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MP Leopard Viral Video: देवास वायरल तेंदुए पर बड़ा अपडेट, क्यों नहीं किया किसी पर हमला, एक्सपर्ट्स ने बताई ये वजह - मध्यप्रदेश की ताजा खबर

देवास के एक गांव टोंक से वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में तेंदुए को गांव के लोग घेर कर रखे हैं. तेंदुए को रेस्क्यू के लिए कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय रैफर कर दिया. जहां उसका इलाज चल रहा है. इलाज के दौरान चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है.

Dewas Leopard video viral
देवास में वायरल तेंदुआ गंभीर बीमारी से जूझ रहा है
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 5:57 PM IST

देवास में वायरल तेंदुआ गंभीर बीमारी से जूझ रहा है

इंदौर. पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा था. वीडियो देवास जिले के टोंक खुर्द का है. इस वीडियो में एक तेंदुए को घेरे कुछ गांव के लोग खड़ें हैं. लोगों में उसके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ मची है. इसके अलावा तेंदुए को गांव के लोगों की तरफ से परेशान किए जाते वीडियो में देखा जा सकता है.

वीडियो शॉकिंग भरा था. क्योंकि, ये अचंभे की ही बात है कि कोई तेंदुए के पास इतनी आसानी से फोटो खिंचवा सके और उसे घेर कर लोग बैठे रहें. इसके अलावा कुछ तो तेंदुए पर बकरी को बैठा कर घुमा भी रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद वन अमला तुरंत एक्शन में आया. वहीं, हमने एक्सपर्ट्स से भी तेंदुए के इस तरह के व्यवहार को लेकर बात की है.

पहले मामला समझते हैं: दरअसल, 2 दिन पहले देवास के टोंक खुर्द जिला के इकलेरा माताजी के जंगल में एक तेंदुआ पाया गया था, जो काफी बीमार दिख रहा था. जंगल का ये खतरनाक जानवर इंसानों की भीड़ को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहा था.गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया था.

इस दौरान कुछ गांव के लोग उसपर बैठकर सवारी करने भी की भी कोशिश करने लगे थे. साथ ही कई लोग तेंदुए के साथ अपना वीडियो बनाते नजर आए. वीडियो सोशल मीडिया में आग की तरह फैला. इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, और तेंदुए को इलाज के लिए कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय रैफर कर दिया. यहां जांच में जानकारी मिली की तेंदुआ केनाइन डिस्टेंपर वायरस और रैबीज के संक्रमण से पीड़ित हो सकता है. वो अपना नेचुरल बिहेवियर भूल गया है.

ये भी पढ़ें..

नेहरू संग्राहलय के डॉक्टर क्या बोले?: प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉक्टर उत्तम यादव की मानें- "देवास जिले में पाए गए तेंदुए का व्यवहार सामान्य नहीं था, ऐसा कई बार रेबीज वायरस के कारण होता है, जिसमें रेबीज डंप स्वरूप में शरीर में पाया जाता है.

इसके अलावा केनाइन डिस्टेंपर वायरस नामक एक वायरस भी वन्य प्राणी के न्यूरो सिस्टम पर अटैक करता है. इस वायरस के संक्रमण से भी लेपर्ड या तेंदुआ अपनी आइडेंटिटी को देता है. हालांकि, इसके बावजूद जिस तरह के वीडियो सामने आए, वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट 38 के तहत अपराध हैं, जो तेंदुए के साथ नहीं होना चाहिए थे. संबंधित तेंदुए की जांच के बाद पता किया जाएगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.

तेंदुए का ब्रेन सेल डैमेज हुए: आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए की ब्रेन सेल डैमेज हुए हैं. इसके कारण वो अपना मूल व्यवहार भूल चुका है.

देवास में वायरल तेंदुआ गंभीर बीमारी से जूझ रहा है

इंदौर. पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा था. वीडियो देवास जिले के टोंक खुर्द का है. इस वीडियो में एक तेंदुए को घेरे कुछ गांव के लोग खड़ें हैं. लोगों में उसके साथ फोटो खिंचवाने की होड़ मची है. इसके अलावा तेंदुए को गांव के लोगों की तरफ से परेशान किए जाते वीडियो में देखा जा सकता है.

वीडियो शॉकिंग भरा था. क्योंकि, ये अचंभे की ही बात है कि कोई तेंदुए के पास इतनी आसानी से फोटो खिंचवा सके और उसे घेर कर लोग बैठे रहें. इसके अलावा कुछ तो तेंदुए पर बकरी को बैठा कर घुमा भी रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद वन अमला तुरंत एक्शन में आया. वहीं, हमने एक्सपर्ट्स से भी तेंदुए के इस तरह के व्यवहार को लेकर बात की है.

पहले मामला समझते हैं: दरअसल, 2 दिन पहले देवास के टोंक खुर्द जिला के इकलेरा माताजी के जंगल में एक तेंदुआ पाया गया था, जो काफी बीमार दिख रहा था. जंगल का ये खतरनाक जानवर इंसानों की भीड़ को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं कर रहा था.गांव के लोगों ने उसे पकड़ लिया था.

इस दौरान कुछ गांव के लोग उसपर बैठकर सवारी करने भी की भी कोशिश करने लगे थे. साथ ही कई लोग तेंदुए के साथ अपना वीडियो बनाते नजर आए. वीडियो सोशल मीडिया में आग की तरह फैला. इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, और तेंदुए को इलाज के लिए कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय रैफर कर दिया. यहां जांच में जानकारी मिली की तेंदुआ केनाइन डिस्टेंपर वायरस और रैबीज के संक्रमण से पीड़ित हो सकता है. वो अपना नेचुरल बिहेवियर भूल गया है.

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इसके अलावा केनाइन डिस्टेंपर वायरस नामक एक वायरस भी वन्य प्राणी के न्यूरो सिस्टम पर अटैक करता है. इस वायरस के संक्रमण से भी लेपर्ड या तेंदुआ अपनी आइडेंटिटी को देता है. हालांकि, इसके बावजूद जिस तरह के वीडियो सामने आए, वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट 38 के तहत अपराध हैं, जो तेंदुए के साथ नहीं होना चाहिए थे. संबंधित तेंदुए की जांच के बाद पता किया जाएगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.

तेंदुए का ब्रेन सेल डैमेज हुए: आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए की ब्रेन सेल डैमेज हुए हैं. इसके कारण वो अपना मूल व्यवहार भूल चुका है.

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