देवास। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होना है, लेकिन उससे पहले ईटीवी भारत अपने खास कार्यक्रम 'भैया जी का अड्डा' के जरिये जनता के बीच पहुंचकर मतदाताओं की राय जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में भैया जी का अड्डा हाटपिपलिया विधानसभा क्षेत्र के राजोदा गांव पहुंचा. जहां विभिन्न मुद्दों और विकास को लेकर मतदाताओं से सीधी की.
देवास जिले की हाटपिपलिया विधानसभा सीट कई मायनों के बेहद महत्वपूर्ण है. भगवान नृसिंह की नगरी हाटपिपलिया प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी का गृह नगर है. यहां से उनके पुत्र और प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी लगातार 2 बार 2008 और 2013 में विधायक रहे,लेकिन 2018 का चुनाव वह पहली बार चुनाव लड़े कांग्रेस के मनोज चौधरी से लगभग साढ़े 13 हजार वोटों से हार गए थे. यह सीट सिंधिया समर्थक विधायक मनोज चौधरी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. बीजेपी ने यहां से पूर्व विधायक मनोज चौधरी को ही मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने राजेन्द्र सिंह बघेल पर दावा लगाया है.
किसानों की समस्या
मतदाताओं का कहना है कि यहां के किसानों उनके उजप का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. उनका कहना है कि आने वाले सरकार से यही मांग है कि किसानों की उपज का सही मूल्य उनकों मिले, क्योंकि किसान प्रदेश ही नहीं देश की रीढ़ की हड्डी है. मतदाताओं की मांग पर बीजेपी कार्यकर्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उनके उपज का सही दाम मिले इसके लिए उन्होंने व्यवस्था की है. उनका कहाना है कि शिवराज सिंह की दोबारा सरकार आने पर पंचायतों के सभी रूके कामों को फिर से शुरू किया गया है. उन्होंने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके 15 के कार्यकाल में सभी विकास कार्य बंद कर दिए गए थे.
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वहीं एक अन्य मतदाता ने बताया कि खेती के लिए यूरिया ही नहीं मिल पा रही है. उनका कहना है कि किसानों की समस्या पर कई ध्यान नहीं देते है. आने वाली सरकार से उनकी मांग है कि सरकार किसानों का सहयोग करें. वहीं बीजेपी की पूर्व सरपंच का कहना है कि पहले यहां बिजली की समस्या थी, लेकिन वह हाल हो चुकी है. अब सरकार को किसानों के उपज का सही दाम कैसे मिलेगा इस पर ध्याम देना चाहिए, हालांकि शिवराज सरकार में तो किसानों को सही दाम मिल रहा है. बीजेपी नेता का कहना है कि सोयाबीन का बीमा उपज की राशि अभी किसानों को नहीं मिला है.
मतदाताओं की मांग
मतदाता का कहना है कि राजोदा गांव में स्वच्छता भी एक गंभीर समस्या है. यहां कचरा फेंकने की व्यवस्था नहीं है, जिससे रहवासी परेशान हो रहे है. वहीं सार्वजनिक शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है. वोटरों का कहना है कि सरकार को यहां के रहवासियों के लिए कम से कम मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्ता तो करनी चाहिए. एक अन्य मतदाता का कहना है कि हमने 15 सालों की शिवराज सरकार के विकास कार्यों को भी देखा और 15 महीने की कमलनाथ सरकार के भी काम देखे. उनका कहना है कि कमलनाथ सरकार के बनते ही शिवराज सरकार की सभी उपयोगी योजनाओं को बंद कर दिया गया . उनका कहना है कि अब जो भी सरकार आए वो जनते लिए काम करें यही हमारी मांग है.