धार। सरदार सरोवर बांध के गेट नहीं खोले जाने के चलते धीरे-धीरे मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में बैक वॉटर लेवल बढ़ता जा रहा है, जिसका असर सबसे ज्यादा धार जिले के निसरपुर में देखा जा रहा है. बढ़ते जलस्तर के कारण वहां रह रहे स्थानीय लोगों को अब चिंता सताने लगी है.बता दें कि यहां 192 गांव डूब प्रभावित हैं.
नर्मदा नदी में वॉटर लेवल बढ़ने से निसरपुर के पास से बहने वाली उरी और बाघनी नदी का पानी अब निसरपुर में घुसने की स्थिति में आ गया है. जिसके चलते डूब प्रभावित निसरपुर गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है. अभी भी निसरपुर में कई डूब प्रभावित लोगों को सरदार सरोवर बांध से प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली सुविधा राशि और मुआवजा राशि का लाभ नहीं मिला है.
पिछले दो दिन से लगातार क्षेत्र में बारिश हो रही है, जिसके चलते निसरपुर के आसपास बहने वाली नदियों में पानी भरने से यहां बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. निसरपुर के व्यापारी अपनी दुकानें खाली करने को मजबूर हैं, तो वहीं कुछ लोग अभी भी शासन की योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं.
कुछ डूब प्रभावित लोगों का मानना है कि जब तक उन्हें पुनर्वास नीति के तहत योजनाओं का फायदा नहीं मिलता, तब तक वह अपने मूल गांव, मूल घर को नहीं छोड़ेंगे. धीरे-धीरे नर्मदा और उरी-बाघनी नदी का वॉटर लेवल बढ़ रहा है, जिससे निसरपुर कहीं ना कहीं डूब में आने की स्थिति में आ गया है.
लोगों के मुताबिक जिला प्रशासन अभी तक उनकी सुध लेने नहीं आया है. फिलहाल नर्मदा में वॉटर लेवल बढ़ता जा रहा है, जिससे पूरी और उरी-बाघनी नदी का पानी निसरपुर में धीरे-धीरे घुस रहा है.