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'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का कमाल, आदिवासी बहुल जिले में बढ़ रही हैं बेटियां - Beti Bachao Beti Padhao Campaign

धार में बालिकाओं के जन्म दर में काफी सुधार हुआ है. जिले में (girls ratio improved in dhar) पिछले 5 साल में 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई. जो एक अच्छा संकेत है. जबकि प्रति हजार पुरुष पर 3 प्रतिशत महिलाएं बढी हैं.

girls ratio upgraded in dhar
बालिका जन्म दर में सुधार
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Published : Feb 9, 2022, 1:20 PM IST

धार। मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाके धार में बालिकाओं के जन्म दर में बहुत (girls ratio upgraded in dhar) सुधार हुआ है. जिसका नतीजा यह हुआ कि हर दूसरे आंगन में बेटी की किलकारी गूंज रही है. जिले में पिछले 5 साल में 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई. यानि एक हजार बालकों पर 1056 बालिकाएं जन्म ले रही हैं. जबकि प्रति हजार पुरुष पर 3 प्रतिशत महिलाएं बढी हैं. जिले में ग्रामीण आबादी ज्यादा है. इसके बाद भी लिंगानुपात में सुधार होना, अच्छा संकेत दे रहा है. जबकि पहले के आंकड़े निराश करने वाले थे. पहले के दौर में बेटों की चाह के चलते बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था.

आदिवासी बहुल जिले में बढ़ रही हैं बेटियां

शिवराज कैबिनेट की बैठक आज: एमपी में ड्रेस कोड पर हो सकता है बड़ा ऐलान, कम हो सकती हैं कोरोना पाबंदियां

समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं बालिकाएं

महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि जिले में अब प्रति हजार बालक पर 1056 बालिकाएं हैं. इसका प्रमुख कारण शासन के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं हैं. जो बालिकाओं के हित में संचालित की जा रही हैं. 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' भी एक महत्वपूर्ण योगदान वाली योजना रही है. वक्त के साथ ग्रामीणों की सोच में भी बदलाव आया है. बालिकाएं समाज की महत्वपूर्ण कड़ी हैं, बालिकाएं शिक्षित नहीं हैं तो समाज का विकास नहीं हो सकता है.

(girls ratio upgraded in dhar) (1056 girls per 1 thousand boys)

धार। मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाके धार में बालिकाओं के जन्म दर में बहुत (girls ratio upgraded in dhar) सुधार हुआ है. जिसका नतीजा यह हुआ कि हर दूसरे आंगन में बेटी की किलकारी गूंज रही है. जिले में पिछले 5 साल में 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई. यानि एक हजार बालकों पर 1056 बालिकाएं जन्म ले रही हैं. जबकि प्रति हजार पुरुष पर 3 प्रतिशत महिलाएं बढी हैं. जिले में ग्रामीण आबादी ज्यादा है. इसके बाद भी लिंगानुपात में सुधार होना, अच्छा संकेत दे रहा है. जबकि पहले के आंकड़े निराश करने वाले थे. पहले के दौर में बेटों की चाह के चलते बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था.

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(girls ratio upgraded in dhar) (1056 girls per 1 thousand boys)

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