देवास। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हर साल जंगल में बड़ी संख्या में पौधारोपण करके पर्यावरण को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश के मुखिया प्रतिदिन पौधारोपण कर पेड़-पौधा संरक्षण का संदेश दे रहे हैं, लेकिन वन विभाग की उदासीनता के चलते जंगल में मौजूद पेड़ों की अवैध कटाई धड़ल्ले से हो रही है. लकड़ी माफिया लगातार जंगल में पेड़ों की कटाई करके वनसंपदा और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इधर वन विभाग पेड़ कटने के बाद बचे हुए हिस्से पर नंबर लिखकर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं, तो कहीं कटे हुए ठूंठ तक पहुंच ही नहीं पाए हैं. देवास से भी ऐसा ही मामला सामने आया है.
अवैध कटाई में जुटे माफिया: इन दिनों देवास जिले के कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल के विभिन्न हिस्सों में सागौन पेड़ों की अवैध कटाई लगातार जारी है. यहां लकड़ी माफिया बेखौफ होकर सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई करने में जुटे हैं. पेड़ों की अवैध कटाई की सूचना लगातार मिलने पर वन विभाग ने मौके पर जाकर देखा तो ग्राम हतलाय से माथनी की ओर का जंगल देखकर दंग रह गए. इस क्षेत्र में अनगिनत सागौन के ठूंठ लगातार नजर आए हैं. साथ ही जंगल में जगह-जगह सिल्लियां बनाई गई. इसके प्रमाण जंगल में पड़े छिलके दे रहे हैं. जंगल में कई जगह ठूंठ पर नंबर अंकित किए तो कई ठूंठ आज भी नंबर लिखने का इंतजार कर रहे हैं. कहीं-कहीं तो अवैध कटाई के ठूंठ जलाने का प्रयास भी किया गया और लकड़ी के छिलकों में आग लगाकर सुबूत नष्ट किए गए.
जंगल लकड़ी माफिया के निशाने पर: लकड़ी माफिया सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई करने के बाद घंटों जंगल में बैठकर सिल्लियां बनाते हैं, लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार जंगल में जाना ही उचित नहीं समझते. लकड़ी माफिया ने मौके पर ही सिल्लियां बनाई और काम की लकड़ी को अपने साथ ले गए बाकी पेड़ के अवशेष मौके पर ही छोड़ गए. इसी प्रकार का नजारा हथिनी शिला के जंगल में भी बखूबी देखा गया. जिस प्रकार से जंगल में अवैध कटाई का नजारा दिखा उसके हिसाब से कहा जाए तो क्षेत्र का जंगल लकड़ी माफिया के निशाने पर है और अवैध कटाई पर वन विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है.
जंगल में लकड़ी चोरी करने पहुंचे तस्करों ने वन अधिकारियों पर किया हमला, तीन घायल
प्रशासन सो रहा चैन की नींद: पेड़ों की अवैध कटाई से वन विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी आर्ची हरित से संपर्क किया तो उन्होंने जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं होने का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. फोन पर डीएफओ ने कहा, आपके द्वारा कन्नौद के जंगल में अवैध कटाई की सूचना मिली है. शीघ्र ही स्वतंत्र उड़नदस्ता भेजकर जांच करवाई जाएगी और पेड़ों की अवैध कटाई में जो भी लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.