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ग्रामीणों की मुश्किलों का डॉ. ने निकाला समाधान, स्कूल को बना दिया अस्पताल - कोरोना संक्रमण

खातेगांव तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम ओंकारा के रहने वाले डॉ. पंकज परमार ने गांव के एक स्कूल को दस बेड का अस्पताल बना दिया है. परमार ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए ग्रामीणों का इलाज करना शुरू कर दिया.

डॉ. पंकज परमार
डॉ. पंकज परमार
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Published : May 15, 2021, 10:04 AM IST

देवास। शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का प्राथमिकता से इलाज किया जा रहा है, लेकिन सामान्य बुखार, टाइफाइड, सर्दी-खांसी से पीड़ित मरीजों को अस्पतालों में जाने में भी डर लगता है. जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण बीमारी और भयावह हो जाती है. ऐसे में खातेगांव तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम ओंकारा निवासी युवक पंकज परमार ने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करते ही, गांव के शासकीय स्कूल को दस बेड का अस्पताल बना दिया और ग्रामीणों का इलाज करना शुरू कर दिया.

स्कूल को बनाया अस्पताल

डॉ. परमार ने लिया सराहनीय फैसला
डॉ. परमार ने बताया कि ओंकारा के शिक्षक हरेंद्र सिंह सेंधव एवं उनके पिता सीताराम परमार की प्रेरणा से गांव में आदिवासी गरीब तबके के लोगों का इलाज करना शुरू किया. जिसमें भाई धर्मेंद्र परमार कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी एवं बहन पूजा परमार नर्सिंग ऑफिसर का सहयोग मिल रहा है. यहां मरीजो से दवाइयों का कीमत अनुसार शुल्क लिया जाता है. परामर्श एवं अन्य सेवाएं बिल्कुल मुफ्त हैं.

300 से अधिक मरीज हुए ठीक
डॉक्टर परमार ने बताया कि 4 मई 2021 से मिडिल स्कूल के भवन में अस्थाई रूप से अस्पताल संचालित किया जा रहा है, जिसमें बुखार, सर्दी-खांसी, दस्त, वायरल फीवर, टाइफाइड, डिहाइड्रेशन, ब्लड प्रेशर, शुगर आदि बीमारियों से पीड़ित करीब 300 से अधिक मरीजो का सफलता पूर्वक इलाज किया जा चुका है. साथ ही अन्य मरीजों का लगातार इलाज जारी है.यहां आ रहे मरीजों में शुगर के मरीजों की संख्या अधिक है. इलाज से पूर्व डॉ. द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर ब्लड प्रेशर शुगर नेबुलाइजेशन आदि की जांच कर इलाज किया जाता है.

25-30 गांव के मरीज ले रहे स्वास्थ्य लाभ
बता दें कि ग्राम बुखारा से लगे करीब 25 से 30 गांव के मरीज यहां स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. मिडिल स्कूल भवन में 10 बेड के वार्ड बनाए हुए हैं जिनमें एक कक्ष में पांच बेड़ पुरुषों के लिए तो दूसरे कक्ष में 5 बेड महिलाओं के इलाज के लिए आरक्षित हैं. भवन में बेड की व्यवस्था आश्रम शाला बरखेड़ी से की गई है.


ऑक्सीजन चोरी के शक में 'तालिबानी' सजा, बर्फ पर खड़ा कर मुंह में डाली मिर्ची


एसडीएम ने निरीक्षण कर जताई संतुष्टि
बीते दिन खातेगांव एसडीएम संतोष तिवारी, तहसीलदार राधा महंत और सीईओ टीना पवार ने ओंकारा के स्कूल में संचालित अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए इलाज किया जा रहा है. अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण कर संतुष्टि जताई और शासन की और से ऑक्सीजन सिलेंडर देने की बात कही.

देवास। शहर के बड़े-बड़े अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों का प्राथमिकता से इलाज किया जा रहा है, लेकिन सामान्य बुखार, टाइफाइड, सर्दी-खांसी से पीड़ित मरीजों को अस्पतालों में जाने में भी डर लगता है. जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण बीमारी और भयावह हो जाती है. ऐसे में खातेगांव तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम ओंकारा निवासी युवक पंकज परमार ने एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करते ही, गांव के शासकीय स्कूल को दस बेड का अस्पताल बना दिया और ग्रामीणों का इलाज करना शुरू कर दिया.

स्कूल को बनाया अस्पताल

डॉ. परमार ने लिया सराहनीय फैसला
डॉ. परमार ने बताया कि ओंकारा के शिक्षक हरेंद्र सिंह सेंधव एवं उनके पिता सीताराम परमार की प्रेरणा से गांव में आदिवासी गरीब तबके के लोगों का इलाज करना शुरू किया. जिसमें भाई धर्मेंद्र परमार कम्युनिटी हेल्थ अधिकारी एवं बहन पूजा परमार नर्सिंग ऑफिसर का सहयोग मिल रहा है. यहां मरीजो से दवाइयों का कीमत अनुसार शुल्क लिया जाता है. परामर्श एवं अन्य सेवाएं बिल्कुल मुफ्त हैं.

300 से अधिक मरीज हुए ठीक
डॉक्टर परमार ने बताया कि 4 मई 2021 से मिडिल स्कूल के भवन में अस्थाई रूप से अस्पताल संचालित किया जा रहा है, जिसमें बुखार, सर्दी-खांसी, दस्त, वायरल फीवर, टाइफाइड, डिहाइड्रेशन, ब्लड प्रेशर, शुगर आदि बीमारियों से पीड़ित करीब 300 से अधिक मरीजो का सफलता पूर्वक इलाज किया जा चुका है. साथ ही अन्य मरीजों का लगातार इलाज जारी है.यहां आ रहे मरीजों में शुगर के मरीजों की संख्या अधिक है. इलाज से पूर्व डॉ. द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर ब्लड प्रेशर शुगर नेबुलाइजेशन आदि की जांच कर इलाज किया जाता है.

25-30 गांव के मरीज ले रहे स्वास्थ्य लाभ
बता दें कि ग्राम बुखारा से लगे करीब 25 से 30 गांव के मरीज यहां स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. मिडिल स्कूल भवन में 10 बेड के वार्ड बनाए हुए हैं जिनमें एक कक्ष में पांच बेड़ पुरुषों के लिए तो दूसरे कक्ष में 5 बेड महिलाओं के इलाज के लिए आरक्षित हैं. भवन में बेड की व्यवस्था आश्रम शाला बरखेड़ी से की गई है.


ऑक्सीजन चोरी के शक में 'तालिबानी' सजा, बर्फ पर खड़ा कर मुंह में डाली मिर्ची


एसडीएम ने निरीक्षण कर जताई संतुष्टि
बीते दिन खातेगांव एसडीएम संतोष तिवारी, तहसीलदार राधा महंत और सीईओ टीना पवार ने ओंकारा के स्कूल में संचालित अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए इलाज किया जा रहा है. अधिकारियों ने अस्पताल का निरीक्षण कर संतुष्टि जताई और शासन की और से ऑक्सीजन सिलेंडर देने की बात कही.

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