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कलेक्टर ने नेमावर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया निरीक्षण, पेट्रोलिंग के दिए निर्देश

कलेक्टर ने कहा कि आगामी दो दिन विशेष सावधानी बरतने के हैं. इन दो दिनों में नर्मदा नदी का जल स्तर और बढ़ सकता है. इसलिए हमें और सावधानी बरतना है तथा राहत एवं बचाव कार्य को सतत जारी रखना है. उन्होंने 12 नावों से पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए.

Inspection of flood affected area
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण
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Published : Aug 31, 2020, 12:31 AM IST

देवास। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने नेमावर में नर्मदा नदी के जल स्तर बढ़ने व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीआरएफ की टीम, अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण, कर्मचारीगण मौजूद थे. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह, विधायक शर्मा ने नाव में बैठकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर शुक्ला ने कहा कि आगामी दो दिन विशेष सावधानी बरतने के हैं. इन दो दिनों में नर्मदा नदी का जल स्तर और बढ़ सकता है. इसलिए सावधानी बरतना है तथा राहत एवं बचाव कार्य को सतत जारी रखना है. उन्होंने 12 नावों से पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए. पेट्रोलिंग में एसडीआरएफ एवं ट्रैफिक पुलिस और अन्य अधिकारीगण निगरानी रखेंगे. एसडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की टीम मुस्तैदी से तैनात है, लगातार राहत एवं बचाव कार्य कर रही है.

निरीक्षण के दौरान ने बताया गया कि अतिवृष्टि के कारण 15 हजार लोगों प्रभावित हुए हैं, इसमें कोई भी जनहानि नहीं हुई है. अतिवृष्टि के कारण 230 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 8 हजार लोगों को भोजन के पैकेट जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए हैं. 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ठहरने की व्यवस्था की गई है. कलेक्टर ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि वे अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकंलन तैयार करें. जिससे प्रभावित लोगों को राहत राशि मिल सके. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बाढ़ से जिन लोगों के कपड़े, राशन बह गए हैं, उनका भी आंकलन करें. कलेक्टर ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराने के दौरान किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो का विशेष ध्यान रखा जाएं. उन्होंने शिविर में चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए सभी के लिए भोजन, पीने के लिए पानी तथा बिस्तर एवं अन्य वस्त्रों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं.

इस मौके पर एसपी ने कहा कि राहत बचाव कार्य में आठ थानों का दल बल लगा हुआ है. इनके साथ एसडीआरएफ की टीम, ग्रामीण जन व करीब 500 से अधिक शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं. इन दलों ने दिन रात रेस्क्यू कर लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने पुलिस एवं ट्रेफिक विभाग को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी पुल पर आवागमन को एक दो दिन के लिए बंद किया जाए. अतिवृष्टि के कारण पुल क्षतिग्रस्त तो नहीं हुआ है. इसकी जांच कर ही पुल पर आवागमन प्रारंभ किया जाएं. पीड्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर पुल की जांच कर पुल पर आवागमन प्रारंभ करें, यातायात पुलिस शहर में यातायात को सुचारू करें.

देवास। कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने नेमावर में नर्मदा नदी के जल स्तर बढ़ने व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीआरएफ की टीम, अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारीगण, कर्मचारीगण मौजूद थे. निरीक्षण के दौरान कलेक्टर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह, विधायक शर्मा ने नाव में बैठकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान कलेक्टर शुक्ला ने कहा कि आगामी दो दिन विशेष सावधानी बरतने के हैं. इन दो दिनों में नर्मदा नदी का जल स्तर और बढ़ सकता है. इसलिए सावधानी बरतना है तथा राहत एवं बचाव कार्य को सतत जारी रखना है. उन्होंने 12 नावों से पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए. पेट्रोलिंग में एसडीआरएफ एवं ट्रैफिक पुलिस और अन्य अधिकारीगण निगरानी रखेंगे. एसडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की टीम मुस्तैदी से तैनात है, लगातार राहत एवं बचाव कार्य कर रही है.

निरीक्षण के दौरान ने बताया गया कि अतिवृष्टि के कारण 15 हजार लोगों प्रभावित हुए हैं, इसमें कोई भी जनहानि नहीं हुई है. अतिवृष्टि के कारण 230 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 8 हजार लोगों को भोजन के पैकेट जिला प्रशासन द्वारा प्रदान किए गए हैं. 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ठहरने की व्यवस्था की गई है. कलेक्टर ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि वे अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकंलन तैयार करें. जिससे प्रभावित लोगों को राहत राशि मिल सके. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बाढ़ से जिन लोगों के कपड़े, राशन बह गए हैं, उनका भी आंकलन करें. कलेक्टर ने एसडीएम खातेगांव को निर्देश दिए कि प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराने के दौरान किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो का विशेष ध्यान रखा जाएं. उन्होंने शिविर में चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए सभी के लिए भोजन, पीने के लिए पानी तथा बिस्तर एवं अन्य वस्त्रों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं.

इस मौके पर एसपी ने कहा कि राहत बचाव कार्य में आठ थानों का दल बल लगा हुआ है. इनके साथ एसडीआरएफ की टीम, ग्रामीण जन व करीब 500 से अधिक शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों को राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं. इन दलों ने दिन रात रेस्क्यू कर लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने पुलिस एवं ट्रेफिक विभाग को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी पुल पर आवागमन को एक दो दिन के लिए बंद किया जाए. अतिवृष्टि के कारण पुल क्षतिग्रस्त तो नहीं हुआ है. इसकी जांच कर ही पुल पर आवागमन प्रारंभ किया जाएं. पीड्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर पुल की जांच कर पुल पर आवागमन प्रारंभ करें, यातायात पुलिस शहर में यातायात को सुचारू करें.

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