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धार: बाढ़ के पानी से डूबी किसानों की खड़ी फसल, अन्नदाताओं ने की मुआवजे की मांग

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Published : Sep 11, 2019, 8:33 PM IST

बाढ़ को देखते हुए अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. अब अन्नदाता चाहते हैं कि बाढ़ के कारण जो उनकी फसलों का नुकसान हुआ है शासन-प्रशासन उनका सर्वे जल्दी से जल्दी कर मुआवजा देने का काम करे.

बाढ़ के पानी से डूबी किसानों की खड़ी फसल

धार। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. नर्मदा का वाटर लेवल लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते धार में नर्मदा किनारे बसे हुए गांव बाढ़ की चपेट में हैं. लगातार हो रही बारिश और सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते नर्मदा में वाटर लेवल बढ़ा हुआ है, जिसके चलते नर्मदा के पानी ने किसानों की खड़ी फसलों को जलमग्न कर दिया है.

बाढ़ के पानी से डूबी किसानों की खड़ी फसल

बाढ़ को देखते हुए अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. अब अन्नदाता चाहते हैं कि बाढ़ के कारण जो उनकी फसलों का नुकसान हुआ है शासन- प्रशासन उनका सर्वे जल्दी से जल्दी कर मुआवजा देने का काम करे. वहीं जिन कृषि भूमि को सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में नहीं लिया गया है उसे भी डूब में लिया जाए और पुनर्वास नीति का भी लाभ दिया जाए.


किसानों की फसलों में बाढ़ का पानी घुस जाने को लेकर धरमपुरी तहसीलदार ने बताया कि, गणेश विसर्जन के बाद बाढ़ के कारण जिन क्षेत्रों में किसानों की फसल नुकसानी हुई है उनका सर्वे किया जाएगा. सर्वे के आधार पर ही किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी. वहीं जिन किसानों ने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र में कृषि की है उनको शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं दी जाएगी. साथ ही जिनका कृषि भूखंड डूब क्षेत्र से बाहर है उन्हें डूब में लेकर पुनर्वास नीति का लाभ भी दिया जाएगा.

धार। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. नर्मदा का वाटर लेवल लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते धार में नर्मदा किनारे बसे हुए गांव बाढ़ की चपेट में हैं. लगातार हो रही बारिश और सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते नर्मदा में वाटर लेवल बढ़ा हुआ है, जिसके चलते नर्मदा के पानी ने किसानों की खड़ी फसलों को जलमग्न कर दिया है.

बाढ़ के पानी से डूबी किसानों की खड़ी फसल

बाढ़ को देखते हुए अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं. अब अन्नदाता चाहते हैं कि बाढ़ के कारण जो उनकी फसलों का नुकसान हुआ है शासन- प्रशासन उनका सर्वे जल्दी से जल्दी कर मुआवजा देने का काम करे. वहीं जिन कृषि भूमि को सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में नहीं लिया गया है उसे भी डूब में लिया जाए और पुनर्वास नीति का भी लाभ दिया जाए.


किसानों की फसलों में बाढ़ का पानी घुस जाने को लेकर धरमपुरी तहसीलदार ने बताया कि, गणेश विसर्जन के बाद बाढ़ के कारण जिन क्षेत्रों में किसानों की फसल नुकसानी हुई है उनका सर्वे किया जाएगा. सर्वे के आधार पर ही किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी. वहीं जिन किसानों ने सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र में कृषि की है उनको शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं दी जाएगी. साथ ही जिनका कृषि भूखंड डूब क्षेत्र से बाहर है उन्हें डूब में लेकर पुनर्वास नीति का लाभ भी दिया जाएगा.

Intro:अन्नदाताओं की खड़ी फसल में घुसा नर्मदा में आई बाढ़ का पानी अन्नदाताओ ने मुआवजे की करि मांग ,प्रशासन ने सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने की कही बात


Body:मध्यप्रदेश में बारिश की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं लगातार हो रही बारिश के चलते नर्मदा का वाटर लेवल बढ़ा हुआ है इसी के चलते धार जिले के नर्मदा किनारे बसे हुए गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है लगातार हो रही बारिश और सरदार सरोवर बांध के गेट बंद होने के चलते नर्मदा में वाटर लेवल बढ़ा हुआ है,जिसके चलते नर्मदा के पानी ने किसानों की खड़ी फसलों को जलमग्न कर दिया है, जिसके चलते अन्नदाताओं के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई है अब अन्नदाता चाहते हैं कि बाढ़ के कारण जो उनकी फसलों का नुकसान हुआ है शासन-प्रशासन उनका सर्वे जल्दी से जल्दी कर मुआवजे देने का काम करे,वही जिन कृषि भूमि को सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में नहीं लिया गया है उसे भी डूब में लिया जाए और पुनर्वास नीति काफी लाभ दिया जाए , अन्नदाताओं की फसलों में बाढ़ का पानी घुस जाने को लेकर धरमपुरी तहसीलदार ने बताया कि गणेश विसर्जन के उपरांत बाढ़ के कारण जिन क्षेत्रों में किसानों की फसल नुकसानी हुई है उनका सर्वे किया जाएगा सर्वे के आधार पर ही किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी, वहीं जिन किसानों ने सरदार सरोवर बांध के डूबप्रभावित क्षेत्र में कृषि की है उनको शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं दी जाएगी ,वही जिनका कृषि भूखंड डूब क्षेत्र से बाहर है उन्हें डूब में लेकर पुनर्वास नीति का लाभ भी दिया जाएगा, अब देखने वाली बात यह हो गई कि शासन-प्रशासन कब तक अन्नदाताओं की कृषि भूमि का सर्वे कर उन्हें सहायता राशि देने का काम करता है।


Conclusion:बाइट-01-दौलत सिंह रंदावा-किसान
बाइट-02-अज़मेर सिंह गौड़-तहसीलदार धरमपुरी
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