहीं अब विदेशी पर्यटक मांडू आकर आदिवासियों की संस्कृति को जानने में भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं, इसी कड़ी में चेक गणराज्य और जर्मनी विदेशी महिलाओं का एक पर्यटक दल मांडू पहुंचा , इस दल ने मांडू में आदिवासियों की संस्कृति को जानने में रुचि दिखाई ,इसके लिए बकायदा विदेशी महिलाओं का यह दल मांडू के ग्राम मालीपुरा पहुंचा, ग्राम मालीपुरा में विदेशी पर्यटकों को आता देख आदिवासी समाज के लोगों ने विदेशी पर्यटकों का स्वागत आदिवासी लोकनृत्य भगोरिया से किया, भगोरिया की मधुर धुन और आदिवासी समाज के लोगों के मदमस्त नृत्य को देखकर विदेशी पर्यटकों का दल अपने आपको आदिवासी समाज के लोगों के साथ में नाचने से नहीं रोक पाए, इसके साथ ही साथ आदिवासी समाज की महिलाओं ने अपने लोकगीतों की मधुर धुन से विदेशी पर्यटकों के दल का स्वागत किया ,आदिवासी समाज की महिलाओं के लोक गीतों को सुनकर विदेशी पर्यटकों का दल काफी खुश नजर आया, इसी के चलते विदेशी पर्यटक के दल ने आदिवासी समाज की संस्कृति और उनकी दिनचर्या को जानने के लिए 1 दिन का पूरा समय ग्राम मालीपुरा में आदिवासी समाज के लोगों के बीच में रहने का निर्णय लिया ,इस दौरान उन्होंने 1 दिन का समय बिताकर आदिवासी समाज की संस्कृति और उनकी दिनचर्या को जाना , विदेशी महिला पर्यटक ने आदिवासी समाज के बच्चों की चोटी बनाई ,उनके करीब आने की कोशिश की और उनकी संस्कृति को जाना, विदेशी पर्यटकों के स्वागत के लिए आदिवासी समाज की महिलाओं ने विशेष रूप से मक्का की रोटी चने कि भाजी बनाई, ओर विदेशी पर्यटकों को खिलाई, मक्का की रोटी और चने की भाजी का स्वाद विदेशी पर्यटकों के जुबा इस कदर चढ़ा की विदेशी महिलाओं ने मक्का की रोटी और चने की भाजी बनाने का निर्णय लिया उन्होंने आदिवासी समाज की महिलाओं के साथ में मक्का की रोटी बनाई भी बनाई, इस तरह मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी मांडू अपने वैभवशाली इतिहास और पौराणिक धरोहर के साथ में विदेशी पर्यटकों के लिए आदिवासी संस्कृति को जानने का एक केंद्र बनता जा रहा है, आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ ने ट्राइवल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मांडू में मांडू महोत्सव का आयोजन किया था उसी आयोजन के चलते अब आदिवासियों की संस्कृति को जानने के लिए विदेशी पर्यटक मांडू पहुंच रहे हैं और उनके बीच में समय बिताकर आदिवासियों की संस्कृति जान रहे हैं।Conclusion:इस खबर में किसी कि बाइट नही है।
Last Updated : Feb 5, 2020, 12:21 PM IST
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