ETV Bharat / state

धार में बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, पिता को दी मुखाग्नि - daughter performed father funeral

धार जिले में बेटी ने बेटे का फर्ज निभाया है, जहां पिता के अंतिम संस्कार पर हर रस्म निभाई, पिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया.

Daughter gave fire to father
बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि
author img

By

Published : Sep 7, 2020, 6:27 AM IST

धार। आज समय के साथ सोच बदलने की जरूरत है, जहां बेटा-बेटी समान दर्जा प्राप्त कर रहे हैं. दरअसल जिले में स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक बेटी ने साहस दिखाते हुए अनुकरणीय पहल की है, जहां पिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया है.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि
धार

दरअसल ऐसा माना जाता है बेटा कुल का दीपक होता है, जो माता-पिता को मुखाग्नि देता है, लेकिन अब यह बातें बीते जमाने की हो गई, जिसे पीथमपुर की बेटी ने साबित कर दिखाया है किया है.

शुक्रवार को ऐसी ही पुरानी कुरीति एक बार फिर टूटी है, जहां बड़ी बेटी दीक्षा ने पिता को न सिर्फ मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की हर वह रस्म निभाई, जिनकी कल्पना कभी एक बेटे से की जाती थी.

पिता की इच्छा की पूरी
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मेें रहने वाले दिलीप दाहिते का बीमारी के चलते निधन हो गया. बेटी दीक्षा ने कहा कि उनके पिता की इच्छा थी कि बेटी उनका अंतिम संस्कार करे, जिसे पूरा उसने गया. उन्होंने कहा कि समय से साथ सोच बदलने की जरूरत है. आज के समय में बेटा-बेटी बराबर हैं.

धार। आज समय के साथ सोच बदलने की जरूरत है, जहां बेटा-बेटी समान दर्जा प्राप्त कर रहे हैं. दरअसल जिले में स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक बेटी ने साहस दिखाते हुए अनुकरणीय पहल की है, जहां पिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया है.

बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि
धार

दरअसल ऐसा माना जाता है बेटा कुल का दीपक होता है, जो माता-पिता को मुखाग्नि देता है, लेकिन अब यह बातें बीते जमाने की हो गई, जिसे पीथमपुर की बेटी ने साबित कर दिखाया है किया है.

शुक्रवार को ऐसी ही पुरानी कुरीति एक बार फिर टूटी है, जहां बड़ी बेटी दीक्षा ने पिता को न सिर्फ मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की हर वह रस्म निभाई, जिनकी कल्पना कभी एक बेटे से की जाती थी.

पिता की इच्छा की पूरी
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी मेें रहने वाले दिलीप दाहिते का बीमारी के चलते निधन हो गया. बेटी दीक्षा ने कहा कि उनके पिता की इच्छा थी कि बेटी उनका अंतिम संस्कार करे, जिसे पूरा उसने गया. उन्होंने कहा कि समय से साथ सोच बदलने की जरूरत है. आज के समय में बेटा-बेटी बराबर हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.