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बिजली बिल ज्यादा आने पर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन

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Published : Jun 25, 2020, 9:01 PM IST

पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने बिजली कंपनी के दफ्तर के बाहर धरना भी दिया था. इसके बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ. आज ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल गोस्वामी के नेतृत्व में उपभोक्ता बिजली कंपनी के आनंद बाग स्थित दफ्तर पहुंचे.

Congress protests
कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

देवास। जिले के अधिकांश उपभोक्ता बिजली बिल अधिक आने की शिकायत कर रहे हैं, पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने बिजली कंपनी के दफ्तर के बाहर धरना भी दिया था. इसके बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ. आज ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल गोस्वामी के नेतृत्व में उपभोक्ता बिजली कंपनी के आनंद बाग स्थित दफ्तर पहुंचे.

सहायक यंत्री पीके जैन सहित अन्य अधिकारियों से चर्चा कर अपनी समस्या बताई, ब्लॉक अध्यक्ष गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने उपभोक्ताओं को राहत दी है, लेकिन जिन लोगों के बिल कमलनाथ की सरकार में 100-150 रुपए आते थे. उन लोगों के बिल अब 8 से 10 हजार रुपए तक आ रहे हैं. बिजली कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि आखिर आपकी पॉलिसी क्या है और आप किस आधार पर बिल दे रहे हैं. तीन महीने तक रीडिंग नहीं लेने गए. मार्च में जो रीडिंग थी, उस आधार पर औसत का निर्धारण कर बिल थमा दिए. जिनके मार्च में 100 से 150 रुपये के बिल थे, उन्हें भी 10 हजार रुपए के बिल दे दिए.

सिटी जोन के सहायक यंत्री पीके जैन का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं का बिल मार्च में 400 रुपए से कम आया है, वे ही शासन की इस योजना के पात्र हैं. सरकार की योजना के अनुसार सभी पात्र उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी गई है. पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने धरना भी दिया था. इसके बावजूद समस्या जस की तस है.

देवास। जिले के अधिकांश उपभोक्ता बिजली बिल अधिक आने की शिकायत कर रहे हैं, पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने बिजली कंपनी के दफ्तर के बाहर धरना भी दिया था. इसके बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ. आज ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल गोस्वामी के नेतृत्व में उपभोक्ता बिजली कंपनी के आनंद बाग स्थित दफ्तर पहुंचे.

सहायक यंत्री पीके जैन सहित अन्य अधिकारियों से चर्चा कर अपनी समस्या बताई, ब्लॉक अध्यक्ष गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने उपभोक्ताओं को राहत दी है, लेकिन जिन लोगों के बिल कमलनाथ की सरकार में 100-150 रुपए आते थे. उन लोगों के बिल अब 8 से 10 हजार रुपए तक आ रहे हैं. बिजली कंपनी के अधिकारियों से पूछा कि आखिर आपकी पॉलिसी क्या है और आप किस आधार पर बिल दे रहे हैं. तीन महीने तक रीडिंग नहीं लेने गए. मार्च में जो रीडिंग थी, उस आधार पर औसत का निर्धारण कर बिल थमा दिए. जिनके मार्च में 100 से 150 रुपये के बिल थे, उन्हें भी 10 हजार रुपए के बिल दे दिए.

सिटी जोन के सहायक यंत्री पीके जैन का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं का बिल मार्च में 400 रुपए से कम आया है, वे ही शासन की इस योजना के पात्र हैं. सरकार की योजना के अनुसार सभी पात्र उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत की छूट दी गई है. पिछले दिनों शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी ने धरना भी दिया था. इसके बावजूद समस्या जस की तस है.

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