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एमपी में वन विभाग ने की जंगल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, गुस्से में आदिवासी नेता ने पी लिया कीटनाशक - देवास की खबर

Dewas News: देवास में जिले में एक आदिवासी नेता कीटनाशक पी लिया. मामला अतिक्रमण से जुड़ा है. वन विभाग की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी. उसी दौरान आदिवासी नेता ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और कीटनाशक पी लिया. इसके बाद उन्हें अस्पातल में भर्ती कराया गया है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 11:04 PM IST

देवास। मध्यप्रदेश के देवास जिले के खातेगांव वन परिक्षेत्र के अंतर्गत हरणगांव सबरेंज में वन विभाग की टीम कार्रवाई करने पहुंची. जहां जंगल से लगे किसानों का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. इस दौरान करीब 5-6 मुस्लिम परिवारों का अतिक्रमण भी हटाया गया. उसके बाद रतनपुर में आदिवासी नेता रामदेव काकोडिया का अतिक्रमण हटाने पहुंचे, तो रामदेव ने अतिक्रमण हटाने से मना कर दिया, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई जारी रखी.

जब रामदेव काकोडिया की बात को वन विभाग की तरफ से नहीं सुना गया तो उन्होंने गुस्से में आकर आत्महत्या करने का दवाब बनाते हुए, कीटनाशक पी लिया. इसके तुरंत बाद रामदेव के परिवार के लोग उन्हें इलाज कराने के लिए खातेगांव ले गए. जहां एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है.

Ramdev Kakodiya
रामदेव काकोडिया

वन विभाग ने क्या कहा?: इस मामले में वन विभाग के एसडीओ शंकरलाल यादव ने बताया- रामदेव काकोडिया से हमारी रेंज ऑफिसर वंदना ठाकुर ने कुछ दिन पहले अतिक्रमण हटाने के लिए चर्चा की थी. तो रामदेव ने कहा था कि पहले मुस्लिम वर्ग का अतिक्रमण हटा दो, फिर मेरा हटाना. इस बातचीत के बाद हमने पत्र के माध्यम से डीएफओ देवास को अवगत कराया. उन्होंने टीम गठित कर कार्रवाई की. इसमें टीम ने 5-6 मुस्लिम परिवारों का करीब 7 हेक्टेयर भूमि का अतिक्रमण हटाकर रामदेव काकोडिया के वहां पहुंचे. तो वहां दवाई के शीशी लेकर बाहर आ गया और कहने लगा कि आप लोग बीजेपी के दबाव में मेरा अतिक्रमण हटा रहे हैं. इसके बाद उन्होंने कीटनाशक पी लिया.

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देवास। मध्यप्रदेश के देवास जिले के खातेगांव वन परिक्षेत्र के अंतर्गत हरणगांव सबरेंज में वन विभाग की टीम कार्रवाई करने पहुंची. जहां जंगल से लगे किसानों का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई. इस दौरान करीब 5-6 मुस्लिम परिवारों का अतिक्रमण भी हटाया गया. उसके बाद रतनपुर में आदिवासी नेता रामदेव काकोडिया का अतिक्रमण हटाने पहुंचे, तो रामदेव ने अतिक्रमण हटाने से मना कर दिया, जिसके बाद वन विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई जारी रखी.

जब रामदेव काकोडिया की बात को वन विभाग की तरफ से नहीं सुना गया तो उन्होंने गुस्से में आकर आत्महत्या करने का दवाब बनाते हुए, कीटनाशक पी लिया. इसके तुरंत बाद रामदेव के परिवार के लोग उन्हें इलाज कराने के लिए खातेगांव ले गए. जहां एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है.

Ramdev Kakodiya
रामदेव काकोडिया

वन विभाग ने क्या कहा?: इस मामले में वन विभाग के एसडीओ शंकरलाल यादव ने बताया- रामदेव काकोडिया से हमारी रेंज ऑफिसर वंदना ठाकुर ने कुछ दिन पहले अतिक्रमण हटाने के लिए चर्चा की थी. तो रामदेव ने कहा था कि पहले मुस्लिम वर्ग का अतिक्रमण हटा दो, फिर मेरा हटाना. इस बातचीत के बाद हमने पत्र के माध्यम से डीएफओ देवास को अवगत कराया. उन्होंने टीम गठित कर कार्रवाई की. इसमें टीम ने 5-6 मुस्लिम परिवारों का करीब 7 हेक्टेयर भूमि का अतिक्रमण हटाकर रामदेव काकोडिया के वहां पहुंचे. तो वहां दवाई के शीशी लेकर बाहर आ गया और कहने लगा कि आप लोग बीजेपी के दबाव में मेरा अतिक्रमण हटा रहे हैं. इसके बाद उन्होंने कीटनाशक पी लिया.

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