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देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम- तुलसी विवाह का किया गया आयोजन - Shaligram tulsi marriage

देवास जिले के चापड़ा गांव में देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम- तुलसी विवाह का आयोजन किया गया, देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के चार महीने की नींद से जगने के बाद सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

शालिग्राम तुलसी विवाह
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Published : Nov 8, 2019, 3:55 PM IST

देवास। जिले के चापड़ा गांव में देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम- तुलसी विवाह का आयोजन किया गया, गहरी नींद से भगवान नारायण के जागने के बाद एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.चापडा गांव के श्री राम मंदिर से भगवान की बारात बैंड बाजों और आतिशबाजी के साथ निकाली गई, जिसमे महिलाएं नाचते- गाते हुए जुलूस के रूप में चल रहीं थी. बारात हनुमान मंदिर पहुंची, जहां वधू पक्ष की ओर से सिद्धेश्वर पाटीदार ने सभी बारातियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, भगवान का पद प्रक्षालन, लग्न और फेरे का कार्यक्रम संपन्न हुआ. जिसमें नगर के ग्रामीणों ने माता तुलसी का कन्यादान किया.

तुलसी विवाह का किया गया आयोजन

गांव वालों ने बताया गहरी नींद से भगवान नारायण के जागने के बाद एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन शालिग्राम- तुलसी विवाह का विशेष महत्व रहता है, इस धार्मिक आयोजन में गांव के सभी लोग शामिल होते हैं.

देवास। जिले के चापड़ा गांव में देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम- तुलसी विवाह का आयोजन किया गया, गहरी नींद से भगवान नारायण के जागने के बाद एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.चापडा गांव के श्री राम मंदिर से भगवान की बारात बैंड बाजों और आतिशबाजी के साथ निकाली गई, जिसमे महिलाएं नाचते- गाते हुए जुलूस के रूप में चल रहीं थी. बारात हनुमान मंदिर पहुंची, जहां वधू पक्ष की ओर से सिद्धेश्वर पाटीदार ने सभी बारातियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया, भगवान का पद प्रक्षालन, लग्न और फेरे का कार्यक्रम संपन्न हुआ. जिसमें नगर के ग्रामीणों ने माता तुलसी का कन्यादान किया.

तुलसी विवाह का किया गया आयोजन

गांव वालों ने बताया गहरी नींद से भगवान नारायण के जागने के बाद एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस दिन शालिग्राम- तुलसी विवाह का विशेष महत्व रहता है, इस धार्मिक आयोजन में गांव के सभी लोग शामिल होते हैं.

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सालिगराम तुलसी विवाह का हुआ आयोजन

देवास जिले के चापड़ा में देवउठनी एकादशी के पर्व पर सालिग्राम तुलसी विवाह का आयोजन किया गया क्षीर निंद्रा से भगवान नारायण के जागने के पश्चात एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है और इस दिन शालिग्राम तुलसी विवाह का विशेष महत्व रहता है
इसी कड़ी में तुलसी विवाह का आयोजन किया गया

जिसमें चापडा नगर के श्री राम मंदिर से भगवान की बारात का जुलूस निकाला गया जुलूस में बैंड बाजों और आतिशबाजी के साथ महिलाएं नाचते और मंगल गीत गाते हुए हनुमान मंदिर पर पहुंचा जहां पर वधू पक्ष की ओर से सिद्धेश्वर पाटीदार ने सभी बारातियों का पुष्प वर्षा कर आत्मीय अभिनंदन किया गया उसके पश्चात भगवान का पद प्रक्षालन ,लग्न ,और फेहरे ,का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें नगर के ग्रामीणों ने कन्यादान किया उसके पश्चात भगवान की बारात को मंगल गीत के साथ बारात को विदा किया गया विदा किया गया इस धार्मिक आयोजन में नगर के कई गणमान्य नागरिक शामिल हुवेBody:बागली

सालिगराम तुलसी विवाह का हुआ आयोजन

देवास जिले के चापड़ा में देवउठनी एकादशी के पर्व पर सालिग्राम तुलसी विवाह का आयोजन किया गया क्षीर निंद्रा से भगवान नारायण के जागने के पश्चात एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है और इस दिन शालिग्राम तुलसी विवाह का विशेष महत्व रहता है
इसी कड़ी में तुलसी विवाह का आयोजन किया गया

जिसमें चापडा नगर के श्री राम मंदिर से भगवान की बारात का जुलूस निकाला गया जुलूस में बैंड बाजों और आतिशबाजी के साथ महिलाएं नाचते और मंगल गीत गाते हुए हनुमान मंदिर पर पहुंचा जहां पर वधू पक्ष की ओर से सिद्धेश्वर पाटीदार ने सभी बारातियों का पुष्प वर्षा कर आत्मीय अभिनंदन किया गया उसके पश्चात भगवान का पद प्रक्षालन ,लग्न ,और फेहरे ,का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें नगर के ग्रामीणों ने कन्यादान किया उसके पश्चात भगवान की बारात को मंगल गीत के साथ बारात को विदा किया गया विदा किया गया इस धार्मिक आयोजन में नगर के कई गणमान्य नागरिक शामिल हुवेConclusion:बागली

सालिगराम तुलसी विवाह का हुआ आयोजन

देवास जिले के चापड़ा में देवउठनी एकादशी के पर्व पर सालिग्राम तुलसी विवाह का आयोजन किया गया क्षीर निंद्रा से भगवान नारायण के जागने के पश्चात एकादशी से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है और इस दिन शालिग्राम तुलसी विवाह का विशेष महत्व रहता है
इसी कड़ी में तुलसी विवाह का आयोजन किया गया

जिसमें चापडा नगर के श्री राम मंदिर से भगवान की बारात का जुलूस निकाला गया जुलूस में बैंड बाजों और आतिशबाजी के साथ महिलाएं नाचते और मंगल गीत गाते हुए हनुमान मंदिर पर पहुंचा जहां पर वधू पक्ष की ओर से सिद्धेश्वर पाटीदार ने सभी बारातियों का पुष्प वर्षा कर आत्मीय अभिनंदन किया गया उसके पश्चात भगवान का पद प्रक्षालन ,लग्न ,और फेहरे ,का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें नगर के ग्रामीणों ने कन्यादान किया उसके पश्चात भगवान की बारात को मंगल गीत के साथ बारात को विदा किया गया विदा किया गया इस धार्मिक आयोजन में नगर के कई गणमान्य नागरिक शामिल हुवे
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