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गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल बना ये मुस्लिम परिवार, दीवाली पर तैयार करता है पशु श्रंगार का सामान

हाटपिपल्या में ये मुस्लिम परिवार भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है. तकरीबन 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगा हुआ है. गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान मुस्लिम समाज के ये लोग करीब 150 सालों से बना रहे हैं.

दीपावली की तैयारी में लगा ये मुस्लिम परिवार
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Published : Oct 14, 2019, 10:08 PM IST

देवास। हिंदुस्तान की खूबसूरती गंगा-जमुनी तहजीब को भले ही धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने वाले लोग हिंदू-मुस्लिम को आपस में भिड़ाने की कई बार कोशिश करते हो, लेकिन ये मुस्लिम परिवार आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है.

दीपावली की तैयारी में लगा ये मुस्लिम परिवार

हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है. गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान मुस्लिम समाज के ये लोग करीब 150 सालों से बना रहे है. पशु श्रंगार का सामान 30 मुस्लिम परिवारों के रोजगार का जरिया बना हुआ है.

पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की उनके पूर्वज यह काम करते आ रहे है और यही वजह है कि इसी काम को ये लोग पीढ़ी दर पीढ़ी चल रहा है. करीब छह पीढ़ियों से यह काम किया जा रहा है. पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है. लगभग पूरे मध्यप्रदेश में ये सामग्री जाती है. कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर और इंदौर से लाया जाता है और फिर यहां तैयार किया जाता है.

देवास। हिंदुस्तान की खूबसूरती गंगा-जमुनी तहजीब को भले ही धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने वाले लोग हिंदू-मुस्लिम को आपस में भिड़ाने की कई बार कोशिश करते हो, लेकिन ये मुस्लिम परिवार आपसी भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है.

दीपावली की तैयारी में लगा ये मुस्लिम परिवार

हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है. गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान मुस्लिम समाज के ये लोग करीब 150 सालों से बना रहे है. पशु श्रंगार का सामान 30 मुस्लिम परिवारों के रोजगार का जरिया बना हुआ है.

पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की उनके पूर्वज यह काम करते आ रहे है और यही वजह है कि इसी काम को ये लोग पीढ़ी दर पीढ़ी चल रहा है. करीब छह पीढ़ियों से यह काम किया जा रहा है. पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है. लगभग पूरे मध्यप्रदेश में ये सामग्री जाती है. कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर और इंदौर से लाया जाता है और फिर यहां तैयार किया जाता है.

Intro:150 वर्षो से छह पीढ़ी से बनाया जा रहा है पशु श्रंगार का सामान

30 मुस्लिम परिवारो के रोजगार का जरिया बना दीपावली का त्यौहार

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हाटपिपल्या

देवास के हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है !
जिसे देख कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिलती है !

दीपावली पर गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान हाटपिपल्या के मुस्लिम समाज के लोग करीब 150 वर्षो से बना रहे है !

पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की हमारे पूर्वज यह काम करते आ रहे है और हम भी यही काम कर रहे है हमारी छह पीढ़ियों से यह काम किया जाता है ! आगे बताया की हाटपिपल्या का पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है लगभग पुरे मध्यप्रदेश में यह की सामग्री जाती है !
कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर व् इंदौर से लाया जाता है ! व् माल तैयार किया जाता है जिसे थोक व् खेरची बेचा जाता है !

विजवल
बाइट युसूफ मौलाना पशु श्रंगार बनाने वालेBody:150 वर्षो से छह पीढ़ी से बनाया जा रहा है पशु श्रंगार का सामान

30 मुस्लिम परिवारो के रोजगार का जरिया बना दीपावली का त्यौहार

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हाटपिपल्या

देवास के हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है !
जिसे देख कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिलती है !

दीपावली पर गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान हाटपिपल्या के मुस्लिम समाज के लोग करीब 150 वर्षो से बना रहे है !

पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की हमारे पूर्वज यह काम करते आ रहे है और हम भी यही काम कर रहे है हमारी छह पीढ़ियों से यह काम किया जाता है ! आगे बताया की हाटपिपल्या का पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है लगभग पुरे मध्यप्रदेश में यह की सामग्री जाती है !
कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर व् इंदौर से लाया जाता है ! व् माल तैयार किया जाता है जिसे थोक व् खेरची बेचा जाता है !

विजवल
बाइट युसूफ मौलाना पशु श्रंगार बनाने वालेConclusion:150 वर्षो से छह पीढ़ी से बनाया जा रहा है पशु श्रंगार का सामान

30 मुस्लिम परिवारो के रोजगार का जरिया बना दीपावली का त्यौहार

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हाटपिपल्या

देवास के हाटपिपल्या के लगभग 30 मुस्लिम परिवार दीपावली की तैयारी में लगे हुए है !
जिसे देख कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिलती है !

दीपावली पर गोवर्धन पूजा के लिए पशु श्रंगार के इस्तमाल में आने वाले श्रंगार का सामान हाटपिपल्या के मुस्लिम समाज के लोग करीब 150 वर्षो से बना रहे है !

पशु श्रंगार बनाने वाले युसूफ मौलाना ने बताया की हमारे पूर्वज यह काम करते आ रहे है और हम भी यही काम कर रहे है हमारी छह पीढ़ियों से यह काम किया जाता है ! आगे बताया की हाटपिपल्या का पशु श्रृंगार का सामान दूर दूर से लोग लेने आते है लगभग पुरे मध्यप्रदेश में यह की सामग्री जाती है !
कच्चा माल दिल्ली बुरहानपुर व् इंदौर से लाया जाता है ! व् माल तैयार किया जाता है जिसे थोक व् खेरची बेचा जाता है !

विजवल
बाइट युसूफ मौलाना पशु श्रंगार बनाने वाले
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