हरदा। गेहूं की फसल कटाई के बाद किसानों की खेतों में जलाई जाने वाली नरवाई पर कलेक्टर एस विश्वनाथन ने प्रतिबंध लगा दिया है. किसानों को नरवाई के नुकसान से रुबरु कराने के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज संभागायुक्त रजनीश श्रीवास्तव और कलेक्टर एस विश्वनाथन ने एक जागरूकता रथ को हरी झंडी देकर रवाना किया. कृषि विभाग का तैयार किया गया रथ जिले की ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों को नरवाई प्रबंधन और जागरूकता को लेकर जानकारी देगा.
अधिकारियों को किया निर्देशित
वहीं कलेक्टर ने आदेश का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ अधिकारियों को दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है. साथी गेहूं कटाई के लिए आने वाले हार्वेस्टर मशीन को बिना रजिस्ट्रेशन के कटाई नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं.
नरवाई से होती जन और धन की हानि
दरअसल, किसान गेहूं फसल की कटाई के बाद गार्मी के मौसम में मूंग की फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए नरवाई में आग लगा देते हैं, जिसे लेकर हर साल जन और धन की हानि होती है. इसी बात को रोकने के लिए प्रशासन ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
किसानों को किया जा रहा नरवाई को लेकर जागरूक
नर्मदा पुर संभाग के कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि बीते साल आग की चपेट में आने से 10 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी. जिसके चलते अब संभाग के तीनों जिलों में कलेक्टर्स के माध्यम से आग नहीं लगने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
बिजली के तारों से भी लगती है नरवाई की आग
उन्होंने कहा कि नरवाई की आग बिजली के तारों से भी लगती है, जिसको लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों को भी झूलते तारों को ठीक करने के लिए निर्देशित किया गया है. उन्होंने कहा कि यदि कहीं नरवाई में आग लगती है तो उस पर काबू पाने के लिए हमारे पास जिले में पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं .