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वन विभाग के अधिकारियों ने बिना अनुमति कटवाए हरे-भरे पेड़, पर्यावरणप्रेमियों में आक्रोश

देवास के खातेगांव में लागातार हो रही जंगल की कटाई से पर्यावरण प्रेमियों में काफी आक्रोश है, तो वहीं वन विभाग की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Published : Aug 6, 2019, 12:02 PM IST

बिना अनुमति कटवाए हरे-भरे पेड़

देवास। पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन स्तर पर हरियाली महोत्सव के तहत वृक्षारोपण करने के लिए आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर वन माफियाओं से मिलीभगत कर वनों का विनाश करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं.

बिना अनुमति कटवाए गए हरे-भरे पेड़


कन्नौद वनपरिक्षेत्र में अब तक सागौन के कई पेड़ों की कटाई के मामले सामने आए हैं, जिसका ताजा उदाहरण कन्नौद में देखा गया. यहां प्रभारी रेंजर और डिप्टी रेंजर भादर सिंह मंडलोई ने अपने शासकीय आवास के सामने लगे दो विशाल पेड़ों को कटवा दिया. इसके लिए उन्होंने न तो वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली और न ही नगर परिषद से. इसी क्रम में कन्नौद वनपरिक्षेत्र में आष्टा-कन्नौद राजमार्ग स्थित ग्राम कतलाय के पास भी करीब 1 दर्जन पेड़ों को काटा गया है. इसी तरह कन्नौद के पास जंजालखेड़ी घाट पर भी सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है.

देवास। पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन स्तर पर हरियाली महोत्सव के तहत वृक्षारोपण करने के लिए आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर वन माफियाओं से मिलीभगत कर वनों का विनाश करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं.

बिना अनुमति कटवाए गए हरे-भरे पेड़


कन्नौद वनपरिक्षेत्र में अब तक सागौन के कई पेड़ों की कटाई के मामले सामने आए हैं, जिसका ताजा उदाहरण कन्नौद में देखा गया. यहां प्रभारी रेंजर और डिप्टी रेंजर भादर सिंह मंडलोई ने अपने शासकीय आवास के सामने लगे दो विशाल पेड़ों को कटवा दिया. इसके लिए उन्होंने न तो वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली और न ही नगर परिषद से. इसी क्रम में कन्नौद वनपरिक्षेत्र में आष्टा-कन्नौद राजमार्ग स्थित ग्राम कतलाय के पास भी करीब 1 दर्जन पेड़ों को काटा गया है. इसी तरह कन्नौद के पास जंजालखेड़ी घाट पर भी सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है.

Intro:रक्षक ही बने भक्षक तो, पेड़ो को कौन बचाएगा

खातेगांव। पर्यावरण संरक्षण के लिए शासन स्तर पर हरियाली महोत्सव के तहत वृक्षारोपण करने के लिए आम नागरिकों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर जागरूक किया जा रहा है। वही वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी दिन प्रतिदिन पले बढ़े विशाल सागौन के वृक्षों पर वन माफियाओं से मिलीभगत कर आरी चलवा कर वनों का विनाश करने में लगे हुए हैं कन्नोद वन परिक्षेत्र में जिम्मेदारों की उदासीनता से प्रतिदिन बड़ी संख्या में पेड़ो की कटाई हो रही है। क्षैत्र के वन का विनाश निरंतर जारी है।



Body:कन्नौद वनपरिक्षेत्र में अब तक कई सागौन के पेड़ की कटाई के मामले सामने आए है लेकिन यह नया मामला अपने आप मे अनूठा है जिसका ताजा उदाहरण कन्नोद नगर में देखा गया। यहाँ के शासकीय वन कर्मचारियों के आवास परिषर में प्रभारी रेंजर एवं डिप्टी रेंजर भादर सिंह मंडलोई ने अपने शासकीय आवास के सामने लगे दो विशाल पेड़ों को बेदर्दी से कटवा दिया और उसके गुल्ले व लकड़ी वाले वाले गायब कर दी।
न तो वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति ली और न ही नगर परिषद से! जब जिम्मेदार घर से सामने के पेड़ों की सुरक्षा नही कर पा रहे है तो जंगल का तो भगवान ही मालिक है।

Conclusion:इसी क्रम में कन्नौद वनपरिक्षेत्र में आष्टा-कन्नौद राजमार्ग स्थित ग्राम क़तलाय के पास भी करीब 1 दर्जन पेड़ो को बेदर्दी से काटा गया है। इसी तरह कन्नौद के समीप जंजालखेड़ी घाट पर भी सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। क्षेत्र में लागातार हो रही जंगल की कटाई से पर्यावरण प्रेमियों में काफी आक्रोश है तो वन विभाग की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे है।

बाईट- शंकरलाल यादव, एसडीओ वन विभाग कन्नौद
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