देवास। हिंदुस्तान की खूबसूरती गंगा-जमुनी तहजीब को भले ही धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने वाले लोग हिंदू-मुस्लिम को आपस में भिड़ाने की कई बार कोशिश करते हो, लेकिन ये मुस्लिम परिवार आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है.
हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है. गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान मुस्लिम समाज के ये लोग करीब 150 सालों से बना रहे है. पशु श्रंगार का सामान 30 मुस्लिम परिवारों के रोजगार का जरिया बना हुआ है.
पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की उनके पूर्वज यह काम करते आ रहे है और यही वजह है कि इसी काम को ये लोग पीढ़ी दर पीढ़ी चल रहा है. करीब छह पीढ़ियों से यह काम किया जा रहा है. पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है. लगभग पूरे मध्यप्रदेश में ये सामग्री जाती है. कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर और इंदौर से लाया जाता है और फिर यहां तैयार किया जाता है.