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लॉकडाउन इफेक्टः अदरक के नहीं मिल रहे खरीददार, किसानों को हुआ लाखों का नुकसान - ginger farming in dhar

धार जिले के ग्रामीण इलाकों में अदरक की खेती करने वाले किसानों को लॉकडाउन की वजह से भारी नुकसान हुआ है.

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किसानों को भारी नुकसान
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Published : May 7, 2020, 4:55 PM IST

धार। अपने औषधीय गुणों के चलते अदरक को औषधि और मसालों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. अदरक से जहां खाने का जायका बढ़ता है ,तो वहीं चाय की चुस्की शरीर में स्फूर्ति ला देती है. वहीं अदरक का उपयोग कई तरह कि दवाइया बनाने में भी किया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन की वजह से 150 से 200 रुपय प्रतिकिलो तक बिकने वाला अदरक, अब किसानों से 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो में भी कोई लेने तैयार नहीं है.

किसानों को भारी नुकसान

जिले के जोतपुर गांव के किसान रमेश मावजी भाई पटेल ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि, लॉकडाउन की वजह से उनकी साढ़े तीन एकड़ में अदरक की फसल लगाई थी. जिसमें करीब 1 लाख 25 हजार रुपए का खर्च आया था. लेकिन अब आलम ये है कि उपज खेतों में सूख कर खराब हो रही है. मार्च में जो लॉकडाउन हुआ, वो अभी तक जारी है. बाजार बंद हैं. किसानों की उपज खरीदने कि लिए थोक व्यापारी भी नहीं मिल रहे हैं.

हर साल किसान अदरक की उपज शहरी क्षेत्रों में करीब 200 रुपए प्रति किलो तक बेच देते थे. लेकिन इस बार उपज की बिक्री नहीं होने से रमेश मावजी को 8 से 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. यही हाल बाकि दूसरे किसानों को भी है.

इम्यूनिटी मजबूत करता है अदरक

अदरक में एंटी बैक्टेरिया और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. जो कई बीमारियों से हमारे शरीर को बचाते हैं. अदरक शरीर को एनर्जी देने के काम करता है. इन तमाम गुण होने के बावजूद इसे उगाने वाले किसानों के जख्म नहीं भर पा रहा है.

धार। अपने औषधीय गुणों के चलते अदरक को औषधि और मसालों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. अदरक से जहां खाने का जायका बढ़ता है ,तो वहीं चाय की चुस्की शरीर में स्फूर्ति ला देती है. वहीं अदरक का उपयोग कई तरह कि दवाइया बनाने में भी किया जाता है. लेकिन कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन की वजह से 150 से 200 रुपय प्रतिकिलो तक बिकने वाला अदरक, अब किसानों से 30 से 40 रुपये प्रतिकिलो में भी कोई लेने तैयार नहीं है.

किसानों को भारी नुकसान

जिले के जोतपुर गांव के किसान रमेश मावजी भाई पटेल ने ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि, लॉकडाउन की वजह से उनकी साढ़े तीन एकड़ में अदरक की फसल लगाई थी. जिसमें करीब 1 लाख 25 हजार रुपए का खर्च आया था. लेकिन अब आलम ये है कि उपज खेतों में सूख कर खराब हो रही है. मार्च में जो लॉकडाउन हुआ, वो अभी तक जारी है. बाजार बंद हैं. किसानों की उपज खरीदने कि लिए थोक व्यापारी भी नहीं मिल रहे हैं.

हर साल किसान अदरक की उपज शहरी क्षेत्रों में करीब 200 रुपए प्रति किलो तक बेच देते थे. लेकिन इस बार उपज की बिक्री नहीं होने से रमेश मावजी को 8 से 10 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. यही हाल बाकि दूसरे किसानों को भी है.

इम्यूनिटी मजबूत करता है अदरक

अदरक में एंटी बैक्टेरिया और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. जो कई बीमारियों से हमारे शरीर को बचाते हैं. अदरक शरीर को एनर्जी देने के काम करता है. इन तमाम गुण होने के बावजूद इसे उगाने वाले किसानों के जख्म नहीं भर पा रहा है.

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