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12 साल बीत जाने के बाद भी अधूरी है नल-जल योजना, जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

धार की सरदारपुर तहसील में 12 साल बीत जाने के बाद भी नल-जल योजना अब तक अधूरी है. जिस वजह से ग्रामीण जल संकट से जूझ रहे हैं.

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Published : Mar 5, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 8:29 PM IST

Even after 12 years nal-jal  scheme is incomplete in dhar
जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

धार। सरदारपुर में अभी गर्मी ने दस्तक भी नहीं दी और ग्राम पंचायत दसई में जल संकट दिखने लगा है. लाखों रुपए की लागत की नल-जल योजना 12 साल बीत जाने के बाद भी अब तक अधूरी है. वहीं PHE विभाग और ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ग्रामिणों को भुगतना पड़ रहा है.

जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

सरदारपुर तहसील में दसई सबसे बड़ा गांव है और यहां की आबादी करीब 12 हजार है. योजना तत्कालिन विधायक मुकाम सिंह निगवाल के अथक प्रयास से गांव में जल सप्लाई परियोजना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त निधि लगभग 98 लाख सात हजार रूपए की स्वीकृत हुई थी. परियोजना का काम 2009 तक पूरा होना था. लेकिन अब तक सिर्फ एक पानी की टंकी बनाई गई है, वो भी अधूरी.

योजना मंडल द्वारा अनुमोदित आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना के तहत जल शुद्धीकरण संयत्र का निर्माण, पौने दो लाख लीटर क्षमता की टंकी, तालाब से लेकर निर्माणधीन टंकी तक और टंकी से पूरे गांव में पेयजल वितरण की पाईप लाईन पूरा करना है.लेकिन PHE विभाग और ठेकेदार की मनमानी से योजना धरातल तक नहीं पहुंची और ग्रामीणों को जल संकट झेलना पड़ रहा है.

धार। सरदारपुर में अभी गर्मी ने दस्तक भी नहीं दी और ग्राम पंचायत दसई में जल संकट दिखने लगा है. लाखों रुपए की लागत की नल-जल योजना 12 साल बीत जाने के बाद भी अब तक अधूरी है. वहीं PHE विभाग और ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा ग्रामिणों को भुगतना पड़ रहा है.

जल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

सरदारपुर तहसील में दसई सबसे बड़ा गांव है और यहां की आबादी करीब 12 हजार है. योजना तत्कालिन विधायक मुकाम सिंह निगवाल के अथक प्रयास से गांव में जल सप्लाई परियोजना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त निधि लगभग 98 लाख सात हजार रूपए की स्वीकृत हुई थी. परियोजना का काम 2009 तक पूरा होना था. लेकिन अब तक सिर्फ एक पानी की टंकी बनाई गई है, वो भी अधूरी.

योजना मंडल द्वारा अनुमोदित आवर्धन नल-जल प्रदाय योजना के तहत जल शुद्धीकरण संयत्र का निर्माण, पौने दो लाख लीटर क्षमता की टंकी, तालाब से लेकर निर्माणधीन टंकी तक और टंकी से पूरे गांव में पेयजल वितरण की पाईप लाईन पूरा करना है.लेकिन PHE विभाग और ठेकेदार की मनमानी से योजना धरातल तक नहीं पहुंची और ग्रामीणों को जल संकट झेलना पड़ रहा है.

Last Updated : Mar 5, 2020, 8:29 PM IST
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