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जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे ग्रामीण करते है नदी पार, देखें वीडियो

सोनकच्छ तहसील के बेराखेड़ी गांव के ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर है. नदी के उस पार ग्रामीणों का खेत हैं, वहीं पुल न बने होने के कारण उन्हें रोज रस्सी के सहारे उस नदी पार करना पड़ता है.

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Published : Jul 13, 2019, 11:51 PM IST

जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे नदी पार करते ग्रामीण

देवास। सोनकच्छ तहसील के बेराखेड़ी गांव के ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर है. नदी के उस पार ग्रामीणों का खेत हैं, वहीं पुल न बने होने के कारण उन्हें रोज रस्सी के सहारे उस नदी पार करना पड़ता है. किसान, ग्रामीण महिलाएं व बच्चे भी जुगाड़ की रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. कभी भी इस रस्सी के अचानक टूटने से वहां से पार करने वाले लोगों की जान जा सकती है.

जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे नदी पार करते ग्रामीण

ग्रामीणों की माने तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है. बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है, जिससे किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है. वहीं100 मीटर के आगे यह नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लिखित और मौखिक रुप से इसकी जानकारी दी है, लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नही मिली. न तो खेत तक जाने के लिए सड़क है और न ही पुलिया है. और न ही खेत तक जाने के लिए दूर-दूर तक दूसरा कोई रास्ता है. किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार मौत को हथेली में लेकर तार और रस्सी के सहारे निकलेते है.

देवास। सोनकच्छ तहसील के बेराखेड़ी गांव के ग्रामीण अपने जान को जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर है. नदी के उस पार ग्रामीणों का खेत हैं, वहीं पुल न बने होने के कारण उन्हें रोज रस्सी के सहारे उस नदी पार करना पड़ता है. किसान, ग्रामीण महिलाएं व बच्चे भी जुगाड़ की रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. कभी भी इस रस्सी के अचानक टूटने से वहां से पार करने वाले लोगों की जान जा सकती है.

जान जोखिम में डाल रस्सी के सहारे नदी पार करते ग्रामीण

ग्रामीणों की माने तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है. बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है, जिससे किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है. वहीं100 मीटर के आगे यह नदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लिखित और मौखिक रुप से इसकी जानकारी दी है, लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नही मिली. न तो खेत तक जाने के लिए सड़क है और न ही पुलिया है. और न ही खेत तक जाने के लिए दूर-दूर तक दूसरा कोई रास्ता है. किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार मौत को हथेली में लेकर तार और रस्सी के सहारे निकलेते है.

Intro:अपनी जान जोखिम में डाल करते है ग्रामीण नदी पार.....

किसान खेती करने के लिए रस्सी के सहारे करते है नदी पार......

ग्रामीण महिला व बच्चे भी जान जोखिम में डाल रस्सी से करते है नदी पार.....Body:देवास - जिले की सोनकच्छ तहसील के ग्राम बेराखेड़ी ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने खेत पर जाने के लिए नदी पार करने को मजबूर होते नजर आ रहे है।किसान रस्सी के सहारे नदी पार कर खेती कर रहे है। साथ ही ग्रामीण महिलाएँ व बच्चे भी जुगाड़ की रस्सी के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते है। ऐसे में अगर किसी की जान पर बन आये तो भला इसका जिमेदार कौन होगा..? बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है। हालांकि ग्रामीणों की माने तो सबसे ज्यादा परेशानी बारिश के समय ही आती है। बारिश ज्यादा होने से नदी में पानी ज्यादा रहता है, जिससे गांव से दूर नदी पार किसानों के खेतों पर जाने वाला रास्ता बंद हो जाता है। जिससे किसानों को अपने खेत तक जाने में अपनी जान को खतरे में डालना पड़ता है।ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित ओर मौखिक शिकायत छेत्र के जनप्रतिनिधियों से की है लेकिन आज तक इस समस्या से निजात नही मिली। न तो खेत तक जाने के लिए सड़क है और न ही पुलिया है। और न ही कोई खेत तक जाने के लिए दूर दूर तक रास्ता, 100 मीटर के आगे यह नदी छेत्र की सबसे बड़ी कालीसिंध नदी में जाकर मिलती है। किसान अपने खेत तक जाने के लिए रोजाना इसी प्रकार मौत को हथेली में लेकर तार ओर रस्सी के माध्यम से निकलेते है। ऐसे में कल को कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

बाइट:-1 पीड़ित ग्रामीण
बाइट:- 2 पीड़ित ग्रामीण
बाइट:- 3 पीड़ित ग्रामीण
Conclusion:अपनी जान जोखिम में डाल करते है ग्रामीण नदी पार.....

किसान खेती करने के लिए रस्सी के सहारे करते है नदी पार......

ग्रामीण महिला व बच्चे भी जान जोखिम में डाल रस्सी से करते है नदी पार.....
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