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आंवला नवमी पर भगवान को लगा छप्पन भोग, कई जगहों पर हुआ भंडारे का आयोजन - Jatashankar Tirtha

आंवला नवमी का त्योहार आज प्रदेशभर में मनाया जा रहै है. आंवला नवमी के मौके पर कई जिलों में महिलाओं ने संतान प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए आंवले के पेड़ की पूजा कर मन्नते मांगी.

आंवला नवमी में महिलाएं संतान प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए करती है पूजा
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Published : Nov 5, 2019, 9:08 PM IST

देवास। जिले के बागली तहसील में आंवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकूट महोत्सव के अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. इसी तरह अकरम चापड़ा में भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाए गए और भंडारे का आयोजन किया गया.

आंवला नवमी त्योहार का है विशेष महत्व


पन्ना जिले को पवित्र नगरी कहा जाता है, जहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है और अनेक मान्यताएं यहां प्रचलित हैं. वहीं अक्षय नवमी के दिन पन्ना में महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला. महिलाएं मान्यता के अनुसार व्रत रख कर आंवले की पेड़ की पूजा की और मन्नते मांगी.

Offer fifty-six to God in Amla Navami
आंवला नवमी में लगा भगवान को छप्पन भोग


बैतूल जिले में भी आंवला नवमी का त्योहार मनाया गया. आंवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए पूजा करती है. आज के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाने और उसे ग्रहण करने का विशेष महत्व है.

In Amla Navami we eat food under Amla tree
आंवला नवमी में करते है आंवले के पेड़ के नीचे भोजन


आंवला नवमी के मौके पर हरदा जिले में भी महिलाओं ने अपनी संतान प्राप्ति और रक्षा के लिए आंवले की पेड़ की पूजा की. वहीं रक्षासूत्र बांधकर भोजन किया.

देवास। जिले के बागली तहसील में आंवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकूट महोत्सव के अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. इसी तरह अकरम चापड़ा में भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाए गए और भंडारे का आयोजन किया गया.

आंवला नवमी त्योहार का है विशेष महत्व


पन्ना जिले को पवित्र नगरी कहा जाता है, जहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है और अनेक मान्यताएं यहां प्रचलित हैं. वहीं अक्षय नवमी के दिन पन्ना में महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला. महिलाएं मान्यता के अनुसार व्रत रख कर आंवले की पेड़ की पूजा की और मन्नते मांगी.

Offer fifty-six to God in Amla Navami
आंवला नवमी में लगा भगवान को छप्पन भोग


बैतूल जिले में भी आंवला नवमी का त्योहार मनाया गया. आंवला नवमी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है, इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर संतान प्राप्ति और उसकी रक्षा के लिए पूजा करती है. आज के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाने और उसे ग्रहण करने का विशेष महत्व है.

In Amla Navami we eat food under Amla tree
आंवला नवमी में करते है आंवले के पेड़ के नीचे भोजन


आंवला नवमी के मौके पर हरदा जिले में भी महिलाओं ने अपनी संतान प्राप्ति और रक्षा के लिए आंवले की पेड़ की पूजा की. वहीं रक्षासूत्र बांधकर भोजन किया.

Intro:आवला नवमी पर जटाशंकर में हुआ विशाल भण्डारा,श्रधालुओ का लगा तांता


बागली:

आँवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकुट महोत्सव अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसी तरह अकरम चापड़ा मैं भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाया गया और भंडारे का आयोजन किया गया जटाशंकर मे भगवान की आरती के बाद 56 भोग भी अर्पित किए गया।तीर्थ के संस्थापक ब्रह्मलीन सन्त श्री केशवदास जी त्यागी फलाहारी बाबा द्वारा 55 वर्ष पूर्व पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कार्यक्रम की शुरुआत आवला नवमी पर की गई थी!महन्त बद्रीदास महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगो ने प्रसादी ग्रहण करि।इस दौरान मन्दिर परिसर व फलाहारी बाबा की छत्री पर आकर्षक विद्धुत सज्जा भी कई थी।आयोजन में उमड़ी


बाईट-
प.चन्द्रशेखर जोशी
पुरोहित, बागलीBody:आवला नवमी पर जटाशंकर में हुआ विशाल भण्डारा,श्रधालुओ का लगा तांता


बागली:

आँवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकुट महोत्सव अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसी तरह अकरम चापड़ा मैं भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाया गया और भंडारे का आयोजन किया गया जटाशंकर मे भगवान की आरती के बाद 56 भोग भी अर्पित किए गया।तीर्थ के संस्थापक ब्रह्मलीन सन्त श्री केशवदास जी त्यागी फलाहारी बाबा द्वारा 55 वर्ष पूर्व पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कार्यक्रम की शुरुआत आवला नवमी पर की गई थी!महन्त बद्रीदास महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगो ने प्रसादी ग्रहण करि।इस दौरान मन्दिर परिसर व फलाहारी बाबा की छत्री पर आकर्षक विद्धुत सज्जा भी कई थी।आयोजन में उमड़ी


बाईट-
प.चन्द्रशेखर जोशी
पुरोहित, बागलीConclusion:आवला नवमी पर जटाशंकर में हुआ विशाल भण्डारा,श्रधालुओ का लगा तांता


बागली:

आँवला नवमी पर बागली के प्रसिद्ध जटाशंकर तीर्थ पर अन्नकुट महोत्सव अंतर्गत जिले का सबसे विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इसी तरह अकरम चापड़ा मैं भी शिव मंदिर पर छप्पन भोग लगाया गया और भंडारे का आयोजन किया गया जटाशंकर मे भगवान की आरती के बाद 56 भोग भी अर्पित किए गया।तीर्थ के संस्थापक ब्रह्मलीन सन्त श्री केशवदास जी त्यागी फलाहारी बाबा द्वारा 55 वर्ष पूर्व पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से कार्यक्रम की शुरुआत आवला नवमी पर की गई थी!महन्त बद्रीदास महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगो ने प्रसादी ग्रहण करि।इस दौरान मन्दिर परिसर व फलाहारी बाबा की छत्री पर आकर्षक विद्धुत सज्जा भी कई थी।आयोजन में उमड़ी


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प.चन्द्रशेखर जोशी
पुरोहित, बागली
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