देवास। आपने पति-पत्नी के झगड़ों को लेकर अक्सर बहुत सी वजहों के बारे में सुना होगा. लेकिन आपसे ये कहा जाए कि एक पति, अपनी पत्नी से एक सब्जी की वजह से 17 साल तक अलग रहा तो आप यकीन नहीं करेंगे. लेकिन ये सच है खबर देवास की है, जहां रिटायर कर्मचारी विमल राव सिर्फ अपनी पत्नी से इसलिए 17 साल दूर रहे कि पत्नी ने उनकी आज्ञा का पालन नहीं किया था. जब मामला कोर्ट पहुंचा, तो जज ने उसी बात को आधार बनाते हुए दोनों को एक-दूसरे से मिला दिया.
रिटायरमेंट के बाद सेव की सब्जी खाने की जताई थी इच्छा
दरअसल देवास स्थित बैंक नोट प्रेस से रिटायर्ड कर्मचारी का उनकी पत्नी से इस बात पर विवाद हुआ कि उन्हें सेव की सब्जी खानी थी, लेकिन पत्नी ने उन्हें अपने पैसों से सेव लाने के लिए कहा, बात इतनी बढ़ गई कि दोनों 17 साल तक अलग रहे.
सेव की सब्जी को आधार बनाकर कोर्ट ने मिलाया
17 साल तक दूर रह रहे दंपति को जज ने अपनी सूझबूझ और दोनों पक्षों की मानवीय संवेदनाओं को समझकर उसी आधार पर सेव की सब्जी खिलवाकर दोनों को फिर से मिलवा दिया.
कोर्ट रूम में बोला पति, 7 फेरों की नहीं निभाई कसम
पति-पत्नी के बीच विवाद लगभग सुलझ ही गया था कि पति के एक सवाल ने फिर मामले में नया पेंच फंसा दिया. पति ने कोर्ट में कहा कि पत्नी ने सात फेरों की कसम तो निभाई नहीं, कैसे मान लूं कि सब ठीक है. कोर्ट से पति ने कहा- साईं बाबा के सामने शपथ ले तो मानूंगा.
न्यायाधीश ने शिर्डी जाने के लिए कहा तो पति बोले- पैसे नहीं हैं. न्यायाधीश ने फिर 1500 रुपए इकट्ठे करके दिलवाए. दोनों शिर्डी गए, वहां से वापस आए, 26 नवंबर को संविधान दिवस पर दोनों में राजीनामा हो गया.
महाराष्ट्र में झोपड़ी बनाकर रहे थे विमलराव
विमलराव अपनी पत्नी से दूर महाराष्ट्र के बुलढाना के मातोड़ गांव में झोपड़ी बनाकर रहने लगे. उन्हें मालूम पड़ा कि महाराष्ट्र के मातोड़ गांव की बैंक से पेंशन निकल रही है, तो पुलिस वहां पहुंची और पति को द्वितीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे की कोर्ट में पेश किया. पति ने अपना कष्ट बताया कि जो पत्नी मुझे सेव की सब्जी बनाकर नहीं खिला सकती, उसे पैसे क्यों दूं.