देवास। सीखने की कोई उम्र नहीं होता, इंसान किसी भी उम्र में कुछ भी सीख सकता है, जरूरत होती है तो सिर्फ जुनून की. सीखने की ललक और कुछ नया करने का जज्बा ही आपको दूसरों से अलग बनाता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देवास जिले के बागली की रहने वाली विद्याबाई ने. 68 साल की उम्र में कंप्यूटर सीखने वाली विद्याबाई ने ईटीवी भारत के साथ अपनी कहानी साझा की है. विद्याबाई कहती हैं कि हमें चुनौतियों का सामना करना चाहिए.
विद्याबाई नरवरिया जब कम्प्यूटर सीखने छोटे- छोटे बच्चों के साथ क्लास रूम में जाती थीं, तो उनकी हंसी उड़ाई गई. बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और चुनौतियों को हंसकर स्वीकार किया, लिहाजा उन्होंने 68 साल की उम्र में कंप्यूटर सीखकर ए ग्रेड का डिप्लोमा भी हासिल किया. विद्याबाई नरवरिया कंप्यूटर सीखने के बाद अपने बेटे के काम में हाथ भी बंटाती हैं और नक्शे बनाने से लेकर दूसरे काम मिनटों में निपटा देती हैं. उन्होंने उन लोगों को भी कंप्यूटर सीखने की सलाह दी है, जो आज भी भी कंप्यूटर से दूर भागते हैं. जिस उम्र में लोग दूसरों का सहारे मांगते हैं, उस उम्र में विद्याबाई नरवरिया पूरी एनर्जी के साथ काम करती हैं. हर पल कुछ न कुछ नया सीखने की ललक उन्हें दूसरों से अलग बनाती है. बेटे के असामयिक निधन के बाद इंटरनेट की मदद से वो छोटी- मोटी समस्याएं घर बैठे सॉल्व कर लेती हैं.