देवास। जनसुनवाई में कई बार आवेदन देने का बाद भी दिव्यांग रचना और उनके नेत्रहीन पति को निराशा ही हाथ लगती थी, लेकिन ईटीवी भारत के दखल के बाद रचना को कलेक्टर ने ट्राइसाइकिल दी . वहीं रचना की आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्वरोजगार योजना अंतर्गत 50 हजार के लोन के लिए फार्म भी भरवाया गया.
रचना की राह हुई आसान
दरअसल पिपल्या गांव की रहने वाली रचना अशोक सोलंकी 80 प्रतिशत दिव्यांग है. वो बिना किसी सहायता से चलने-फिरने में असमर्थ है. वहीं रचना के पति नेत्रहीन हैं. दिव्यांग रचना काफी समय से ट्राइसाइकिल के लिए कलेक्टर की जन सुनवाई में आवेदन देकर कोशिश कर रही थी. लेकिन हर बार आवेदन निरस्त हो जाता था.
मामले की जानकारी लगते ही ईटीवी भारत ने रचना और उनके पति को कलेक्टर से मिलवाया और जल्द ट्राइसिकल देने की मांग रखी. जिसके बाद कलेक्टर ने गुरुवार को रचना को ट्राइसाइकिल दिया. वहीं कलेक्टर ने रचना को स्वरोजगार योजना के तहत 50 हजार का लोन दिलवाने के लिए फार्म भी भरवाया.