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प्रसूता को अस्पताल पहुंचाने के लिए उफनते नाले से टकरा गये ग्रामीण, तब बची जान

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Published : Sep 15, 2019, 6:11 PM IST

देवास के हाटपिपल्या के देहरिया गांव में कुछ ग्रामीण एक उफनते नाले को पार करते हुए एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले गये.

ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल

देवास। प्रदेश में भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. बारिश अब लोगों के लिए आफत बनती जा रही है. एक ऐसा ही मामला देवास जिले के हाटपिपल्या में देखने को मिला, जहां ग्रामीण उफनते नाले को पार कर एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले गये.

उफनते नाले को पार कर ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल

लगातार भारी बारिश से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. देहरिया गांव की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ और बहादुरी से गर्भवती महिला की जान बची. एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन उसे अस्पताल ले जाने के सभी रास्ते बंद थे. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की समझदारी से गर्भवती महिला को नाले में रस्सी के सहारे चारपाई पर नदी पार कर उसे अस्पताल पहुंचाया गया.

गर्भवती महिला की दो दिनों से तबियत खराब थी, जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार को इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों के सहयता से तेज बहाव के बावजूद नदी के दोनों किनारों पर रस्सी बांध कर गर्भवती महिला को नाला पार करवाकर अस्पताल पहुंचाया गया.

देवास। प्रदेश में भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. बारिश अब लोगों के लिए आफत बनती जा रही है. एक ऐसा ही मामला देवास जिले के हाटपिपल्या में देखने को मिला, जहां ग्रामीण उफनते नाले को पार कर एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले गये.

उफनते नाले को पार कर ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल

लगातार भारी बारिश से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. देहरिया गांव की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ और बहादुरी से गर्भवती महिला की जान बची. एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन उसे अस्पताल ले जाने के सभी रास्ते बंद थे. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की समझदारी से गर्भवती महिला को नाले में रस्सी के सहारे चारपाई पर नदी पार कर उसे अस्पताल पहुंचाया गया.

गर्भवती महिला की दो दिनों से तबियत खराब थी, जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार को इसकी जानकारी मिली तो ग्रामीणों के सहयता से तेज बहाव के बावजूद नदी के दोनों किनारों पर रस्सी बांध कर गर्भवती महिला को नाला पार करवाकर अस्पताल पहुंचाया गया.

Intro:आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की समझदारी से बची गर्भवती महिला की जान

लगातार बारिश के चलते रस्सी के सहारे चारपाई पर कराई नदी पार

पूरे प्रदेश सहित हाटपीपल्या छेत्र में 8 सितंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर है तो आमजनों का मुख्य मार्गो से संपर्क टूटा हुआ है इसी बीच ग्राम देहरिया साहू में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ व बहादुरी देखने को मिली है !

हाटपीपल्या के ग्राम देहरियासाहू मे आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ग्रामीणों की मदद से दो घंटे के संघर्ष के बाद गर्भवती महिला को नाले मे पानी का तेज बहाव होने के बावजूद निकाल कर अस्पताल पहुंचाया !

गर्भवती महिला अनिता पति संजय की दो दिनों से तबियत खराब थी जब आँगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार को जानकारी मिली तो ग्रामीणो के सहयोग से टैक्टर ट्राली से महिला को नाले तक लाए फिर खटिया पर महिला को लेटाकर पानी के तेज बहाव होने के बावजूद दोनों किनारों से रससी बांध कर रससी के सहारे भर्गवती महिला को नाला पार करवा कर अस्पताल पहुचाया !

गर्भवती महिला देहरिया साहू से एक किमी दूर स्थित इमलीबारी मोहल्ले मे रहती हैं ओर मुख्य मार्ग पर नालघाट नाम का नाला पडता हैं जिस पर पुल नही हैं जिसमें लगातार बारिश के चलते कमर कमर पानी तेज बहाव से बह रहा हैं !
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार ने स्थानीय लोगों की मदद से नाले के दोनों किनारों से रस्सी बांधकर गर्भवती महिला जो बेहोशी हालत में थी उसे खटिया पर सुलाकर रस्सी के सहारे उक्त नाले में बह रहे तेज पानी को पार करवा कर हाटपीपल्या के शासकीय अस्पताल पहुंचाया जहां पर महिला स्वस्थ है !

एक कहावत है डर के आगे ही जीत है उसी कहावत को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने आज सच साबित कर दिया !

विजवल
बाइट लीला बाई पाटीदार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताBody:आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की समझदारी से बची गर्भवती महिला की जान

लगातार बारिश के चलते रस्सी के सहारे चारपाई पर कराई नदी पार

पूरे प्रदेश सहित हाटपीपल्या छेत्र में 8 सितंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर है तो आमजनों का मुख्य मार्गो से संपर्क टूटा हुआ है इसी बीच ग्राम देहरिया साहू में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ व बहादुरी देखने को मिली है !

हाटपीपल्या के ग्राम देहरियासाहू मे आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ग्रामीणों की मदद से दो घंटे के संघर्ष के बाद गर्भवती महिला को नाले मे पानी का तेज बहाव होने के बावजूद निकाल कर अस्पताल पहुंचाया !

गर्भवती महिला अनिता पति संजय की दो दिनों से तबियत खराब थी जब आँगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार को जानकारी मिली तो ग्रामीणो के सहयोग से टैक्टर ट्राली से महिला को नाले तक लाए फिर खटिया पर महिला को लेटाकर पानी के तेज बहाव होने के बावजूद दोनों किनारों से रससी बांध कर रससी के सहारे भर्गवती महिला को नाला पार करवा कर अस्पताल पहुचाया !

गर्भवती महिला देहरिया साहू से एक किमी दूर स्थित इमलीबारी मोहल्ले मे रहती हैं ओर मुख्य मार्ग पर नालघाट नाम का नाला पडता हैं जिस पर पुल नही हैं जिसमें लगातार बारिश के चलते कमर कमर पानी तेज बहाव से बह रहा हैं !
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार ने स्थानीय लोगों की मदद से नाले के दोनों किनारों से रस्सी बांधकर गर्भवती महिला जो बेहोशी हालत में थी उसे खटिया पर सुलाकर रस्सी के सहारे उक्त नाले में बह रहे तेज पानी को पार करवा कर हाटपीपल्या के शासकीय अस्पताल पहुंचाया जहां पर महिला स्वस्थ है !

एक कहावत है डर के आगे ही जीत है उसी कहावत को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने आज सच साबित कर दिया !

विजवल
बाइट लीला बाई पाटीदार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताConclusion:आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की समझदारी से बची गर्भवती महिला की जान

लगातार बारिश के चलते रस्सी के सहारे चारपाई पर कराई नदी पार

पूरे प्रदेश सहित हाटपीपल्या छेत्र में 8 सितंबर से हो रही लगातार बारिश के कारण क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर है तो आमजनों का मुख्य मार्गो से संपर्क टूटा हुआ है इसी बीच ग्राम देहरिया साहू में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सूझबूझ व बहादुरी देखने को मिली है !

हाटपीपल्या के ग्राम देहरियासाहू मे आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ग्रामीणों की मदद से दो घंटे के संघर्ष के बाद गर्भवती महिला को नाले मे पानी का तेज बहाव होने के बावजूद निकाल कर अस्पताल पहुंचाया !

गर्भवती महिला अनिता पति संजय की दो दिनों से तबियत खराब थी जब आँगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार को जानकारी मिली तो ग्रामीणो के सहयोग से टैक्टर ट्राली से महिला को नाले तक लाए फिर खटिया पर महिला को लेटाकर पानी के तेज बहाव होने के बावजूद दोनों किनारों से रससी बांध कर रससी के सहारे भर्गवती महिला को नाला पार करवा कर अस्पताल पहुचाया !

गर्भवती महिला देहरिया साहू से एक किमी दूर स्थित इमलीबारी मोहल्ले मे रहती हैं ओर मुख्य मार्ग पर नालघाट नाम का नाला पडता हैं जिस पर पुल नही हैं जिसमें लगातार बारिश के चलते कमर कमर पानी तेज बहाव से बह रहा हैं !
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लीला पाटीदार ने स्थानीय लोगों की मदद से नाले के दोनों किनारों से रस्सी बांधकर गर्भवती महिला जो बेहोशी हालत में थी उसे खटिया पर सुलाकर रस्सी के सहारे उक्त नाले में बह रहे तेज पानी को पार करवा कर हाटपीपल्या के शासकीय अस्पताल पहुंचाया जहां पर महिला स्वस्थ है !

एक कहावत है डर के आगे ही जीत है उसी कहावत को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने आज सच साबित कर दिया !

विजवल
बाइट लीला बाई पाटीदार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
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