धार। लॉकडाउन की वजह से कृषि, छोटे मोटे उद्योगधंधों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. जहां लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूर वर्ग पर पड़ा है, जो रोजाना छोटा-मोटा काम करके अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाता था. तो वहीं इसके अलावा लॉकडाउन का असर कपड़ों पर लकड़ी के ब्लॉक से प्राकृतिक रंगों से होने वाली प्रिंट, जिसे बाग प्रिंटर के नाम से जाना जाता है पर भी व्यापक रूप से असर पड़ा है. पीढ़ी दर पीढ़ी बाग प्रिंटर का काम करने वाले मोहम्मद यूसुफ खत्री ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से बाग प्रिंट के व्यवसाय को तगड़ा झटका है. इसके साथ ही बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है.
बाग प्रिंट के व्यापारी मोहम्मद युसूफ खत्री ने बताया कि गर्मी के सीजन में कमाई होती है. लॉकडाउन की वजह से छोटे बड़े कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि यहां का बनाया हुआ बाग प्रिंट का सामान देश और विदेशों में बड़ी मात्रा में पहुंचाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण पूरा काम ठप पड़ा हुआ है. मोहम्मद युसूफ खत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की है. उसमें उन्होंने स्वदेशी को अपनाने पर जोर दिया है. जिसमें बाग प्रिंट पूरी से स्वदेशी है. व्यापारी ने बताया कि इसे बनाने में पूरी तरह से जड़ी बुटी का प्रयोग किया जाता है. स्वदेशी सामानों से ही इसे तैयार किया जाता है. राहत पैकेज पर खुशी जताते हुए मोहम्मद युसूफ खत्री ने कहा कि इसे बाग प्रिंट को काफी फायदा पहुंचा.
उन्होंने कहा कि बाग प्रिंट के अलावा टैक्सटाइल के कामगारों को भी इसका लाभ होगा. इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज की सरहाना की और इसे बाग प्रिंट के लिए कारगर बताया.