ETV Bharat / state

लॉकडाउन से किसानों को भारी नुकसान, जंगल में फेंकी 30 लाख की गाजर

लॉकडाउन की वजह से गाजर के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. जिसके चलते किसानों ने करीब 30 लाख रुपए की गाजर की उपज जंगल में फेंक दी.

heavy-loss-to-carrot-farmers-due-to-lockdown-in-dewas
जंगल में फेंकी गाजर
author img

By

Published : May 4, 2020, 3:31 PM IST

Updated : May 4, 2020, 6:28 PM IST

देवास। लॉकडाउन के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. माहमारी के दौर में किसान दिन-रात मेहनत कर फसल उगा रहा है. लेकिन उसे मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा, जिससे वे इतने मायूस हो रहे हैं कि अपनी उपज फेंकने को मजबूर हैं. जिले के करनावद गांव के मोतीसिंह ठाकुर ने गाजर की फसल लगाई थी. किसान को उम्मीद थी कि, गाजर के अच्छे दाम मिलेंगे. लेकिन उन्हें क्या मालूम था कोराना का ग्रहण इन्हें निगल लेगा. पूरी उपज ही बर्बाद हो गई. यही हाल बाकि दो और किसानों का है. जिससे किसानों ने इसे जंगल में फेंक दिया. उपज की कीमत करीब 30 लाख रुपए बताई जा रही है.

मोती सिंह ठाकुर ने बताया की, कुछ गाजर के कट्टे गो- शाला मे गायों को खिलाने के लिए दे दी, तो वहीं बड़ी मात्रा में गाजर जंगल में फेंक दी. इस बार गाजर कि खेती में घाटा हुआ है. तीन किसानों ने मिल कर लगभग 10 हजार गाजर के कट्टे जंगल मे फेंके हैं.

किसानों के मुताबिक हर साल भोपाल, मुंबई और दूसरे राज्यों में गाजर भारी मात्रा में भेजी जाती थी, लेकिन इस बार लाकडाउन के कारण गाजर बिक नहीं पाई और कोल्ड स्टोरेजों में भी जगह ना होने की वजह से मजबूरन किसानों को गाजर फेंकना पड़ी है. दूसरे राज्यों में परिवहन नहीं होने से गाजर की डिमांड कम होने रही है. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जंगल में फेंकी गाजर

देवास। लॉकडाउन के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. माहमारी के दौर में किसान दिन-रात मेहनत कर फसल उगा रहा है. लेकिन उसे मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा, जिससे वे इतने मायूस हो रहे हैं कि अपनी उपज फेंकने को मजबूर हैं. जिले के करनावद गांव के मोतीसिंह ठाकुर ने गाजर की फसल लगाई थी. किसान को उम्मीद थी कि, गाजर के अच्छे दाम मिलेंगे. लेकिन उन्हें क्या मालूम था कोराना का ग्रहण इन्हें निगल लेगा. पूरी उपज ही बर्बाद हो गई. यही हाल बाकि दो और किसानों का है. जिससे किसानों ने इसे जंगल में फेंक दिया. उपज की कीमत करीब 30 लाख रुपए बताई जा रही है.

मोती सिंह ठाकुर ने बताया की, कुछ गाजर के कट्टे गो- शाला मे गायों को खिलाने के लिए दे दी, तो वहीं बड़ी मात्रा में गाजर जंगल में फेंक दी. इस बार गाजर कि खेती में घाटा हुआ है. तीन किसानों ने मिल कर लगभग 10 हजार गाजर के कट्टे जंगल मे फेंके हैं.

किसानों के मुताबिक हर साल भोपाल, मुंबई और दूसरे राज्यों में गाजर भारी मात्रा में भेजी जाती थी, लेकिन इस बार लाकडाउन के कारण गाजर बिक नहीं पाई और कोल्ड स्टोरेजों में भी जगह ना होने की वजह से मजबूरन किसानों को गाजर फेंकना पड़ी है. दूसरे राज्यों में परिवहन नहीं होने से गाजर की डिमांड कम होने रही है. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जंगल में फेंकी गाजर
Last Updated : May 4, 2020, 6:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.