देवास। सोनकच्छ तहसील के बेराखेड़ी गांव के ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर है. नदी के उस पार ग्रामीणों का खेत हैं, वहीं पुल न बने होने के कारण उन्हें रोज रस्सी के सहारे उस नदी पार करना पड़ता है. किसान, ग्रामीण महिलाएं व बच्चे भी जुगाड़ की रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. कभी भी इस रस्सी के अचानक टूटने से वहां से पार करने वाले लोगों की जान जा सकती है.
ग्रामीणों की माने तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है. बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है, जिससे किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है. वहीं100 मीटर के आगे यह नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लिखित और मौखिक रुप से इसकी जानकारी दी है, लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नही मिली. न तो खेत तक जाने के लिए सड़क है और न ही पुलिया है. और न ही खेत तक जाने के लिए दूर-दूर तक दूसरा कोई रास्ता है. किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार मौत को हथेली में लेकर तार और रस्सी के सहारे निकलेते है.