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प्राकृतिक सुंदरता संग धरोहरों को सहेजे है सिटी ऑफ जॉय 'मांडू', हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का भी संगम

विंध्याचल के पर्वतों पर हरियाली की चादर ओढ़े खड़ा मांडू अपनी सुंदरता के कारण धरती का स्वर्ग लगता है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ यहां की धरोहरें आकर्षण का केंद्र है, जिसे देखने बड़ी संख्या में पर्यटक मांडू आते हैं.

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Published : Sep 25, 2019, 1:45 PM IST

सिटी ऑफ जॉय 'मांडू'

धार। विंध्याचल पर्वत पर बसा मांडू अपनी नैसर्गिक सुंदरता से बरबस ही लोगों का मन मोह लेता है. इस जगह ने प्राचीन धरोहरों को भी संभाल रखा है. मांडू की प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का संगम देखने को मिलता है. बारिश के मौसम में यहां की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं, जिस कारण मांडू का नजारा स्वर्ग की तरह लगता है.


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मांडू में परमार और मुगलों का शासन लंबे समय तक रहा. इस वजह से यहां की धरोहरों और प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप नजर आता है. मांडू में सबसे पहले परमार राजाओं का शासनकाल रहा, जिन्होंने पौराणिक धरोहरों का निर्माण कराया. समय बीता और मांडू पर मुगल शासकों ने राज किया. अपने राज में मुगलों ने परमार राजाओं की बनवाई हुई इमारतों को तोड़कर उनपर नई इमारतों का निर्माण कराया. बतौर उदाहरण अगर होशंगशाह के मकबरे को देखा जाए, तो मकबरे के परिसर में कई सौ खंभों की धर्मशाला है, जिससे होशंगशाह मकबरे में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप नजर आता है.


12 प्रवेश द्वार करते हैं मांडू में स्वागत

मांडू में आने वाले पर्यटकों का स्वागत 12 प्रवेश द्वार करते हैं. इन प्रवेश द्वारों में सबसे प्रमुख दिल्ली दरवाजा है, जो मांडू का प्रवेश द्वार है. मांडू आने वाले पर्यटकों को मांडू के प्रवेश द्वार और घुमावदार रास्ते काफी पसंद आते हैं. यहां आने वाले पर्यटकों को ऐसा लगता है जैसे वे किसी बड़े साम्राज्य में प्रवेश कर रहे हों.

सिटी ऑफ जॉय 'मांडू'


किले में सुनाई देती है अमर प्रेम गाथा

मांडू में राजा बाज बहादुर का भी शासन रहा, जो संगीत प्रेमी थे. बाज बहादुर ने शिकार के दौरान स्वर रागिनी रानी रूपमती की मधुर आवाज में गीत सुना. उसके बाद बाज बहादुर और रानी रूपमती में संगीत प्रेम स्थापित हुआ, जिसकी गाथाएं आज भी मांडू में सुनाई देती है. आज भी मांडू को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के संगीत प्रेम के लिए पहचाना जाता है. वहीं रानी रूपमती और बाज बहादुर का महल यहां आने वाले पर्यटकों को उनकी प्रेमगाथा का प्रमाण देता है.

rupmati fort
किले में सुनाई देती है अमर प्रेम गाथा


तैरता हुआ जहाज महल

कपूर और मुंज तालाब में तैरता हुआ जहाज महल यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जहाज महल कपूर और मुंज तालाब के बीच में बना हुआ है, बारिश के मौसम में जब मुंज और कपूर तालाब पूरे तरीके से भर जाते हैं, तो ये महल किसी समुद्र में तैरते हुए जहाज के जैसा दिखाई देता है. इस महल को खिलजी राजवंश के जियाउद्दीन खिलजी ने बनवाया था, जहां उनकी रानियां रहती थीं. जहाज महल के परिसर में चंपा बावड़ी और हिंडोला महल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.

jahaj mahal
तैरता हुआ जहाज महल


मांडू में पर्यटकों को जहाज महल, विंध्याचल की ऊंची पहाड़ी का रानी रूपमती महल, अशर्फी महल, संगमरमर से बना होशंगशाह का मकबरा और जामी मस्जिद आनंद का अनुभव देते हैं.

entry gate
12 प्रवेश द्वार करते हैं मांडू में स्वागत


खस्ताहाल सड़कें बनीं रुकावट

मांडू की खूबसूरती और धरोहरें जहां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं, वहीं यहां की खस्ताहाल सड़कें पर्यटकों को पहले ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक ओर यहां की धरोहरें और प्राकृतिक सुंदरता मांडू की शोभा बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी ओर ये खराब सड़कें मांडू की सुंदरता को धूमिल कर रही हैं.

poor condition of roads
खस्ताहाल सड़कें बन रहीं रुकावट

धार। विंध्याचल पर्वत पर बसा मांडू अपनी नैसर्गिक सुंदरता से बरबस ही लोगों का मन मोह लेता है. इस जगह ने प्राचीन धरोहरों को भी संभाल रखा है. मांडू की प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का संगम देखने को मिलता है. बारिश के मौसम में यहां की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं, जिस कारण मांडू का नजारा स्वर्ग की तरह लगता है.


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मांडू में परमार और मुगलों का शासन लंबे समय तक रहा. इस वजह से यहां की धरोहरों और प्राचीन इमारतों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप नजर आता है. मांडू में सबसे पहले परमार राजाओं का शासनकाल रहा, जिन्होंने पौराणिक धरोहरों का निर्माण कराया. समय बीता और मांडू पर मुगल शासकों ने राज किया. अपने राज में मुगलों ने परमार राजाओं की बनवाई हुई इमारतों को तोड़कर उनपर नई इमारतों का निर्माण कराया. बतौर उदाहरण अगर होशंगशाह के मकबरे को देखा जाए, तो मकबरे के परिसर में कई सौ खंभों की धर्मशाला है, जिससे होशंगशाह मकबरे में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप नजर आता है.


12 प्रवेश द्वार करते हैं मांडू में स्वागत

मांडू में आने वाले पर्यटकों का स्वागत 12 प्रवेश द्वार करते हैं. इन प्रवेश द्वारों में सबसे प्रमुख दिल्ली दरवाजा है, जो मांडू का प्रवेश द्वार है. मांडू आने वाले पर्यटकों को मांडू के प्रवेश द्वार और घुमावदार रास्ते काफी पसंद आते हैं. यहां आने वाले पर्यटकों को ऐसा लगता है जैसे वे किसी बड़े साम्राज्य में प्रवेश कर रहे हों.

सिटी ऑफ जॉय 'मांडू'


किले में सुनाई देती है अमर प्रेम गाथा

मांडू में राजा बाज बहादुर का भी शासन रहा, जो संगीत प्रेमी थे. बाज बहादुर ने शिकार के दौरान स्वर रागिनी रानी रूपमती की मधुर आवाज में गीत सुना. उसके बाद बाज बहादुर और रानी रूपमती में संगीत प्रेम स्थापित हुआ, जिसकी गाथाएं आज भी मांडू में सुनाई देती है. आज भी मांडू को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के संगीत प्रेम के लिए पहचाना जाता है. वहीं रानी रूपमती और बाज बहादुर का महल यहां आने वाले पर्यटकों को उनकी प्रेमगाथा का प्रमाण देता है.

rupmati fort
किले में सुनाई देती है अमर प्रेम गाथा


तैरता हुआ जहाज महल

कपूर और मुंज तालाब में तैरता हुआ जहाज महल यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जहाज महल कपूर और मुंज तालाब के बीच में बना हुआ है, बारिश के मौसम में जब मुंज और कपूर तालाब पूरे तरीके से भर जाते हैं, तो ये महल किसी समुद्र में तैरते हुए जहाज के जैसा दिखाई देता है. इस महल को खिलजी राजवंश के जियाउद्दीन खिलजी ने बनवाया था, जहां उनकी रानियां रहती थीं. जहाज महल के परिसर में चंपा बावड़ी और हिंडोला महल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.

jahaj mahal
तैरता हुआ जहाज महल


मांडू में पर्यटकों को जहाज महल, विंध्याचल की ऊंची पहाड़ी का रानी रूपमती महल, अशर्फी महल, संगमरमर से बना होशंगशाह का मकबरा और जामी मस्जिद आनंद का अनुभव देते हैं.

entry gate
12 प्रवेश द्वार करते हैं मांडू में स्वागत


खस्ताहाल सड़कें बनीं रुकावट

मांडू की खूबसूरती और धरोहरें जहां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं, वहीं यहां की खस्ताहाल सड़कें पर्यटकों को पहले ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक ओर यहां की धरोहरें और प्राकृतिक सुंदरता मांडू की शोभा बढ़ा रही हैं, वहीं दूसरी ओर ये खराब सड़कें मांडू की सुंदरता को धूमिल कर रही हैं.

poor condition of roads
खस्ताहाल सड़कें बन रहीं रुकावट
Intro:विंध्याचल की पर्वत माला में हरियाली की चादर ओढ़े मांडू स्वर्ग सा दिखाई देता है ,जिसके चलते पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं,


Body:विंध्याचल की पर्वत माला पर हरियाली की चादर ओढे खड़ा है मांडू ,जिसकी सुंदरता स्वर्ग से दिखाई देती है ,इसलिए बड़ी संख्या में पर्यटक मांडू को निहारने दूर-दूर से आते हैं, मांडू में स्थित प्राचीन इमारतों में हिंदू- मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप देखने को मिलता है, मांडू में परमार-पवार-मुगल शासनकाल कि धरोहरे देखने को मिलती है, खासकर बारिश के मौसम में हरियाली हो जाने के चलते मांडू स्वर्ग सा दिखाई देता है बारिश के मौसम में मांडव की सुंदरता और बढ़ जाती है जिसके चलते मांडू में विदेशी ओर देशी पर्यटक बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में इसकी सुंदरता को निहारने के लिए आते हैं, मांडू में आने वाले पर्यटकों को रानी रूपमती और बाज बहादुर की संगीत प्रेम की कहानियां आज भी सुनाई देती है, मुंज और कपूर तालाब के बीच जहाज के स्वरूप में खड़ा जहाज महल भी यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है , विंध्याचल की ऊंची पहाड़ी पर स्थित रानी रूपमती का महल भी पर्यटकों को खूब लुभाता है अशर्फी महल और संगमरमर से बना होशंगशाह का मकबरे के साथ में जामी मस्जिद यहां आने वाले पर्यटकों को आनंद का अनुभव देती है इसलिए मांडू में बड़ी संख्या में पर्यटक प्राचीन पौराणिक धरोहरों को निहारने के लिए आते हैं। प्रवेश द्वार करते हैं स्वागत विंध्याचल की पर्वत माला पर बसे मांडू में आने वाले पर्यटकों का स्वागत मांडू में स्थित 12 प्रवेश द्वार करते हैं इन प्रवेश द्वारों में सबसे प्रमुख दिल्ली दरवाजा है जो मांडू का प्रवेश द्वार है मांडू आने वाले पर्यटकों को मांडू के प्रवेश द्वार और घुमावदार रास्ते काफी पसंद आते हैं मांडू आने वाले पर्यटकों को ऐसा लगता है कि वह किसी बड़े साम्राज्य में प्रवेश कर रहे हैं मांडू में सर्वप्रथम परमार राजाओं का राजा जिन के शासनकाल में मांडू में कई पौराणिक धरोहर का निर्माण किया गया वही समय के साथ साथ में परमार राजाओं के बाद मांडू में मुगल शासकों का राज जिन्होंने परमार राजाओं द्वारा बनाई गई धरोहरों को तोड़कर उनके ऊपर नई इमारतों का निर्माण किया जिसके चलते मांडू में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप देखने को मिलता है, उदाहरण के तौर पर होशंगशाह के मकबरे को देखा जाए तो होशंगशाह के मकबरे के परिसर के कई सौ खंभों से बनी धर्मशाला है, जिससे होशंगशाह मकबरे में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप देखने को मिलता है, इस तरह मांडू में स्थित अनेकों धरोहरों में हिंदू-मुस्लिम संस्कृति का मिलाजुला स्वरूप देखने को मिलता है मांडू में सुनाई देती है अमर स्वर की प्रेम गाथा मांडू में राजा बाज बहादुर का भी शासन रहा ,बाज बहादुर संगीत प्रेमी था, बाज बहादुर ने शिकार के दौरान स्वर रागिनी रानी रूपमती कि मधुर आवाज में गीत सुना उसके बाद बाज बहादुर और रानी रूपमती में संगीत प्रेम स्थापित हुआ ,जिसकी गाथाएं आज भी मांडू में सुनाई देती है आज भी मांडू को राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती के संगीत प्रेम के कारण पहचाना जाता है।, वही रानी रूपमती और बाज बहादुर का महल यहां आने वाले पर्यटकों को उनकी स्वर प्रेमगाथा का प्रमाण देता है। कपूर और मुंज तालाब मे तैरता जहाज महल मांडू में आने वाले पर्यटकों को जहाज महल अपनी ओर आकर्षित करता है दरअसल जहाज महल कपूर और मुंज तालाब के बीचो बीच बना हुआ है बारिश के मौसम में जब मुंज ओर कपूर तालाब पूरी तरीके से भर जाते हैं तो जहाज महल किसी समुद्र में तैरते हुए जहाज की तरह दिखाई देता है जहाज महल को खिलजी राजवंश के जिया उद्दीन खिलजी के द्वारा बनवाया गया था ,जहाज महल में जियाउद्दीन खिलजी की रानियां रहती थी ,जहाज महल के परिसर में चंपा बावड़ी, हिंडोला महल भी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रहता है, खस्ताहाल सड़कें एवं बड़े हुए टिकट से पर्यटक से परेशान विंध्याचल की पर्वत माला पर बसा मांडू अपनी सुंदरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है मांडू में आने वाले पर्यटकों का स्वागत मांडू में स्थित बड़े-बड़े स्वागत द्वार करते हैं इसके साथ ही साथ मांडू आने वाले पर्यटकों का स्वागत मांडू की खस्ताहाल सड़कें भी करती है जिससे आने वाले पर्यटकों को बड़े परेशानियां झेलनी पड़ती है इसके साथ ही साथ मांडू में स्थित धरोहरों को देखने के लिए पर्यटकों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ओर से निर्धारित टिकटो का भुगतान करना पड़ता है, जो मांडू आने वाले सामान्य वर्ग के पर्यटको की जेब पर काफी भारी पड़ता है जिसके चलते कहीं न कहीं मांडू में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आई है वहीं खस्ताहाल सड़कें मांडू के सुंदरता को धूमिल कर रहा है।।


Conclusion:बाइट-01-भोजपाल- इतिहासकार एवं गाइड बाइट-02-गीलदार रावत-पर्यटक बाइट-03-नेहा तोमर-पर्यटक बाइट-04- केदार तिवारी- स्थानीय निवासी
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