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नहीं थम रहा सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला - वनसंपदा को भारी नुकसान

देवास में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लकड़ी माफिया लगातार जंगलों में बड़े-बड़े सागौन के पेड़ों की कटाई कर रहे हैं.

illegal harvesting of teak trees is not stopping
नहीं थम रहा सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला
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Published : Mar 6, 2020, 10:14 AM IST

Updated : Mar 6, 2020, 11:48 AM IST

देवास। इन दिनों देवास में कन्नौद वनपरिक्षेत्र लकड़ी माफियाओं के निशाने पर है. लकड़ी माफिया अपनी मर्जी से जंगल में जाकर बड़े-बड़े सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई कर रहे हैं. अब तो कन्नौद-आष्टा स्टेट हाईवे- 41 की मुख्य सड़क से लगे जंगल में भी पेड़ों की कटाई होने लगी है.

नहीं थम रहा सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला

जानकारी के मुताबिक, कन्नौद-आष्टा राजमार्ग पर जंजालखेड़ी घाट से ऊपर मुख्य सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है. कुछ दिन पहले मुख्य सड़क से कुछ ही दूर लकड़ी माफिया सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई करके ले गए थे, जबकि इस जंगल के एक तरफ ग्राम कतलाय में बीट गार्ड की चौकी है और दूसरी और जंजालखेड़ी घाट के नीचे लकड़ी का डिपो है. इन दोनों जगहों पर वनकर्मी निवास करते हैं, इसके बावजूद लकड़ी माफिया इनकी नाक के नीचे से लकड़ी ले जा रहे हैं. लकड़ी माफिया ने पेड़ों के ठूंठ को अन्य झाड़ियों के पत्तों से ढंक दिया है, बाकी तना उसी जगह पर पड़ा हुआ है.

बताया जा रहा है कि जंगल में लकड़ी माफियाओं ने घंटों बैठकर सिल्लियां भी बनाई. इस बात के प्रमाण ठूंठ के पास पड़े छिलके दे रहे हैं. इसी तरह वनकर्मियों की उदासीनता के चलते अन्य कक्षों में भी सागौन के बड़े-बड़े पेड़ों की कुल्हाड़ी से कटाई हुई है. पेड़ों की लगातार अवैध कटाई से वनसंपदा को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही वन्यजीवों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

इस सम्बंध में वनपरिक्षेत्र अधिकारी जेडी उपाध्याय से चर्चा की, तो उनका जवाब अजीब था. उन्हें खुद नहीं पता कि कन्नौद-आष्टा राजमार्ग का जंगल कौन सी बीट का है और वहां किसकी ड्यूटी है. खास बात यह है कि साहब को ऑफिस के भीतर सिगरेट-बीड़ी पीने से फुरसत ही नहीं है तो जंगल का ध्यान कैसे रखेंगे.

देवास। इन दिनों देवास में कन्नौद वनपरिक्षेत्र लकड़ी माफियाओं के निशाने पर है. लकड़ी माफिया अपनी मर्जी से जंगल में जाकर बड़े-बड़े सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई कर रहे हैं. अब तो कन्नौद-आष्टा स्टेट हाईवे- 41 की मुख्य सड़क से लगे जंगल में भी पेड़ों की कटाई होने लगी है.

नहीं थम रहा सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला

जानकारी के मुताबिक, कन्नौद-आष्टा राजमार्ग पर जंजालखेड़ी घाट से ऊपर मुख्य सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है. कुछ दिन पहले मुख्य सड़क से कुछ ही दूर लकड़ी माफिया सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई करके ले गए थे, जबकि इस जंगल के एक तरफ ग्राम कतलाय में बीट गार्ड की चौकी है और दूसरी और जंजालखेड़ी घाट के नीचे लकड़ी का डिपो है. इन दोनों जगहों पर वनकर्मी निवास करते हैं, इसके बावजूद लकड़ी माफिया इनकी नाक के नीचे से लकड़ी ले जा रहे हैं. लकड़ी माफिया ने पेड़ों के ठूंठ को अन्य झाड़ियों के पत्तों से ढंक दिया है, बाकी तना उसी जगह पर पड़ा हुआ है.

बताया जा रहा है कि जंगल में लकड़ी माफियाओं ने घंटों बैठकर सिल्लियां भी बनाई. इस बात के प्रमाण ठूंठ के पास पड़े छिलके दे रहे हैं. इसी तरह वनकर्मियों की उदासीनता के चलते अन्य कक्षों में भी सागौन के बड़े-बड़े पेड़ों की कुल्हाड़ी से कटाई हुई है. पेड़ों की लगातार अवैध कटाई से वनसंपदा को भारी नुकसान पहुंचा है. साथ ही वन्यजीवों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

इस सम्बंध में वनपरिक्षेत्र अधिकारी जेडी उपाध्याय से चर्चा की, तो उनका जवाब अजीब था. उन्हें खुद नहीं पता कि कन्नौद-आष्टा राजमार्ग का जंगल कौन सी बीट का है और वहां किसकी ड्यूटी है. खास बात यह है कि साहब को ऑफिस के भीतर सिगरेट-बीड़ी पीने से फुरसत ही नहीं है तो जंगल का ध्यान कैसे रखेंगे.

Last Updated : Mar 6, 2020, 11:48 AM IST
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