इंदौर। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडव में पाए जाने वाले दुर्लभ पेड़ खुरासानी इमली की चोरी छुपे हो रही अफरा तफरी का मामला उजागर होने के बाद आखिरकार धार जिला प्रशासन ने मांडव में पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. ETV Bharat की लगातार कोशिश और पहल के चलते कटाई पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. नतीजतन अब मांडव में इस दुर्लभ धरोहर को संरक्षित किया जा सकेगा.
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Collector @PriyankM_IAS ने दिए सख़्त आदेश:
— Jansampark Dhar । जनसंपर्क धार (@PROJSDhar) May 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अधीनस्थ सक्षम अमला #खुरसानी_इमली जैसे दुर्लभ #जैव_संसाधन को काटने की किसी प्रकार की अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं होंगे जारी।
म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रदत्त निर्देश के आधार पर ही आगे की कार्यवाही होगी।@NationalBiodiv pic.twitter.com/0i5zxnIDgn
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— Jansampark Dhar । जनसंपर्क धार (@PROJSDhar) May 11, 2023
अधीनस्थ सक्षम अमला #खुरसानी_इमली जैसे दुर्लभ #जैव_संसाधन को काटने की किसी प्रकार की अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं होंगे जारी।
म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रदत्त निर्देश के आधार पर ही आगे की कार्यवाही होगी।@NationalBiodiv pic.twitter.com/0i5zxnIDgnCollector @PriyankM_IAS ने दिए सख़्त आदेश:
— Jansampark Dhar । जनसंपर्क धार (@PROJSDhar) May 11, 2023
अधीनस्थ सक्षम अमला #खुरसानी_इमली जैसे दुर्लभ #जैव_संसाधन को काटने की किसी प्रकार की अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं होंगे जारी।
म.प्र. राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रदत्त निर्देश के आधार पर ही आगे की कार्यवाही होगी।@NationalBiodiv pic.twitter.com/0i5zxnIDgn
दरअसल ETV Bharat ने सबसे पहले इस मामले में पहल करते हुए अपनी पड़ताल में उजागर किया था कि मांडव से हैदराबाद की यूनिक ट्री नर्सरी में और ग्रीन किंगडम बॉटनिकल गार्डन के लिए ले जाए जाने वाले वृक्ष धार जिले की प्राकृतिक और जैव विविधता की धरोहर है. जिन्हें जमीन से उखाड़ कर अन्य जगह लगाना अथवा उनकी बिक्री करना जैव विविधता अधिनियम के विपरीत है. ETV Bharat की पड़ताल में उजागर हुआ था कि जिन दुर्लभ पेड़ों को हैदराबाद के ग्रीन किंगडम बॉटनिकल किंगडम या अन्य बहाने से उखाड़कर हैदराबाद ले जाया जा रहा था वह पूरी तरह मध्य प्रदेश के जैव विविधता अधिनियम के विपरीत था. लिहाजा बुधवार से ही इस मामले में लगातार पड़ताल करते हुए इस आशय की खबर प्रमुखता से लगाई गई थी. इस खबर के वायरल होते ही सोशल मीडिया समेत पर्यावरण संबंधी अन्य एजेंसियों और धार जिला प्रशासन के बीच खासी हलचल देखी गई.
कलेक्टर ने लिया संज्ञान: गुरुवार को इस मामले के उजागर होते ही धार कलेक्टर ने पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि धार में अथवा मांडव में राजस्व निरीक्षकों अथवा राजस्व के अन्य अमले द्वारा वृक्षों को काटने की अथवा परिवहन करने की जो अनुमति दी जा रही है. वह पूरी तरह से अवैध है इसके अलावा वन अमले द्वारा भी इस तरह की अनुमति या किसी भी स्थिति में जारी नहीं की जा सकती. लिहाजा इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए धार जिला प्रशासन ने मांडव में पाए जाने वाले दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों को स्थानीय जैव विविधता की धरोहर मानते हुए इनकी कटाई अथवा परिवहन जैसी किसी भी स्थिति पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं.
यह उल्लेख है आदेश में: धार जिले में तहसीलदार नायब तहसीलदार न्यायालय के द्वारा भू राजस्व संहिता 1959 की धारा तथा आवेदकों के आवेदन प्राप्त होने पर निजी भूमियों पर स्थित वृक्ष काटने की अनुमति अनापत्ति जारी की जा रही है. इस संबंध में समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार न्यायालय को ज्ञात हो कि धार जिले में पाया जाने वाला वृक्ष खुरासानी इमली एक दुर्लभ जल संसाधन है जो जिले की ऐतिहासिक धरोहर है एसएचएल संसाधनों का प्रबंधन जैव विविधता अधिनियम 2002 के अंतर्गत जारी निर्देशों के तहत किए जाने की बाध्यता है. मध्य प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा जैव विविधता अधिनियम की धारा 41 के नियम 2004 के नियम 23 के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन प्रावधान किया गया है.
स्थानीय निकाय स्तर पर जैव विविधता समितियों के द्वारा भारत सरकार के जय विविधता नियम एवं मध्य प्रदेश के प्रावधानों के अंतर्गत खुरासानी इमली तथा समस्त प्रकार के जीव संसाधन के प्रबंधन का दायित्व स्थानीय निकाय स्तर पर जैव विविधता प्रबंध समितियों में निहित है. अतः धार जिले के समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार स्थानीय निकाय न्यायपालिका न्याय परिषद जनपद के द्वारा खुरासानी इमली को निजी आबादी शासकीय अथवा अन्य दखल रहित भूमि पर स्थित जैसे जैव संसाधन को काटने की किसी भी प्रकार की अनुमति अनापत्ति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है. भू अर्जन मानव जीवन पर वृक्षों से खतरा होने अथवा अत्यावश्यक होने पर ऐसे वृक्षों की काटने की अनुमति भू राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत न्यायालय कलेक्टर जिला धार में विधिवत आवेदन प्रस्तुत कर प्राप्त की जाना जरूरी होगा उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
काटने वाली एजेंसी ही वापस लगाएगी पेड़: इस पूरे मामले में अब जिला प्रशासन ने पेड़ों की कटाई के ग्रीन किंगडम बॉटनिकल गार्डन के संचालक को जिम्मेदार माना है लिहाजा राजस्व अमले ने निर्देश दिए हैं कि जो दो पेड़ जमीन से उखाड़े गए हैं उन्हें वापस मांडव में ही लगाया जाए लिहाजा यूनिक ट्री के संचालक रामदेवराव रामादुगू को पुनः जमीन में पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं. दरअसल इस मामले में हैदराबाद में यूनिक ट्री नामक नर्सरी के संचालक रामदेवराव रामादुगू ने दावा किया था कि करीब 300 करोड़ की लागत से वह हैदराबाद में ग्रीन किंगडम बायोलॉजिकल पार्क विकसित कर रहे हैं जिसमें 200 बीघा क्षेत्र में 140 देशों के करीब 1 लाख पेड़ लगाए जाने हैं. इसके लिए उन्होंने दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों को काटकर हैदराबाद ले जाने के लिए वन विभाग से अनुमति प्राप्त की थी. हालांकि डीएफओ धार जीडी बरबड़े ने स्पष्ट किया था कि वन विभाग ने कोई अनुमति जारी नहीं की है जबकि यह अनुमति राजस्व विभाग के स्तर पर जारी की गई है. हालांकि बाद में पता चला था कि वन विभाग द्वारा जो ट्रांजिट परमिशन जारी की उस पर राजस्व विभाग ने निर्धारित शुल्क लगाकर पेड़ों को शिफ्ट करने की सहमति दी थी हालांकि मामला उजागर होने के बाद अधिकारियों ने भी इस मामले में पल्ला झाड़ लिया था.
पेड़ों को बचाने के लिए 4 घंटे चला चक्का जाम: ETV Bharat पर इस मामले के उजागर होने के बाद पूरी खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई. इसके बाद धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने आज राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद इस मामले में तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए वही पेड़ काटने वाले नर्सरी संचालक भी किसी तरह काटे गए पेड़ ले जाने के लिए प्रयासरत दिखे. इसी बीच धार के स्थानीय कांग्रेस नेताओं समेत पूरे मामले की जानकारी धार के मंत्री राज्यवर्धन दत्तीगांव समेत कांग्रेस विधायक पाचीलाल के अलावा कांग्रेस नेता रेवतीरमन राजू खेड़ी को मिली तो वे मांडव की वन संपदा को बचाने के लिए तत्काल धरना देने पहुंच गए. लिहाजा मांडा में करीब 4 घंटे चले चक्का जाम के बाद चक्का जाम खुलवाने नायब तहसीलदार राहुल गायकवाड मौके पर पहुंचे इसके बाद भविष्य में कभी भी पेड़ नहीं कटने की सहमति पर चक्का जाम समाप्त हुआ. शाम होते होते धार कलेक्टर ने खुरासानी इमली के पेड़ को जिले की दुर्लभ धरोहर मानते हुए इस की कटाई परिवहन एवं किसी भी रूप में क्षति पहुंचाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं इधर मांडव समेत धार के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों ने पूरे मामले में ईटीवी की पहल का स्वागत करते हुए संस्थान के प्रति आभार जताया है.