उज्जैन: उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. देशभर से हजारों श्रद्धालु यहां बाबा महाकाल के दर्शन को आते हैं. खासकर बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए भक्तों में विशेष उत्साह होता है. लेकिन भस्म आरती में शामिल इतना आसान नहीं है. भस्म आरती में शामिल होने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसी परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भस्म आरती में शामिल होने की प्रक्रिया सुविधाजनक बनाने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं.
भस्म आरती में 300 श्रद्धालुओं का कोटा
प्रात:काल होने वाली भस्म आरती में प्रतिदिन अधिकतम 300 श्रद्धालु ही सम्मिलित हो सकते हैं. इस कोटे के तहत भक्तों को अनुमति पत्र प्राप्त करनी होती है. नियमों मे किए गए परिवर्तन के बाद अब श्रद्धालु भस्म आरती के फॉर्म नंदी गेट स्थित काउंटर से शाम 7:00 से रात 9:00 बजे के बीच प्राप्त कर सकते हैं. बता दें कि पहले श्रद्धालुओं को सुबह 5:00 बजे से लाइन में लगना पड़ता था. इससे श्रद्धालुओं का पूरा दिन खराब होता था. वहीं, अब अगले दिन सुबह 8:00 से 9:00 बजे के बीच फॉर्म जमा किए जा सकते हैं. फॉर्म जमा करते समय श्रद्धालु को अपने साथ आधार कार्ड लेकर आना होगा.
आधार कार्ड दिखाना पड़ेगा, फोटो भी खिंचेगी
नए नियम के अनुसार भस्म आरती में शामिल होने वाले सभी लोगों की पहचान के लिए आधार कार्ड दिखाना और फोटो खिंचवाना अनिवार्य है. श्रद्धालु को जिस दिन भस्म आरती की अनुमति दी जाएगी, उसी दिन आरती में सम्मिलित हुआ जा सकेगा. महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया "महाकाल मंदिर में आने वाले आम श्रद्धालुओं के लिए 300 सीट का कोटा है. पहले श्रद्धालुओं को सुबह 5 बजे से लाइन में लगाकर भस्मारती की परमिशन के प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था."
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शाम को आवेदन भरें, सुबह मिलेगा पास
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार "अब भस्म आरती के लिए श्रद्धालुओं को शाम को 7:00 बजे से लेकर 9:00 बजे के बीच में फॉर्म लेकर जाना है. सुबह 8 से 9 के बीच में भस्म आरती के पास श्रद्धालुओं को मिल जाएंगे. यह नई प्रक्रिया गुरुवार से लागू की गई है. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं का समय बचाना और व्यवस्था को अधिक सरल बनाना है." बता दें कि भस्म आरती के पास को लेकर मंदिर प्रशासन पर कई बार सवाल उठ चुके हैं. भस्म आरती के पास बेचने के मामले भी कई बार सामने आ चुके हैं.