देवास। पूरा देश लॉकडाउन के चलते परेशानियों का सामना कर रहा है. वहीं गरीबों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसके बावजूद ठग आम जनता को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं. देवास जिले के खातेगांव विकासखंड से ऑनलाइन ठगी करने का मामला सामने आया है.
बैंक कर्मचारियों ने आवेदन लेने से किया इंकार
इस मामले में काजीपुरा हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक और उनकी पुत्री के अलग-अलग बैंक खातों से 49 हजार 415 रुपए अज्ञात नंबर से ऑनलाइन निकासी की गई है. वहीं मामले की शिकायत के लिए शिक्षक बैंक में आवेदन देने गए, लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया.
शिक्षक हुकुमचंद डुलगज ने बताया कि 6 मई को जैसे ही ये घटना हुई, उसके बाद वे बैंक पहुंचे. उन्होंने कहा कि अगर बैंक अधिकारी कर्मचारी उनकी बात को गंभीरता से सुन कर उस पर कार्रवाई करते तो शायद उन्हें इतने रुपयों का नुकसान नहीं होता. जिसके बाद डुलगज ने सतवास पुलिस को आवेदन दिया है.
हुकुमचंद ने पुलिस को सौंपा आवेदन
इस बारे में हुकुमचंद ने पुलिस को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक शाखा खातेगांव में 8 मई को बैंक के अधिकारियों ने उनका आवेदन नहीं लिया और कहा कि ऑनलाइन शिकायत कर दें, लॉकडाउन के बाद आपका आवेदन लिया जाएगा. जिसके बाद हुकुमचंद ने पुलिस को अपने खाते से निकाली गई राशि के संबंध में एक आवेदन सौंपा है.
6 मई को पांच हजार रुपए की ठगी
डुलगज ने आवेदन में लिखा है कि उनका सैलरी अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक खातेगांव में है. उस खाते से दिनांक 6 मई 2020 को खाते से एक हजार, 1500 और 2500 कर के कुल 5 हजार रुपए ऑनलाइन निकासी किसी अज्ञात के द्वारा की गई. जिसकी शिकायत के लिए डुलगज बैंक पहुंचे और अधिकारियों कर्मचारियों को सूचना दी. जहां से उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया.
दूसरे दिन 42,715 रुपए की ठगी
वहीं दूसरे दिन 7 मई को फिर से उनके खाते से 5 हजार रुपए निकाले गई. उसी के बाद थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल में चार बार करके कुल 42 हजार 7 15 रुपए की निकासी की गई. वहीं उनकी बेटी कुमारी चंचल के खाते से 1700 रुपए निकाली गई है. उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी अगर उनकी सूचना को गंभीरता से लेते तो शायद वे इस धोखाधड़ी से बच सकते थे. जिसके बाद फरियादी ने उचित कार्रवाई कर राशि दिलाने की मांग की है.